Tuesday, March 18, 2025

प्रवीर - महत्वपूर्ण तिथियां

बस्तर के अखबार ‘दण्डकारण्य समाचार‘ की 1959 से 2003 तक की 45 वर्षों की यात्रा का संकलन है ‘जिज्ञासा‘। इसमें आई दस्तावेजी महत्व की जानकारियों में पेज 84 पर वर्ष 7 अंक 37 जगदलपुर, रविवार 27 मार्च 1966 के साथ ‘राजमहल में गोली कांड, पुलिस की गोली से प्रवीरचंद्र भंजदेव का निधन‘ प्रकाशित है और इसी क्रम में पेज 85-86 पर उनके जीवन की महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार छपी हैं- 

स्वर्गीय प्रवीर के जीवन की महत्वपूर्ण तिथियां 

२५ जून १९२९-प्रवीरचंद्र भंजदेव का शिलांग में जन्म 
९ मार्च १९३४-प्रवीर के लघु भ्राता वर्तमान महाराजा श्री विजयचंद्र भंजदेव का इंग्लैंड में जन्म। 
फरवरी १९३६- प्रवीर की माता महारानी प्रफुल्ल कुमारी का इंग्लैंड में देहावसान। 
१६ जुलाई १९४७- प्रवीर का विधिवत राज्याभिषेक। 
१ जनवरी १९४८- बस्तर का रियासत का विलीनीकरण। 
१९५३-शासन द्वारा प्रवीर की सारी संपत्ति कोर्ट आफ वार्डस के अधीन करने की घोषणा 
१९५५- प्रवीर द्वारा आदिवासी किसान मजदूर संघ की स्थापना। 
१९५७- प्रवीर का जिला कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होना तथा बाद में आम चुनाव में विधायक निर्वाचित होना। प्रवीर के पिता स्व. श्री प्रफुल्लचंद्र का निधन। 
१९५८- प्रवीर द्वारा आदिवासी सेवा दल स्थापना। 
१९५९- श्री प्रवीर द्वारा विधानसभा की मान्यता से त्यागपत्र। 
११ फरवरी १९६१-धनपूंजी गांव में प्रवीर की गिरफ्तारी
 
१२ फरवरी १९६१- शासन द्वारा प्रवीर गतिविधियों तथा उनके वक्तव्यों को जनविरोधी बताते हुये उनकी मान्यता रद्द की घोषणा। 
२७ मार्च १९६१- तोकापाल अश्रु गैस कांड। 
३१ मार्च १९६१- लोहंडीगुड़ा तथा सिरिसगुड़ा में आदिवासियों द्वारा प्रदर्शन तथा प्रवीर की रिहाई की मांग। लोहंडीगुड़ा में पुलिस द्वारा आदिवासियों पर गोली चालन। 
२६ अप्रैल १९६१- प्रवीर की नरसिंहगढ़ जेल से रिहाई, शासन द्वारा नियुक्त सलाहकार बोर्ड द्वारा प्रवीर की गिरफ्तारी को अवैध निरूपित किया जाना। 
४ जुलाई १९६१-प्रवीर का पाटन की राजकन्या शुभ राजकुमारी से विवाह (प्रवीर द्वारा महारानी वेदवती देवी नामकरण) 
अक्टूबर १९६१- प्रवीर द्वारा १४ वर्षों की लंबी अवधि के बाद पुनः विधिवत रथारुढ़ होकर दशहरा समारोह का नेतृत्व (इसके पूर्व वे १९४७ में रथारुढ़ हुये थे।) 
नवंबर १९६१- प्रवीर द्वारा ‘राजा मड़ई‘ का पुनः शुभारंभ (राजा मड़ई १९३७ से बंद थी) 
दिसंबर १९६१-प्रवीर दूद्वारा ‘महाराजा पार्टी‘ की स्थापना। 
फरवरी १९६२- कांकेर तथा बीजापुर के अतिरिक्त शेष सभी क्षेत्रों से महाराजा पार्टी के प्रत्याशियों की विजय। 
६ अक्टूबर १९६२- महारानी वेदवती देवी का बस्तर आगमन। 
८ तथा ९ अक्टूबर १९६२- महाराजा प्रवीर तया महारानी वेदवती देवी, दोनों के द्वारा रथारुढ़ होकर दशहरा समारोह का नेतृत्व। 
८ मई १९६३-जगदलपुर राजमहल में प्रवीर की संपत्ति कोर्ट आफ वार्डस से मुक्त करने के लिये आदिवासियों द्वारा कोर्ट आफ वार्डस के कार्यालय पर हमला। 
९ मई १९६२- महारानी वेदवती द्वारा महल का त्याग तथा पाटन को प्रस्थान। 
१० मई १९६३- म. प्र. शासन द्वारा प्रवीर की संपत्ति कोर्ट आफ वार्डस से मुक्त करने का निर्णय। 
३० जुलाई १९६३- प्रवीर की ३० लाख की संपत्ति कोर्ट आफ वार्डस से मुक्त 
१६ नवंबर १९६३- प्रवीर द्वारा दीपावली के अवसर पर दान करते समय रिक्शा चालक मोतीलाल का हाथ काट दिया जाना। 
१९ नवंबर १९६३- मोतीलाल का हाथ काटने के अभियोग में प्रवीर की गिरफ्तारी तथा ५०० रुपये की जमानत पर रिहाई। 
२२ सितंबर १९६४- हाथ काटने के अभियोग में प्रवीर को १००० रु. जुर्माना तथा १८ माह की सख्त कैद की सजा सुनाया जाना एवं प्रवीर द्वारा अपील पेश। 
१२ जनवरी १९६५- प्रवीर द्वारा दिल्ली जाकर शांतिवन में अनशन। गृहमंत्री श्री नंदा द्वारा आश्वासन दिये जाने पर अनशन की उसी दिन समाप्ति। 
२ नवंबर १९६५-खाद्य संकट से प्रभावित सैकड़ों आंदिवासियों का महल में जमाव। 
१६ नवंबर १९६५-आदिवासी महिलाओं द्वारा रुपये में चार सेर चावल तथा सोने की लापता छड़ी की मांगों को लेकर जिलाधीश कार्यालय में धरना तथा प्रदर्शन। 
१२ दिसंबर १९६५- प्रवीर द्वारा सोने की लापता छड़ी की मांग लेकर अनशन। 
१६ दिसंबर १९६५-कमिश्नर श्री वीरभद्रसिंह के आश्वासन पर अनशन समाप्ति। 
४ फरवरी १९६६-केशरपाल में लेव्ही वसूली के समय उपद्रव। पुलिस द्वारा आदिवासियों पर अश्रु गैस लाठी चार्ज। 
८ फरवरी १९६६- लेव्ही वसूली के प्रश्न पर प्रवीर द्वारा विजय भवन में अनशन आरंभ। 
११ फरवरी १९६६- शासन द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन दिये जाने पर अनशन की समाप्ति। 
१८ मार्च १९६६- राजमहल में पुलिस द्वारा आदिवासियों को पीटे जाने पर आदिवासियों द्वारा तीर कमान संभाल लिया जाना प्रवीर के बीच बचाव से अप्रिय घटना का टल जाना। 
२५ मार्च १९६६- आदिवासी कैदियों को न्यायालय ले जाते समय अन्य आदिवासियों द्वारा पुलिस दल पर तीर फेंकना जिसमें एक सूबेदार सहित ९ पुलिसमैन आहत (सरदार अवतार सिंह) की मृत्यु। पुलिस द्वारा आदिवासियों को महल में घेरकर गोली चालन। आधी रात तक संघर्ष। 
२५ मार्च १९६६- रात्रि के समय गोलियों से प्रवीर की महल में मृत्यु। 
२६ मार्च १९६६- प्रवीर का संध्या समय अंतिम संस्कार।
-इस्माईल जगदलपुरी

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