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Saturday, March 3, 2012

मिक्स वेज

कुछ दृश्य ऐसे होते हैं, जिन्हें देखते ही मन, ब्लाग पोस्ट गढ़ने लगता है मगर वह पोस्ट न बन पाए तो तात्कालिक रूपरेखा धूमिल पड़ जाती है पर तस्वीरें कुलबुलाती रहती हैं। कुछ साथी हैं, जो मामूली और अकारण सी लगने वाली एक तस्वीर पर पूरी पोस्ट तान सकते हैं या पोस्ट किसी विषय पर हो, उसमें उपलब्ध तस्वीर के अनुकूल प्रसंग रच लेते हैं, जैसा कई बार फिल्मों में गीत के सिचुएशन के लिए होता है। स्वयं में वैसी रचनात्मक क्षमता का अभाव पाता हूं, इसलिए यहां फिलहाल honesty को best policy माना है।

परिस्थितिवश अनुपयोगी साबित हो रही तस्वीरें उसी तरह हैं जैसे कुछ कम कुछ ज्यादा बची, कुछ ताजी, कुछ बासी सब्जियां, जिनके बारे में तय नहीं हो पाता कि क्या बनाया जाय तो अक्सर इसका आसान हल निकलता है, मिक्स वेज। यह किसी की रुचि और जायके का हो न हो, नापसंद शायद ही कोई करता है। इसी भरोसे तस्वीरों वाली, मसाला फिल्मों की तरह भक्त और भगवान, भ्रष्टाचार-घोटाला, परी, दिल, शिक्षा, पैसा, ज्योतिष, इलाज, राजनीति और गांधी तक शामिल यह पंचमेल तस्‍वीरों वाली पोस्ट।
बजरंग बली मंदिर पर शिव, गांधीजी के बंदर और अशोक स्तंभ (सरकार का सिक्का)
बगल में गिरोद मेला में युवक के बाजू पर गुरु घासीदास का गोदना
परी, जनाना या नचकारिन (नचकहारिन या नहचकारिन भी)
 छत्तीसगढ़ के पारम्परिक लोकमंच 'नाचा' के पुरुष कलाकार
नीचे ''भ्रष्टाचार एवं घोटाला'', प्रेस- प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ और
ऊपर एक ही जगह तीन दल व कहीं चार अखबार साथ-साथ
यहां कोई पचासेक कोचिंग संस्थान घेरे हुए हैं। ऊपर, बांया भाग, बीच में सम्मुख और नीचे दाहिने हिस्से का दृश्य, अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस बिंदु से तस्वीरें ली गईं हैं, वह स्कूल का प्रवेश-द्वार ही होगा
ऊपर सौतन से छुटकारा, लव मैरिज, वशीकरण स्पेशलिस्ट,
बीच में ''किसी प्रकार के दर्द से छुटकारा पाऐं बैध बीबी ...? (वैद्य बी बी श्रीवास्तव)
और नीचे जी हां, शादी ब्याह के लिए ... दिल कटिंग 15 मिनट में
अपनी रसोई है, यहां 'अलवा-जलवा' भी 'नवरतन कोरमा.'