गीत बजता- 'प्यार किया तो डरना क्या, प्यार किया कोई चोरी नहीं की', एक समय था जब रेडियो पर यह गीत सुनते कोई लड़की पकड़ी जाए तो उसकी खैर नहीं, और लड़के सुनते पाए गए तो उनका चरित्र संदिग्ध हो जाता था। उदार अभिभावक, जो ऐसा नहीं सोचते थे वे भी किसी अनिष्ट, बच्चे के बिगड़ने की आशंका से अवश्य ग्रस्त हो जाते थे। समय के साथ बोल बदले- 'खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों, इस दुनिया से नहीं डरेंगे हम दोनों, प्यार हम करते हैं चोरी नहीं...' गीत गुनगुनाया-गाया जाने लगा। अब गीत बजता है, फिल्म दबंग-2 का, जिसमें मिस काल की उपयोगिता प्रतिपादित करने जैसी कोई बात समझ में आती है। खोया-पाया यानि 'मिस से हासिल' तुक बना तो मिस काल और एसएमएस खंगालने लगा।
15 जून 2012 को 9827988889 नंबर से एसएमएस आया था कि कलाम साहब को फिर से राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं तो 08082891049 (टॉल फ्री) पर मिस काल करें और यह संदेश अपने मित्रों को अग्रेषित करें। (मैंने विश्वास भी नहीं किया या आलस कर गया और शायद मेरे जैसों के चलते कलाम साहब दुबारा राष्ट्रपति नहीं बन पाए।)
6 जून 2012 को 9907927255 से आया एसएमएस, 9402702752 नंबर से भेजा बताया गया, संदेश था 2 वर्ष की बच्ची श्रेया की किडनी खराब हो गई है, उसकी शल्य चिकित्सा के लिए 6 से 8 लाख रुपयों की आवश्यकता है। सभी नेटवर्क सहमत हैं कि वे इसके लिए 10 पैसे प्रति एसएमएस (अंशदान) देंगे। यह भी कहा गया था कि यदि आपको निःशुल्क संदेश सुविधा है तो यह संदेश कम से कम 10 लोगों को अग्रेषित करें।
इसी तरह 6 अगस्त 2011 को 9582567280 से एसएमएस आया बारंबर दुहरा कर लिखा ऊं... ... ..., यह 108 ओम है। इसे 11 लोगों को भेजिए और देखिए अगले मिनट से ही आपका अच्छा समय शुरू हो जाएगा।
कुछ और नमूने- एक मिस काल करने से 100 करोड़ लोगों के जीवन में खुशियाली आएगी, 02233081122 (टॉल फ्री) पर मिस काल करें, सत्याग्रह का समर्थन करें, यह एसएमएस कम से कम 10 को भेजें।
इसी तरह के एक एसएमएस में कहा गया था- भारत सरकार ने शर्त रखी है कि लोकपाल विधेयक को लागू करने के लिए 25 लाख लोगों का समर्थन चाहिए और इसके लिए हमें सिर्फ एक मिस काल 02281550789 पर देना है। मिस काल देने के बाद आपको धन्यवाद संदेश मिलेगा, भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए यह संदेश अधिक से अधिक लोगों को भेजें।
ऐसा ही एक अन्य एसएमएस, जिसमें 25 करोड़ जनता के समर्थन की आवश्यकता बताई गई और फोन नं. 02261550789 पर फ्री काल कर अपनी जागरूकता का परिचय देने का आह्वान किया गया था।
कुछ समय पहले शुभचिंतकों के एसएमएस से नासा की कथित चेतावनी की खबर मिली थी कि आज रात 12 से 2 बजे के बीच अपना मोबाइल फोन आफ कर लें, अन्यथा आपके मोबाइल में विस्फोट हो सकता है तथा यह भी कि इस संदेश को अपने परिचितों को अग्रेषित अवश्य करें। एक संदेश 11 जुलाई 2012 को 9406038000 से आया कि पैकेट वाले पानी से नया वायरस एचबीएफ (हाइ बोन फीवर) फैल रहा है, बचें, औरों को बचाएं। एक मेल यह भी था कि ''अगर आपको लगता है कि स्वचालित आधुनिक मशीनयुक्त गौ कत्लखाने नहीं खुलने चाहिए तो 05223095743 मिस काल करें।'' साथ ही जिस तरह आपने अन्ना हजारे के लोकपाल बिल को सफल बनाया उसी तरह (मिस काल से?) समर्थन दें।
शुक्रवारी संतोषी माता के दौर को याद करें। मैं तो आरती उतारूं रे ... गुड़-चना का प्रसाद, नीबू, इमली, दही, खटाई, खाना ही नहीं छूना भी, सिर्फ व्रत रखने वाले के लिए नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए वर्जित। उस दौर में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे पोस्ट कार्ड न मिला हो, जिसमें संतोषी माता की कृपा और कोप सहित संदेश के मुताबिक दस लोगों को ऐसा ही कार्ड लिख कर भेजना होता था। पिछले वर्षों में एक अन्य शुक्रवारी व्रत 'वैभवलक्ष्मी' का प्रचार हुआ है। इस कथित प्राचीन व्रत की पुस्तिका पूजा विधि, व्रत कथा और महात्म्य एक साथ है, जिसमें मां जी शीला को बताती हैं कि उद्यापन में कम से कम सात कुंवारी या सौभाग्यशाली स्त्रियों को कुमकुम का तिलक कर के साहित्य संगम की 'वैभवलक्ष्मी व्रत' की एक-एक पुस्तक उपहार में देनी चाहिए। पुस्तिका के आरंभ में 13 सूत्रीय नियमों में एक यह भी है कि व्रत पूरा होने पर वैभवलक्ष्मी व्रत पुस्तक भेंट में देनी चाहिए, जितनी ज्यादा पुस्तक आप देंगे उतनी मां लक्ष्मी की ज्यादा कृपा होगी (लेकिन यह भी स्पष्ट किया गया है) और मां लक्ष्मी जी का यह अद्भुत व्रत का ज्यादा प्रचार होगा, लेकिन इसका एक फल यह कि इन पुस्तिकाओं की गड्डी को नदी प्रवाह करना पड़ता है।
देश की धर्मप्राण जनता (खासकर महिलाओं) के मनोविज्ञान और प्रचार-तंत्र के अध्ययन के लिए संतोषी माता, वैभव लक्ष्मी और गणेश प्रतिमाओं के दुग्धपान जैसी चीजें बड़े काम की हो सकती हैं। सूचना तंत्र के अभाव में 1857 के दौर में लाल कमल और रोटी भी इसी तरह काम में लिए जाने की बात पता लगती है और सूचना के इस दौर में भी विधि, बदले साधनों के साथ कमोबेश यही कारगर है। इसी विधि का प्रयोग नेटवर्क मारकेटिंग में होता है। आमतौर पर हम संख्याओं की समान्तर वृद्धि सोचते हैं गिनती 1, 2, 3, 4 या सरल गुणक 2, 4, 6, 8 में। थॉमस मालथस ने ध्यान कराया था, जबकि जनसंख्या में वृद्धि ज्यामितीय गुणोत्तर यानि 2, 4, 8, 16 आदि होती है।
शतरंज के अविष्कारक ने राजा के मुंहमांगे इनाम के अनुग्रह पर शतरंज के पहले खाने के लिए गेहूं का एक दाना, दूसरे के दो, तीसरे के लिए चार, चौथे के लिए आठ, बस इसी तरह चौंसठ खानों के लिए गेहूं के दानों का 'मामूली' सा इनाम मांगा, यह आपने भी सुना होगा, लेकिन इसका हिसाब शायद न सुना हो, वह है बीस अंको की संख्या- एक महाशंख चौरासी शंख छियालिस पद्म चौहत्तर नील चालीस खरब तिहत्तर अरब सत्तर करोड़ पंचानबे लाख इक्यानबे हजार छै सौ पंद्रह यानि 1,84,46,74,40,73,70,95,91,615 मात्र। इतनी संख्या में गेहूं के दाने रखने के लिए लगभग बारह हजार घन मीटर स्थान की जरूरत होगी। कहा जाता है कि संकट में पड़े नादान-उदार राजा के चतुर मंत्री ने तोड़ निकाला कि अविष्कारक का पूरा हिसाब होगा, वह गिन-गिन कर एक-एक दाना ले ले, बस काम बन गया। गणितज्ञों ने यह हिसाब भी लगा लिया है कि एक घन मीटर गेहूं गिनने में कम से कम छै महीने लगते।
रियलिटी शो एसएमएस के 'उद्यम' की आवश्यकता और सार्थकता साबित कर ही रहे हैं तब फिलहाल तो यही लगता है मिस काल और एसएमएस से ही सब कुछ हो जाने वाला है। आदर्श या बेहतर स्थितियां की आकांक्षा हो, विचार या प्रयास, स्वागतेय होना चाहिए, लेकिन यह सिर्फ मिस काल और एसएमएस से संभव हो जाने का भरोसा हो तो..., आगे क्या लिखूं, आप खुद समझदार हैं।