Friday, January 28, 2011

छत्तीसगढ़ पद्म

वर्ष 2011 की घोषणा के साथ, छत्तीसगढ़ के पद्म अलंकृत और अलंकरणों की संख्‍या क्रमशः 15 और 17 हो गई है। इस सूची के श्री हबीब तनवीर और श्रीमती तीजनबाई पद्मश्री फिर पद्मभूषण अलंकृत हो चुके हैं। श्री सत्यदेव दुबे के लिए संभवतः, इकट्‌ठे पद्मभूषण घोषित हुआ है। सामाजिक कार्य के क्षेत्र में श्री धरमपाल सैनी, श्रीमती राजमोहिनी देवी और चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. दि्वजेन्‍द्र नाथ मुखर्जी, डॉ. अरुण त्र्यंबक दाबके व डॉ. पुखराज बाफना के अलावा इनमें से सभी अलंकरण साहित्य-शिक्षा अथवा कला के क्षेत्र में कार्य-उपलब्धियों के लिए दिए गए हैं।

सूची :

डॉ. दि्वजेन्‍द्र नाथ मुखर्जी - 1965 - पद्मश्री
पं. मुकुटधर पाण्डेय - 1976 - पद्मश्री
श्री हबीब तनवीर - 1983 - पद्मश्री, 2002 - पद्मभूषण
श्रीमती तीजनबाई - 1988 - पद्मश्री, 2003 - पद्मभूषण
श्रीमती राजमोहिनी देवी - 1989 - पद्मश्री
श्री धरमपाल सैनी - 1992 - पद्मश्री
डॉ. अरुण त्र्यंबक दाबके - 2004 - पद्मश्री
श्री पुनाराम निषाद - 2005 - पद्मश्री
सुश्री मेहरुन्निसा परवेज - 2005 - पद्मश्री
डॉ.महादेव प्रसाद पाण्डेय - 2007 - पद्मश्री
श्री जॉन मार्टिन नेल्सन - 2008 - पद्मश्री
श्री गोविंदराम निर्मलकर - 2009 - पद्मश्री
डॉ. सुरेन्द्र दुबे - 2010 - पद्मश्री
श्री सत्यदेव दुबे - 2011 - पद्मभूषण
डॉ. पुखराज बाफना - 2011 - पद्मश्री
डॉ. दि्वजेन्‍द्र नाथ मुखर्जी - पं. मुकुटधर पाण्डेय - श्री हबीब तनवीर
श्रीमती तीजनबाई - श्रीमती राजमोहिनी देवी - श्री धरमपाल सैनी

डॉ. अरुण त्र्यंबक दाबके - श्री पुनाराम निषाद - सुश्री मेहरुन्निसा परवेज

डॉ. महादेव प्रसाद पाण्डेय - श्री जॉन मार्टिन नेल्सन - श्री गोविंदराम निर्मलकर

डॉ. सुरेन्द्र दुबे - श्री सत्यदेव दुबे - डॉ. पुखराज बाफना
डॉ. दि्वजेन्‍द्र नाथ मुखर्जी को पश्चिम बंगाल का, श्री हबीब तनवीर को दिल्ली और मध्यप्रदेश का, सुश्री मेहरुन्निसा परवेज को मध्यप्रदेश का और श्री सत्यदेव दुबे को महाराष्ट्र का दर्ज किया गया है, लेकिन जन्मना अथवा छत्तीसगढ़ से गहरे जुड़ाव के कारण इस सूची के आवश्यक नाम हैं। प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या, 25 जनवरी को इन सम्‍मानों की घोषणा की जाती है। (विशेष प्रयोजन हेतु अधिकृत वेबसाइट तथा सम्‍पूर्ण सूची का अवलोकन करें।)

निवेदन :

पद्म अलंकृतों की चर्चा के दौरान और इसकी तलाश में स्‍वयं को हुई कठिनाई के निदान हेतु विस्‍तृत तथ्‍यात्‍मक संयोजन, विश्‍लेषण सहित तैयार किया जाने की योजना थी, वैसी तैयारी अब तक नहीं हो सकी, लेकिन शुरुआत की दृष्टि से और मान कर कि इतनी भी जानकारी उपयोगी होगी, अतएव ...

सविनय, इस पोस्ट पर सामान्यतः टिप्पणी अपेक्षित नहीं है, किंतु तथ्यात्मक जानकारियों को अद्यतन और बेहतर करने के अपने प्रयास के अलावा परिवर्धन, संशोधन के आपके सुझाव एवं सहयोग का स्वागत रहेगा।
आभार - इंडि‍यानेटजोन, श्री सैयद अली, जगदलपुर, श्री संजीव ति‍वारी, भिलाई, श्री आलोक देव, जगदलपुर, श्री अनूप कि‍ण्‍डो, अंबिकापुर

पद्मश्री सम्‍मान 2012 के लिए छत्‍तीसगढ़ की दो महिलाओं- श्रीमती शमशाद बेगम तथा श्रीमती फूलबासन बाई यादव का नाम, सामाजिक कार्य के क्षेत्र में घोषित हुआ है।

36 comments:

  1. सार्थक जानकारी इससे हमें इन व्यक्तियों के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगा ...आपका आभार

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  2. छत्तीसगढ़ में पद्मश्री को ले कर एक माफिया सक्रिय है. लोग जितना है, नहीं, उससे ज्यादा अपेक्षापाल बैठे है. दुर्भाग्य यही है. पद्मश्री के लिए जिस स्टार पर यहाँ जोड़तोड़ देख रहा हूँ. उससे निराशा होती है,की क्या इतना नीचे गिर कर पद्श्री मिलती है? पहले तो शायद ऐसा नहीं था. मान ही नहीं सकता. लेकिन अब कुछ सालों से ऐसा हो रहा है. राज्य के पद्मश्री प्राप्त लोग पद्मश्री पाने के बाद और गौरवान्वित हो, ऐसा न हो की लोग उन्हें 'छद्मश्री'' कहने लगे. अपने राज्य में अनेक विभूतिया है, जो पद्मश्री क्या पद्मविभूषण और उससे भी अच्छी उपाधियाँ पाने लायक है. लेकिन सच तो ये है, की उसके लिए भले लोग प्रयास ही नहीं करेंगे...खैर, आने वाले समय में पद्मश्री देने का कोई और बेहतर तरीका निकले तो शायाद और बेहतर नाम सामने आयेंगे. बहरहाल यह संतोष की बात है, की चलो, जैसे भी, जिस तरीके से भी हो, पद्मश्री मिल तो रही है...

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  3. देश पे राजनीति,धर्म पे राजनीति,इंसानियत पे राजनीति ,तिरंगे पर भी राजनीति...फिर ये पुरस्कार कैसे अछूते रहते.

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  4. राहुल सिंह जी मै गिरीश पंकज से पूरी तरह सहमत हूँ और छत्तीसगढ़ में इन पुरस्कारों हेतु चयन कर्ताओं की बुद्धि और सोच पर शर्म आती है

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  5. प्रतिक्षा रहेगी विस्तृत जानकारी की।

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  6. अपेक्षित नहीं है, इसलिये....

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  7. राहुल जी! सही कहा कि टिप्पणी अपेक्षित नहीं है.. किंतु एक नाम पर अपनी बधाई न व्यक्त करूं तो मन में कसक रह जाएगी.. मेरे आदर्श रहे पंडित सत्यदेव दुबे का नाम चाहे महाराष्ट्र की सूचि में हो या छत्तीसगढ़ की.. मेरे तो हृदय में निवास करते हैं वे!!
    अतः बधाई मेरी ओर से आपके मार्फ़त!!

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  8. Gantantr diwas kee haardik badhayee!

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  9. धन्यवाद इस जानकारी के लिए।

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  10. स्वस्थ परम्परा है, छत्तीसगढ़ की।

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  11. भाई साहब उपर फ़ोटु के लिए एक जगह खाली रखी है आपने।
    हम भी सोच रहे हैं कि वहां हमारी फ़ोटो लगे तो बढिया हो जाए।
    हम भी कतार में लगे हैं समझिए। कभी तो सुनेंगे ठाकुर देव।

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  12. हम girish pankaj जी से सहमत हे जी, बाकी उस खाली जगह पर अभी से आप ललित भाई की फ़ोटू चिपका दे:) हम भगवान से प्राथना करते हे कि इन की कामना पुरी हो

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  13. राहुल जी इन सभी विभुतियों का संक्षिप्त परिचय दो चार पंक्तियों में दे दिया जाए तो जानकारी में वृद्धि होगी।

    इस वर्ष सम्मानित सभी व्यक्तियों को बधाई।

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  14. इतने बडे और महत्‍वपूर्ण पुरस्‍कार जिनसे किसी खास व्‍यक्ति का नाम नहीं प्रदेश का नाम गौरवान्वित होता है वो हैं पदम पुरस्‍कार और अगर छत्तीसगढ़ में इन पुरस्‍कारों को ले कर एक माफिया सक्रिय भी है तो उस कमेटी के लोगों को भी ये सोचकर क्‍या चुनाव नहीं करना चाहिये कि दूसरे प्रदेश के लोगों के सामने हमारे प्रदेश के नाम भारी पडें....और जिनके नामों पर किसी को भी प्रतिक्रया देने का अवसर न मिले....खोजने पर अगले कई बरसों के लिये ऐसे नाम जरूर मिल जायेंगे जिनके लिये प्रदेश का हर व्‍यक्ति सहमत होगा....

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  15. कोई टिपण्णी नहीं.

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  16. पुरस्कारों के पीछे, राजनीति तो होती है. पर मेहरुन्निसा परवेज और सत्यदेव दुबे का नाम देख,अच्छा लगा...बचपन से ही इन दोनों की प्रशंसक रही हूँ...आपकी पोस्ट से पता चला कि ये लोग छत्तीसगढ़ के हैं.

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  17. तीजन बाए जी, हबीब तनवीर जी और सुरेन्द्र दुबे जी के बारे में जानकारी थी, और भी लोगों के बारे जानकर बहुत खुशी हुई... छतीसगढ़ कभी अलग लगा ही नहीं... शायद इसीलिए वहां की खुशी और गम भी अपना ही लगता है... ये सरहदें तो अजीब-बुद्धी की देन है...

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  18. This comment has been removed by the author.

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  19. इन्हें टिप्पणी ना माना जाए :)

    (१) रुक्मणी आश्रम डिमरापाल , जगदलपुर वाले पद्मश्री धर्मपाल सैनी को कहां का माना जाये ?

    (२) मध्य प्रदेश के एक पद्मश्री बंदे को उनके ही शिष्य छद्मश्री कहते थे ! उनकी सम्मान जुगाड़ने की तकनीक पर चर्चा की जा सकती है :)

    (३)अब सम्मान को छोडिये भी ...आपका नया प्रोफाइल फोटो गजब का है पहले क्यों नहीं लगाया ? :)

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  20. जानकारी में वृद्धि हुई...

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  21. litrally very nice and knowladgeable post!

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  22. बहोत अच्छा जानकारी मिला इस ब्लॉग से. सर जी इन सभी बिद्वान के संक्षिप्त परिचय मिलजाता तो अच्छा होता.बहोत अच्छी जानकारी आप से मिला.
    बहोत बहोत आभार इस रोचक पोस्ट केलिए.

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  23. इस लेख के ज़रिये अच्छी जानकारी मिली। छतीसगढ़ के सभी सम्मानित जन कों बधाई ।

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  24. आप अध्‍येताओं के लिए तत्‍काल सन्‍दर्भ जुटाने का प्रशंसनीय (और अनुकरणीय भी) परिश्रम कर रहे हैं। साधुवाद।

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  25. प्रतीक्षा रहेगी इन विभूतिओं के बारे मे जानकारी की। धन्यवाद।

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  26. 'जिन्हें मिला है उन्हें ही क्यों?
    किसी और को क्यों नहीं'
    मेरे वाले को क्यों नहीं'

    यह सुर कॉमेंट्स में नहीं पसंद आया ,सूची और सम्बद्ध जानकारी अच्छी लगी, मेरे जैसे और लोगों को भी,नई किन्तु महत्वपूर्ण चीजें आप के माध्यम से पकड़ में आ जाती हैं.

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  27. छत्तीसगढ़ के आँचल में अभी बहुत कुछ छिपा है ... कई अनमोल रतन निकालने बाकी हैं ....

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  28. धन्यवाद इस जानकारी के लिए।

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  29. sadhuwad.apni upalabdhiyon ko sahejana nayi pirhi ke liye preranhaspad hai.

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  30. फोटोग्राफ की पूर्ति किसी के द्वारा आज दिनांक तक नहीं किया गया, हमारा देश कितनी तरक्‍की कर रहा है.

    किशोर साहू

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  31. thank you so much sir for coming my Blog.

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  32. डॉ. दि्वजेन्‍द्र नाथ मुखर्जी इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है हमें, कृपया इनके बार में कुछ बताए।

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