आशीष कुमार दास |
सिनेमा के 100 वर्षों के सफर को भिलाई के आशीष कुमार दास जी ने छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ, रायपुर और मोहम्मद नईम तथा अपने अन्य सहयोगियों की मदद से आज रायपुर में प्रदर्शित किया। आशीष जी के पास पुराने दस्तावेजों, प्राचीन सिक्कों के अतिरिक्त महात्मा गांधी, नेहरू जी, नेताजी बोस, गुरुदेव रवीन्द्र, स्वतंत्रता संग्राम संबंधी सामग्री का भी संकलन है। भारतीय सिनेमा की इस प्रदर्शनी में फिल्मों के लगभग 100 बुकलेट-पुस्तिकाओं का संकलन रखा गया है। चलचित्रों की इस प्रदर्शनी की झलक, चित्रों में-
फिल्म पुस्तिकाएं |
सिनेमा हाल के टिकट |
द राजपूताना टाकीज लिमिटेड, जयपुर का शेयर सर्टिफिकेट |
बाम्बे टाकीज के फिल्मों की सूची यहां दर्ज है. |
रियासती पोस्ट कार्ड पर फिल्मी विज्ञापन |
इस फिल्म के छत्तीसगढ़ से रिश्ते की बात होती है और दर्शाया कलाकार, अन्य राजकुमार (छोटे) हैं. |
फीयरलेस नाडिया और जान कवास के साथ पेश बकरा कल्लू उस्ताद |
स्वयं के हस्ताक्षर युक्त देविका रानी का दीवाली ग्रीटिंग कार्ड |
छत्तीसगढ़ के एक और खोजी शिवानंद कामड़े जी और 'आलम आरा' की बातें अगली किसी पोस्ट के लिए।
जय हो माया मछेन्द्र .....नाडिया ..जान कौस ...
ReplyDeleteऔर वो मेरा बचपन ...याद आया ... मन भाया ,,
आभार!
beautiful collectable collection and nice post .
ReplyDeletefrom begining to end waiting next.
THANKS FOR NICE POST.
संग्रहणीय सामग्री .....!
ReplyDeleteआशीष कुमार दास जी का धन्यवाद कि धरोहर आज भी संजोए हुए हैं
ReplyDeleteआभार |
ReplyDeleteगज़ब। इधर अभी ही तहलका पर " टूरिंग टॉकीजों" पर राजकुमार सोनी जी की शानदार रिपोर्ट पढ़ी और अब यह। क्या कलेक्शन है!
ReplyDeleteचित्रों में व्यक्त पूरा इतिहास..
ReplyDeleteHeritage of National Importance. A year ago, i read a news mentioning that many of the manuscripts, Movie reels and other information regarding dozens of films destroyed due to lack of care and improper preserving techniques.
ReplyDeleteKudos to Ashish kumar Das, Md Nayeem and others who are doing a very generous work...
And thanks U (Rahul Sir) for bringing such a nice work done by them to the fore via blog..
Regards
Bikash K Sharma
संग्रही का काम!
ReplyDeleteवाह क्या बात है ... जय हो
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - लीजिये पेश है एक फटफटिया ब्लॉग बुलेटिन
आशीष जी के श्रमसाध्य कार्य को नमन...
ReplyDelete
संग्रहणीय पोस्ट के लिए आपका आभार...
जय हिंद...
नं. ०२७ जैसा टिकट लेकर हम भी सलीमा देखे हैं.वो बहार ही ऐसी थी जब पोस्टर देख के ही दिल धडकता था !
ReplyDeleteआज सौ-साल बाद सिनेमा अंदर से बाहर तक बहुत बदल गया है !
हमारे लिए बिलकुल नयी जानकारी ...
ReplyDeleteआभार आपका !
bahut khoob.....
ReplyDeleteबहुत कुछ याद आ गया है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .....संग्रहणीय
ReplyDeleteविशिष्ट लोग , विशिष्ट शौक !
ReplyDeleteअनूठा संग्रह।
ReplyDeleteवाह आशीष कुमार दस जी तो भंयकर सिनेमा प्रेमी और संग्राहक निकले
ReplyDeleteबढ़िया संग्रह है !!!
ReplyDeleteआशीषजी की मेहनत को आपने विस्तार देकर सिनेमाप्रेमियों पर उपकार किया है। पूरा युग रू-ब-रू हो गया।
ReplyDeleteबढ़िया संग्रह है :-)
ReplyDeleteन सिर्फ आशीष जी का धन्यवाद इस संग्रह के लिए वरन् आपका भी...हम तक इस संग्रह के बारे में सूचना पहुंचाने के लिए। सादर।
ReplyDeleteये कलेक्शन तो अनमोल है. इन्हें हमारे साथ शेयर करने का बहुत शुक्रिया. फिल्में एक गए वक्त की परछाई दिखाती हैं...सौ साल की फिल्मों की इस धरोहर को सहेजने के प्रयास छोटे-बड़े स्तर पर चल रहे हैं ये जानना एक सुखद अहसास है.
ReplyDeleteइन्हें वर्चुअली देखना इतना अच्छा लग रहा है...प्रदर्शनी में जा कर वाकई बेहद अच्छा लगा होगा आपको.
नाडिया का चेहरा भूल गया हूँ ...पर यहाँ आकर याद आ गया
ReplyDeleteभाई वाह, बहुत बहुत आभार, ऐसे चित्र याद दिलाए, जो भूल गए थे.
ReplyDeleteलगता है चित्रों और स्टिल्स में ही सदियाँ गुज़र गयीं!!
ReplyDeleteभुली बिसरी एक कहानी,
ReplyDeleteअब आई है याद पुरानी।
गजब का कलेक्शन है।
संग्रहणीय सामग्री
ReplyDeleteAdbhut sankal hai chachaji : )
ReplyDeleteपुरानी बातें नई बातें..
ReplyDeleteBahut umda jankari
ReplyDeleteअद्भुत!
ReplyDeleteवो भूली दास्तां..... लो फिर याद आ गई
ReplyDeleteवाह, बेहद दुर्लभ संकलन हैं। आनंदम् !
ReplyDelete.
ReplyDeleteफिल्मों और भारतीय राजनीति के बारे में
मुझे मेरे स्वर्गीय पिताजी के बचपन के ज़माने तक की बहुत सारी बातों की जानकारी है …
अधिक अपचरिचित-सा नहीं लगा आपकी इस संग्रहणीय पोस्ट को पढ़-देख कर…
बहुत अच्छा लगा , आनंद आया !
आभार आपके प्रति और आशीष कुमार दास जी और मोहम्मद नईम जी तथा उनके सहयोगियों के प्रति !
दुर्लभ!
ReplyDeleteवाकई दुर्लभ और संग्रहणीय!
ReplyDeleteसिनेमा के सौ साल पर आगे और भी पृष्ठों की प्रतीक्षा रहेगी। बधाई .
ReplyDeleteसिनेमा के सौ साल पर आगे और भी पृष्ठों की प्रतीक्षा रहेगी। बधाई .
ReplyDeleteबहुत सुंदर! शुक्रिया!
ReplyDeleteरविकान्त