देश के पुराने अंगरेजी अखबार ने हिन्दू नाम के साथ प्रतिष्ठा अर्जित की है, पिछले दिनों इस हिन्दू पर लक्ष्मी नामधारी पत्रकार ने ऐसा धब्बा लगाया है, जिस पर अफसोस और चिन्ता होती है। इस मामले का उल्लेख मेरी पिछली पोस्ट 36 खसम पर है।
रायपुर से प्रकाशित समाचार पत्र दैनिक 'छत्तीसगढ़ वॉच' ने इसकी सुध ली है।
20 फरवरी, मंगलवार को मुखपृष्ठ पर प्रकाशित समाचार |
21 फरवरी, बुधवार को अंतिम पृष्ठ पर प्रकाशित समाचार |
इसके अलावा ललित शर्मा जी ने फेसबुक पर तथा वरुण कुमार सखाजी ने भड़ास पर इसकी चर्चा अपने-अपने ढंग से की है। इस बीच पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के हस्ताक्षर युक्त प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख है कि आयोग, लेखिका को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगेगा और कार्यवाही करेगा।
इस संचार युग में यह खोज-खबर 'द हिन्दू' को होगी ही, लेकिन शायद बड़े पत्र-पत्रकार को 'छोटी-मोटी' बात की परवाह कहां... सवाल कि ये कैसा हिन्दू और ये कैसी लक्ष्मी है?
सब लक्ष्मी का ही खेल है सर!! वरना सैफ अली खान ने किस एन.आर.आई. को पीटा और उससे माफी मांगी जैसी खबरें राष्ट्रीय सुर्ख़ियों में होती हैं और ऐसी राष्ट्रीय अपमान के समाचारों के लिए ब्लोगर्स को लिखना पड़ रहा है!!
ReplyDeleteहास्य रंग परिहास को, पत्रकार पहचान ।
ReplyDeleteहै अक्षम्य यह धृष्टता, रे लक्ष्मी नादान ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
http://dineshkidillagi.blogspot.in
सजगता के लिए ब्लॉगर राहुल जी पर हमें गर्व है।
ReplyDeleteरविकर जी की पंक्ति सटीक है……
है अक्षम्य यह धृष्टता, रे लक्ष्मी नादान ।।
बेहद शर्मनाक घटना है, ज़िम्मेदारी का जैसे कोई अहसास ही न हो। आभार आपका!
ReplyDelete... ... हिन्दू अखबार सुना है अंग्रेजी बढिया लिखता है...
ReplyDeleteलोगों को सिखाने के उद्देश्य से!
फिर पढने के बाद ही कुछ कहेंगे!
सवाल कि ये कैसा हिन्दू और ये कैसी लक्ष्मी है?
ReplyDeleteBahut bada sawaal hai ye!
बहुत सही कहा है आपने ।
ReplyDeleteहिन्दू अखबार के संपादक महोदय को भी पत्र लिखा जा सकता है... देखिये कि वे क्या प्रतिक्रिया देते हैं... वैसे हिन्दू देवी देवताओं, संस्कारो आदि आदि पर हमेशा ही प्रहार होते रहे हैं.... वैसे सीधे लक्ष्मी जी से भी कह सकते हैं.... संपर्क सूत्र यह रहा... Ph: +91 99020 70689, Email: lakshmi@contentshop.in
ReplyDeleteबड़ा सवाल। आप इसलिए बधाई के पात्र हैं क्योंकि इस मुद्दे को सबसे पहले प्रमुखता से आपने उठायाया।
ReplyDeleteइस मुद्दे को आपने जिस हिसाब से उठाया, उस पर आने वाली प्रतिक्रियाओं और तमाम बातों को देख जिस तरह महिला आयोग हरकत में आया है वह प्रशंसनीय है। इस तरह की हरकतों का विरोध इसी तरह होना चाहिये न कि हिंसक या अन्य तरीकों से (जैसा कि कई मामलों में देखा गया है).
ReplyDeleteहिंदू को अपनी ओर से अब तक स्पष्टीकरण जारी कर देना चाहिये था लेकिन पता नहीं क्यों अब तक वे चेते नहीं हैं।
यह सब आपके प्रयासों का ही परिणाम है. आभार भी और बधाई भी.
ReplyDeleteइस मामले को पूरी संजीदगी के साथ टेक अप करना पड़ेगा!
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ की माटी में पैदा होकर हम इतने सहिष्णु या कहूँ नपुंसक हों कि कोई भी तथाकथित लक्ष्मी लेखिका अपनी नाम की गरिमा के प्रतिकूल कुछ भी लिख जाये और उसे यूँ ही बक्श दिया जाये तो कल कोई हमारी बहन बेटी पर सीधे हाथ उठाने को तैयार मिलेगा .
ReplyDeleteThe Hindu so called paper and so called Lakshmi Sharath must be punished by court. She should bained by us if we are CHHATTISGADIYA.
I PERSONALY FEEL YOU ARE BETTER THAN ME BY ALL MEANS SO IT OUR RESPONBILITIES TO TAKECARE OF OUR CUSTOM TRADITION AND SELFNESS.
UTHO JAGO SATYA .
अच्छी बात है...इस पर कार्यवाई की जा रही है...जल्दी ही 'लक्ष्मी शरथ' और 'हिन्दू' अखबार के संपादक को छत्तीसगढ़ वासियों से माफ़ी मांगनी पड़ेगी
ReplyDeleteमुख्य धारा का मीडिया पहले भी ऐसी संवेदनहीन हरकतें करता रहा है.वाकई अफसोसनाक वाकया है यह !
ReplyDeleteआपको धन्यवाद. यह तो सभी महिलाओं के लिये इंगित कर लिखा गया था. बहुत अच्छा किया आपने...
ReplyDeleteमुद्दे को छोडिएगा नहीं। केवल कह नहीं रहा, मुझ जैसा काम बताइएगा। इस मामले में सहयोगी/उपयोगी होकर मुझे आत्मीय प्रसन्नता होगी।
ReplyDeleteजमकर विरोध होना जायज है।
ReplyDeleteविचारणीय प्रश्न ..... विरोध नहीं करने से ऐसे वाकये आगे भी होते रहने का ही अंदेशा है......
ReplyDeletekewal wirodh krne se hi bat nahi banegi. kadi karyawahi ki bhi jarurat hai ..jisse bhavisya me is tarah ki galti ki punrawriti na ho .. badhai ho lalit ji....shankhnad karne ke liye..
ReplyDeleteयह आपकी मुहिम का ही सकारात्मक परिणाम है. हिंदू धर्म पर लान्क्षण लगाना तो प्रगतिशीलता (!) का परिचायक बन गया है. मगर शायद अभी 'चुनावी प्रतिबद्धताओं' के कारण 'हिंदुत्व' के झंडाबरदार भी चुप ही हैं.
ReplyDeleteशर्मनाक है...वैसे कहते हैं जैसा जिसके ज़ेहन में होता है, वैसे ही उसके उद्गार होते हैं...कहीं इस पत्रकार के साथ भी यही बात तो नहीं...
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जय हिंद...
जी, पूरी तरह सहमत. लेखन में (लेखक के स्तर के अनुरूप) रुचि, समझ और आवश्यकता ही तो प्रतिबिंबित होती है.
Deleteउचित प्रतिक्रिया, यह आवश्यक हो चला था।
ReplyDeleteमुद्दे पर मैं तो अपनी असहमति दर्ज करा ही चुका हूं और आगे भी सुश्री शरथ के इस कृत्य से घनघोर असहमत बना रहूँगा !
ReplyDeleteप्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteराहुल जी आपकी सजगता काम आई। आज ही खबर पढ़ी कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने उक्त विकृत मानसिकता वाले/वाली (नाम और लिंग जानबूझकर नहीं लिख रहा) को नोटिस भेजा है। खबर पढ़ते ही आपकी पोस्ट का स्मरण हो आया था।
ReplyDeleteआज 26/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
जिन खोजा तिन पाइयां .ऐसी पत्र्काराओं का हम सरयू घाट पर तर्पण करतें हैं .अलबत्ता पूछा जा सकता है छत्तीस खसम करने के लिए औरत का - छत्तीसगढ़िया होना ज़रूरी है . , लक्ष्मी जी ,महिला का छत्तीसगढ़िया होना ज़रूरी है ?यह धत कर्म तो कहीं भी हो सकता है यह एक प्रवृत्ति है स्थानीय गुण अवगुण नहीं आनुवंशिक बदमिजाजी है खानदानी दाय है .
ReplyDeleteअब तर्क दिया जा रहा है कि अपने गाइड और ड्राईवर कि बात सुन कर लिखा है ... ऐसा लिखते हुये खुद की क्या ज़िम्मेदारी थी इसका भी कोई एहसास नहीं ... शर्मनाक कथन
ReplyDeleteइस मुद्दे को उठाने के लिये आप बधाई के पात्र हैं!
ReplyDeleteबहुत ही संवेदन शील मुद्दे को वृहत परिदृश्य प्रदान करने के लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं... इस पूरे प्रकरण से जुड़े हरेक शख्स के विरुद्ध कठोर कार्यवाही हो, तभी इस प्रकार की घटनाएं अवरुद्ध हो पाएंगी...
ReplyDeleteसादर.
छत्तीसगढ़ वाच ने अपने नाम के अनुरूप इस खबर मामले को उठाकर अच्छा किया। महिला आयोग भी अगर हरकत में आया है तो अच्छी बात है।
ReplyDelete*
यहां हमें वीरूभाई जी की टिप्पणी पर भी ऐतराज होना चाहिए। लक्ष्मी सरथ जहां जाने-अनजाने में छत्तीसगढ़ की महिला की बात कर रहीं थी, वहीं वीरू जी तो जानते हुए हर महिला के लिए वही बात कह रहे हैं।
अधकचरे ज्ञान पर जो लोग अधिकार से लेखन करते हैं वही ऐसी अपराध सम गलतियां करते हैं लक्ष्मी शरथ को चाहिये की वे माफी मांग कर य़त्तीस गढ वासियों का क्षोभ कुछ कम करें ।
ReplyDeleteलगता है पाबला जी का स्पर्श पाकर ठीक हो गया मामला....
ReplyDeleteलक्ष्मी सरथ का ट्रैक रिकार्ड क्या है। इसी तरह का, या यह एक बार का जुबान/कलम फिसलना है?
ReplyDeleteनिन्दनीय है उनका और द हिन्दू का यह कृत्य।
यह भी संतोषजनक कहा जा सकता है कि कम से कम ऐसे लेखों पर विरोध तो दर्ज हो रहा है छत्तीसगढ़ वाच को इस मुद्दे को उठाने के लिए साधुवाद दिया ही जाना चाहिए
ReplyDeleteइस मामले को सबसे पहले आपने सिंहावलोकन पर उठाया था।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ आपके प्रति आभारी है।
Rahul jee ghatna ke baare mein sun chuka tha pahle hi... par aapka aalekh achha laga...
ReplyDeleteअंगरेज़ी अखबार मुझे सुहाता ही नहीं है, इसलिए पढ़ता भी नहीं।
ReplyDeleteअपमानजनक घटना।