'पीपली में छत्तीसगढ़' ब्लॉग पेज को अखबारों, पत्रिकाओं, चैनलों ने अपनी चर्चा का विषय बनाया. कुछ ने पूछा, किसी ने बताया, कुछ औरों ने बताया, हो सकता है कुछ की जानकारी मुझे अब तक न हो.
लेकिन 'मेल टुडे', दिल्ली के 9 अगस्त, पेज-7 का हिस्सा यहां लगा रहा हूं, जिन्होंने छापने के पहले न सिर्फ पूछा बल्कि ब्लॉग के उपयुक्त उल्लेख सहित यह प्रकाशित किया.
बधाईयाँ. मेल टुडे वाले बड़े शरीफ हैं. साधारनतया मीडिया वाले पूरी सामग्री तो प्रकाशित करते हैं परन्तु ब्लॉग का उल्लेख करने में उन्हें शर्म आती है.
ReplyDelete:)
ReplyDeleteसिंह साहब मैंने कटिंग पर क्लिक किया लेकिन रेखांकित अंश अपठनीय बने रहे ! संभवतः ये ब्लॉगों के नाम होंगे ! बाकी टिप्पणी सुब्रमनियन जी से सहमति वाली !
ReplyDeleteअखबार के चित्र का साईज बड़ा लगभग(1500)चौड़ाई में अपलोड करने से पढा जा सकता है।
ReplyDeleteवैसे सुब्रमनियन जी ने सही कहा है। यहां तो ब्लाग सामग्री धड़ल्ले से छाप देते हैं और पता ही नहीं चलता कौन ले गया। मुफ़्त का माल लेने वाले बहुत से शिकारी यहां नित शिकार ढुंढते मिलते हैं।
ब्लाग जगत की सामग्री के भरोसे ही कईयों की पत्रिकाओं की दुकान चल रही है। कुछ भी नहीं करना पड़ता, बस कापी पेस्ट से पत्रिका बन जाती है4 घंटे में।
शुभकामनाएं।
बधाई
ReplyDeleteरक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
ReplyDeleteआपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
मेल टुडे में ब्लॉग का उल्लेख हुआ इस बात की मुझे बेहद ख़ुशी हुई! आपको ढेर सारी बधाइयाँ!
badhai ...
ReplyDeletematalab yah ki naitikataa zinda hai...
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तूति-आभार
पढिए एक कहानी
आपके ब्लॉग की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर-स्वागत है।
औसत दरजे के स्थानीय स्तर के मीडिया भी ऐसे उल्लेख से बचते है. इस प्रतिष्ठित अखबार ने ब्लॉग और ब्लॉगर का बकायदा उल्लेख कर अपने अनुकूल स्तर का काम किया है. समाचार पत्र और संवाददाता दोनों की जितनी तारीफ की जाए कम है.
ReplyDelete-किशोर साहू