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Monday, May 3, 2010

सिरजन

छत्‍तीसगढ़ राज्‍य बनने के बाद ही, मार्च 2001 में, महंत घासीदास संग्रहालय परिसर, रायपुर में पारम्‍परिक शिल्पियों की कार्यशाला 'सिरजन−2001' का आयोजन हुआ। कभी−कभार टिप्‍पणी या लेख लिखने वाले मुझ जैसे से कहानी तो बन ही नहीं पाती तो सहजता से गद्य न लिख पाने वाले के लिए कविता की सोचना भी मुश्किल था। लेकिन बतौर ड्यूटी, परिसर पूरने के लिए मैंने कुछ पंक्तियां बनाईं। डॉ. केके चक्रवर्ती और डॉ. एए बोआज अधिकारी थे। पंक्तियां उपयुक्‍त लगीं। उत्‍साहित होकर कुछ और, जिन्‍हें मैंने भावानुवाद माना, छत्‍तीसगढ़ी में भी बना लिया। दोनों का इस्‍तेमाल पोस्‍टर की तरह हुआ। पिछले दिनों में कुछ गंभीर लोगों ने उनकी याद कराते हुए दोनों को कविताओं की मान्‍यता दी तो उन महानुभावों की सहिष्‍णुता और उदारता का कायल होकर याद किया कि एक अंग्रेजी अखबार में तब इसका (छत्‍तीसगढ़ी का) अनुवाद भी छपा था। खोजते हुए अक्‍सर जैसा नहीं होता, बारी−बारी तीनों मिल गए। अब भटके−खोए तो वेब पर, मुझसे और मेरे इर्द−गिर्द नहीं, इसलिए −


सिरजन−1

हुनर ऐसा कि
हवा में हाथ घुमाते ही
बन गई मछलियां
रुपहली, चमचमाती।

तैरती हैं मछलियां
आती हैं, जाती हैं
कारीगर हाथों में
यकीनन, सचमुच।

नदी-नाले, जंगल और पहाड़
और आकाश
स्वच्छंद उन्मुक्त चिड़ियाएं
सिरजती हैं सारी कायनात।

सिरजन−2

रुख-राई, चिरई-चुरगुन
मनिखे बारामिंझरा भइया
पुतरा रचे, पुतरी रचे
अउ रचागे रचइया।

रथिया-बिहनिहा, संझा-मंझनिहा
सुरता सुताथे, सुरता चेताथे
सुरता बिसराथे, माया सिरजाथे।

तओ जै हो, जै हो
जै हो, जै हो
जै हो सिरजनहार।

Sirjan 2001

Trees and saplings
Birds and birdies
Men and icons
Animate and inanimate alike
The Creator created them all
Also did he create
the nights and the dawns
the evenings and the noon's
and other innumerable things
impossible for one to remember
My oblations to that creator of universe
Glory to him
Glory to him
Glory to him.
(The Hitvada, Raipur. Dt. 25.03.2001)

8 comments:

  1. पठनीय एवं सुन्‍दर. सिरजन के बारे में नवीन जानकारी प्राप्‍त हुई.

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  2. अरे वाह भैया, आप मन घलोक आ गे हवव ब्लॉग म, देख के खुशी होइस।

    दुनो सिरजन-1-2 हा बने अर्थपूर्ण हावय।

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  3. sir aapke dwara di gayi jankari bahut achchha laga.

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  4. I think this is the right way to promote chhattisgari culture.
    Tapash Kumar Basak

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  5. Wah Bahiya
    Badhe raha! ka bat he! jiha hath marath uhe sona ugalathe.
    Jai ho chhattisgarh mahtari ke.
    Aapman jen jankari la dehe hawa woh ha satik au informative hawe.
    bane lagis
    johar
    jai chhattisgarh

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  6. हमन घलाव नयी जानकारी मिलीसे . आभार.

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  7. श्रद्धांजलि....
    मंगलौर में हुए विमान हादसे ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है..वाकई जिन लोगों की जाने गयी हैं, उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है..इस दुख की घडी में प्रभु उन्हें शक्ति प्रदान करे...ब्लॉग जगत कि तरफ से ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मृतात्माओं को शांति मिले....हार्दिक श्रद्धांजलि....

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  8. इसे बिना पढ़े कह रहा हूँ कि आप पूरे दिल से छत्तीसगढ़ी हैं।

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