Pages

Thursday, December 23, 2021

स्वच्छ राजनांदगांव-1930

स्वच्छ भारत मिशन और छत्तीसगढ़ को स्वच्छता की विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त हो रहे पुरस्कारों के साथ एक नजर।
5 मई 1930 को राजनांदगांव के राजा महंत सर्वेश्वरदास का म्यूनिस्पल कमेटी को संबोधित पत्र।
नगर की स्वच्छता की परवाह और उसके प्रति उनका रवैया स्पष्ट करने वाला दस्तावेज। उल्लेखनीय है कि नगर में पानी और बिजली की व्यवस्था की दृष्टि से राजनांदगांव अग्रणी रहा है।
नांदगांव के ‘हर्रा गोदाम‘ भरकापारा निवासी श्री गणेश शंकर शर्मा जी के दस्तावेज खजाने में सहेजी छायाप्रति के आधार पर 
पत्र का चित्र, पाठ और सुगमता के लिए मजमून का हिंदी अनुवाद


Raj Nandgaon
5th May 1930

Municipal Committee, 
                            I have written more than once and pointed
out that the town should be kept clean and the sanitation
improved. I had been this morning and I am really sorry to
have to write that I found the town in a much poorer con-
dition than last time. This morning even the roads were not
cleaned. The drains are in a filthy condition. The rubbish is
lying in places without being removed out of town. I cannot
see any progress with the drainage scheme. In short after I
finished my round of the town I came to the conclusion that
this part of the work has not worried the municipality very
much. I had given instructions to the municipal Secretary
personally more than once that the people building houses
must not collect material near the road. I find that even this
has not been stoped. The roads are far from wide and if this 
sort of collection is allowed It is very difficult to drive,
especially if there is a cart or a car coming from the other
side. This is the last time I am writing about this subject
and if I find that there is no improvement it will be my
painful duty to take such steps as I think proper.

Ruling Chief.

अनुवाद-
मैंने एकाधिक बार लिखा है और इंगित किया है कि शहर को साफ रखा जाना चाहिए और स्वच्छता में सुधार होना चाहिए। मैं आज सुबह निकला था और मुझे यह लिखते हुए सचमुच खेद हो रहा है कि मैंने पिछली बार की तुलना में शहर को अधिक दयनीय स्थिति में पाया। आज सुबह सड़कों की भी सफाई नहीं की गई। नालियां गंदी हालत में हैं। कूड़ा, बाहर हटाए बिना, शहर में ही जगह-जगह पड़ा हुआ है। जल निकासी योजना में भी मुझे कोई सुधार नहीं दिखा। संक्षेप में, नगर भ्रमण पूरा कर मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि नगर पालिका इन कामों की बहुत परवाह नहीं है। मैंने स्वयं म्यूनिस्पल सचिव को एकाधिक बार निर्देश दिए थे कि घर बनाते हुए लोग सड़क के पास सामग्री इकट्ठा न करें। मैंने पाया कि यह भी नहीं रुका है। सड़कें चौड़ी नहीं हैं और अगर इस तरह के संग्रह स्वीकृत हो तो वाहन चलाना बहुत मुश्किल है, खासकर यदि कोई गाड़ी या कार दूसरी तरफ से आ रही हो। मैं इस विषय मैं आखिरी बार लिख रहा हूं और अगर मुझे लगता है कि कोई सुधार नहीं हुआ है तो यह मेरा पीड़ादायी कर्तव्य होगा कि मैं ऐसे कदम उठाऊं, जो मुझे उचित लगे।

1 comment:

  1. सुप्रभात महोदय। राजनांदगांव की विरासत को पाठकों तक पहुँचाने के लिए आभार।

    ReplyDelete