tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post7421730624818362825..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: मेला-मड़ईRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger48125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-89870733837666986392012-05-14T00:55:48.151+05:302012-05-14T00:55:48.151+05:30सर!आप मन के लेख'मेला-मड़ई'पढ़त -पढ़त सन सत...सर!आप मन के लेख'मेला-मड़ई'पढ़त -पढ़त सन सत्तर -बहत्तर म पहुँच गयेंव,जब अपन ममादाई के अंगरी पकड़े बेलासपुर- सिरगिट्टी -बन्नाथ के मड़ई -मेला देखे जावौं,त कभु बबा के संग सवरिनारायन-मेला औ भक्तिन -बजार;मलार- किरारी के मेला ल कैसे भुलावौं?आज ओइस्नेहे मंजा दिल्ली म खोजथों;त न अब बेलासपुर म मिलही न सवारिनारायन म,सिरगिट्टी-बन्नाथ के मड़ई तो अब नंदागे गुर जी !<br />विभिन्न गाँवों के इन मड़ई-मेलों तस्वीरों के साथ इस विषय पर विस्तार -पूर्वक लिख लोक -गीतों,रीति -परिधानों आदि की जानकारी के साथ पुस्तक प्रकाशित कराएं तो छत्तीसगढ़ के लिए गौरव के साथ आपकी यशकीर्ति बढ़ेगी एवं विलुप्त होती लोकरीतियों के बारे में सटीक तथ्य भी उपलब्ध करा देंगे आप ,जैसा कि आपके लेखों में स्पष्ट है ....सुमेर शास्त्री ;दिल्लीRAM SUMERhttps://www.blogger.com/profile/09777066769837319900noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-56094902266240252142012-02-25T11:29:36.553+05:302012-02-25T11:29:36.553+05:30aapaka madai mela aalekh parha achha laga.naila si...aapaka madai mela aalekh parha achha laga.naila siwani ke santoshi mele ka jikra chhut gaya hai.<br />baki aapaki jai jai.<br />ashok agrawal akaltaraRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-34510554910042972232012-02-19T07:47:45.766+05:302012-02-19T07:47:45.766+05:30मेला-संस्कृति पर आपका ये लेख कई जानकारीयों से अवगत...मेला-संस्कृति पर आपका ये लेख कई जानकारीयों से अवगत कराता है .. बधाई - डा. जेएसबी नायडूAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-40153235124686134132012-02-12T01:13:25.398+05:302012-02-12T01:13:25.398+05:30हमेशा की तरह खोजपरक और जानकारीपूर्ण।हमेशा की तरह खोजपरक और जानकारीपूर्ण।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-8354768450596640782012-02-11T22:24:24.607+05:302012-02-11T22:24:24.607+05:30श्रमसाध्य और समयसाध्य आलेख.श्रमसाध्य और समयसाध्य आलेख.विवेकराज सिंहhttps://www.blogger.com/profile/15536634754311915828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-44791253095604760082012-02-10T16:39:21.885+05:302012-02-10T16:39:21.885+05:30बहुत बढ़िया आलेख!
मेला 'लगता', 'भरता...बहुत बढ़िया आलेख! <br /><br />मेला 'लगता', 'भरता' और 'बैठता' भी है।<br /><br />बिल्कुल! यहां संगम पर माघ मेला देख यह महसूस किया है मैने भी।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-49031861842506475992012-02-09T22:14:49.342+05:302012-02-09T22:14:49.342+05:30मतलब इस लेख को यहाँ लगाने से दो साल पहले विकीपिडिय...मतलब इस लेख को यहाँ लगाने से दो साल पहले विकीपिडिया पर इसके हिस्से को टंकित कर के रखा गया! <br /><br />बहुत लम्बा लगा इस बार! मतलब पुराने लिखे से ही काम चल रहा है। <br /><br />विस्तृत जानकारी है इस बार।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-45445541097256000932012-02-09T21:55:35.376+05:302012-02-09T21:55:35.376+05:30मेलों पर इतनी अच्छी जनकारी और कहीं नहीं मिल सकती.....मेलों पर इतनी अच्छी जनकारी और कहीं नहीं मिल सकती..<br />पता नहीं था..रायगढ़ में अब भी मेले का पारंपरिक स्वरुप यथावत है..<br />ईश्वर करे वहाँ आधुनिकता का प्रभाव ना पड़े..और हमारी समृद्ध संस्कृति की रक्षा होती रहे.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-83921077599107305532012-02-09T19:22:05.533+05:302012-02-09T19:22:05.533+05:30मेलों के बारे में इतनी जानकारी मिलने के बाद ऐसा लग...मेलों के बारे में इतनी जानकारी मिलने के बाद ऐसा लगा कि बाकी लोगों को इस विषय पर लिखने के बारे में सोंचना छोड़ देना चाहिए .Dr. Braj Kishorhttps://www.blogger.com/profile/06982842671013664280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-79660320120814959962012-02-09T11:08:12.817+05:302012-02-09T11:08:12.817+05:30परंपरा और संस्कृति सहित आम जनता के बीच भी मेल कर...परंपरा और संस्कृति सहित आम जनता के बीच भी मेल कराते मेलों पर अद्भुत और शोधपरक जानकारी दी है आपने. धन्यवाद.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-38829234297222922802012-02-09T07:35:43.773+05:302012-02-09T07:35:43.773+05:30छत्त्तीसगढ़ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करन...छत्त्तीसगढ़ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए धन्यवाद । मेरे पोस्ट पर स्वागत है ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-15042946596789249682012-02-08T21:31:07.028+05:302012-02-08T21:31:07.028+05:30जबरदस्त. विस्तृत.जबरदस्त. विस्तृत.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-48223915288230263692012-02-08T20:56:11.535+05:302012-02-08T20:56:11.535+05:30ये प्रस्तुति वहा के लोक जीवन को बखूबी व्यक्त कर रह...ये प्रस्तुति वहा के लोक जीवन को बखूबी व्यक्त कर रही है..... मेलों की मनोरम यादें ताज़ा हो गयी. सुंदर प्रस्तुति .उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-13552042992230546132012-02-08T20:54:18.429+05:302012-02-08T20:54:18.429+05:30आभार कितना छोटा शब्द है, यहाँ हर बार यही जान पड़ता ...आभार कितना छोटा शब्द है, यहाँ हर बार यही जान पड़ता है।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-87775911424346660232012-02-08T08:06:40.866+05:302012-02-08T08:06:40.866+05:30जानकारी देती पोस्ट..आभार!!जानकारी देती पोस्ट..आभार!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-58311994434256005802012-02-08T04:13:59.887+05:302012-02-08T04:13:59.887+05:30बहुत ही विस्तृत जानकारी... वैसे परम्परागत मेलों के...बहुत ही विस्तृत जानकारी... वैसे परम्परागत मेलों के सन्दर्भ में क्या कहने...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-27611794389073773672012-02-07T20:47:07.255+05:302012-02-07T20:47:07.255+05:30संजीत त्रिपाठी जी से सहमत :)संजीत त्रिपाठी जी से सहमत :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-20520506337580492332012-02-07T19:14:41.826+05:302012-02-07T19:14:41.826+05:30मेला पर एक सुन्दर लगभग संपूर्ण लेखा आभार नहीं
अति...मेला पर एक सुन्दर लगभग संपूर्ण लेखा आभार नहीं <br />अति आभार .<br />चल दाई कुधुरमाल के मेला जाबो <br />नई जान बेटी भीड़ भाड़ म ...........Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-62985806725391996732012-02-07T19:03:06.509+05:302012-02-07T19:03:06.509+05:30अच्छा लगा पढ़ कर।,,, और चित्र तो अपने आप मे और भी स...अच्छा लगा पढ़ कर।,,, और चित्र तो अपने आप मे और भी सुंदर हैंपद्म सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1567253313727130552012-02-07T14:41:37.718+05:302012-02-07T14:41:37.718+05:30bin gaye hi humto mela ho aye..acchi jankari di aa...bin gaye hi humto mela ho aye..acchi jankari di aapne hume ..shukriyaamrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-33270255413808207292012-02-07T09:51:31.409+05:302012-02-07T09:51:31.409+05:30मेलों जैसे ही जीवन की सभी विमाओं को समेटे विस्तृत ...मेलों जैसे ही जीवन की सभी विमाओं को समेटे विस्तृत और तथ्यपूर्ण आलेख, मेलों में जाना अब भी बहुत अच्छा लगता है, धूल धूप और आनन्द...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-70136588501790299032012-02-07T09:43:01.114+05:302012-02-07T09:43:01.114+05:30बहुत बढ़िया जानकारी!बहुत बढ़िया जानकारी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-36497948674043534532012-02-07T09:41:39.624+05:302012-02-07T09:41:39.624+05:30मजेदार यह कि मैंने इस पोस्ट को अंतिम रूप देते हुए...मजेदार यह कि मैंने इस पोस्ट को अंतिम रूप देते हुए कोशिश की कि छत्तीसगढ़ के मेला-मड़ई पर गूगल बाबा-विकीपीडिया क्या कहते हैं, अपना ही लेख मिला वहां, इस पर क्या कहूं, वहां नया कुछ न पा कर निराशा हाथ लगी या खुद के लिखे को पा कर तसल्ली हुई.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-87303481380226626452012-02-07T09:33:29.961+05:302012-02-07T09:33:29.961+05:30यहाँ तो मेलों का मेला लग गया. यह जानने के लिए कि क...यहाँ तो मेलों का मेला लग गया. यह जानने के लिए कि कौन सा मेला कब भरेगा, हम लोग बचपन में पुलिस थाने में जाया करते थे. वहां यह जानकारी नोटिस बोर्ड पर होती थी. जगदलपुर में रहते हुए चपका की मंडई हमलोगों की ख़ास पसंद हुआ करती थी. नियमित जाना होता था परन्तु कंठी वाले बाबा के अवतरण के बाद जाना नहीं हुआ. बिलासपुर में चाटीडीह एक दो बार बच्चों को लेकर जाना हुआ था. इस पोस्ट को विकिपीडिया में जिसने भी डाला हो बड़ा नेक काम किया है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-50635562436109436712012-02-07T09:03:25.298+05:302012-02-07T09:03:25.298+05:30पोस्ट के बारे में एक शब्द में कहा जाये तो वो शब्द ...पोस्ट के बारे में एक शब्द में कहा जाये तो वो शब्द होगा, ’जबरदस्त।’ अन्नमदेव वाली बात पर अभी कुछ दिन पहले पढ़ी डा. भगवती शरण मिश्र की पुस्तक याद हो आई।<br />आप इसे शिकायत योग्य नहीं मान रहे तो ये आपका बड़प्पन है लेकिन इसे इस्तेमाल करने वालों को मूल लेखक का उल्लेख क्यों नहीं करना चाहिये था? क्या लेखक का नाम आ जाने से छत्तीसगढ़ की संस्कृति प्रचार में अवरोध आ जाता? जो गलत है वो गलत ही है। ये तो एक गंभीर दस्तावेज है, मैंने कुछ दिन पहले एक ब्लॉग पर एक गज़ल पढ़ी और मुझे बहुत पसंद आई। जब मैंने कमेंट किया तो ब्लॉगमालिक ने खुद ही प्रतिटिप्पणी के जरिये स्पष्ट कर दिया कि ये रचना उसकी अपनी नहीं है। ऐसा करने से मेरे मन में तो उस ब्लॉगर के प्रति सम्मान बढ़ा ही।<br />आप सच में पॉजिटिव नजरिये वाले इंसान हैं, आप शिकायत मत कीजिये। हमें ’सिंहावलोकन’ मिला, चलिये हम भी उन अनामी, बेनामी और सुनामी टाईप के जीवों को धन्यवाद दे देते हैं:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com