tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post6992886943093669566..comments2024-03-26T11:26:04.832+05:30Comments on सिंहावलोकन: खबर-असरRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-88811271797853548882010-12-28T21:07:53.661+05:302010-12-28T21:07:53.661+05:30जहाँ ईनाम कि गुंजाईश ना हो वहाँ हम कुछ नहीं कहते ह...जहाँ ईनाम कि गुंजाईश ना हो वहाँ हम कुछ नहीं कहते हैं.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-5656348184165367022010-12-12T22:48:47.037+05:302010-12-12T22:48:47.037+05:30दिलचस्प प्रस्तुति.दिलचस्प प्रस्तुति.Swarajya karunhttps://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-56750495238924519022010-12-11T19:51:48.019+05:302010-12-11T19:51:48.019+05:30अच्छा..............अच्छा..............ममता त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/11493596033041375660noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1414517149513222032010-12-10T20:08:05.057+05:302010-12-10T20:08:05.057+05:30मतो चारों ऑप्शन एक साथ चुन रहे हैं.मतो चारों ऑप्शन एक साथ चुन रहे हैं.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-66614655352581201852010-12-09T18:20:43.154+05:302010-12-09T18:20:43.154+05:30BAHU KHOOBBAHU KHOOBसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-25745936258408484332010-12-08T19:02:53.047+05:302010-12-08T19:02:53.047+05:30जब आदमी के जीवन का मोल ही काम होता जा रहा है तब गा...जब आदमी के जीवन का मोल ही काम होता जा रहा है तब गाय के बारे में यह समाचारishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-58556831014666706222010-12-08T18:09:08.152+05:302010-12-08T18:09:08.152+05:30ऐसी खबर बराबर मिल जाती है, बस जानवर के बदले इंसान...ऐसी खबर बराबर मिल जाती है, बस जानवर के बदले इंसान होता है.....मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-57026025432840458792010-12-08T09:50:39.433+05:302010-12-08T09:50:39.433+05:30.
अली साहब द्वारा दिए 'शीर्षकों' में इजाफ....<br /><br />अली साहब द्वारा दिए 'शीर्षकों' में इजाफा किये देता हूँ. <br />[९] कत्लगाहों में कटने की बजाये मालगाड़ी से कटना बेहतर है. <br />[१०] मालगाड़ी के दूसरी ओर लगे कूढ़े के ढेर से गाय की नज़र नहीं हटी. <br />[११] भागमभाग वाली ज़िंदगी में हर कोई पहले निकल जाना चाहता है. <br />__________________________<br />ब्लॉग -लेखन में वही तो लिखा जाएगा जो हमारे मन में होगा. <br />अपने अनुभव, अपनी जिज्ञासाएँ, अपने अनसुलझे सवाल, स्वयं को प्रभावित कर देने वाले विचार<br />प्रभावित व्यक्तित्वों की समीक्षाएँ, गोपनीय मनोभावों की अभिव्यक्ति, सूचनायें अपने नज़रिए से, <br />__________________________<br />एक बहिन दूसरी बहिन से कहती है ..."अरी तूने सुना, फलाने ने ......"<br />हमारा मानवीय स्वभाव है कि हम जो जानते हैं वह अपने अपरिचितों में बाँटना चाहते हैं. चाहे वह खबर ही क्यों न हो <br />'माध्यम' अपनाने पर शर्तें लागू करना .......... अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दायरे में बाँधना होगा. <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-55523223883455002742010-12-07T23:56:21.648+05:302010-12-07T23:56:21.648+05:30सनसनी, आजकल यहीं एक शब्द है जो मीडिया जगत में आतंक...सनसनी, आजकल यहीं एक शब्द है जो मीडिया जगत में आतंक कि तरह व्याप्त है...ब्लागर भी हैं कुछ जो इस मर्ज़ के शिकार हैं...पर कुछ आप जैसे लोग भी हैं जिनकी निगाह से ये छुप नहीं पाता...amiteshhttps://www.blogger.com/profile/05923164488045661896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-55612449903009822092010-12-07T21:37:34.968+05:302010-12-07T21:37:34.968+05:30न्यूज़ पेपर में प्रकाशित इस समाचार में निस्संदेह ब...न्यूज़ पेपर में प्रकाशित इस समाचार में निस्संदेह ब्लॉगिंग का असर साफ दिख रहा है। संवाददाता निश्चित रूप से ब्लागर ही होगा। ब्लॅाग जगत की ख़बरें या समाचात पत्रों का ब्लाग - सब गड्डमड्ड हो गया लगता है।<br /><br />आपकी पारखी नज़र ही इसे ताड़ सकती है...बहुत अच्छी पेशकश।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-32054282918778780032010-12-07T21:24:20.514+05:302010-12-07T21:24:20.514+05:30चलिये खबर तो खबर है,चाहे ब्लोग की हो या अख्बार की,...चलिये खबर तो खबर है,चाहे ब्लोग की हो या अख्बार की,........https://www.blogger.com/profile/03892304044362076743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-91732318104870943262010-12-07T19:19:57.998+05:302010-12-07T19:19:57.998+05:30मै तो खबर और ब्लाग पोस्ट् पर कन्फ्यूज़ा गयी हूँ इसे...मै तो खबर और ब्लाग पोस्ट् पर कन्फ्यूज़ा गयी हूँ इसे जरा और विस्तार से कहे। ब्लाग पडःाते पढते भूल गयी हूँ कि खबर और ब्लाग पोस्ट मे अन्तर क्या है। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-65944121057508653602010-12-07T15:46:35.816+05:302010-12-07T15:46:35.816+05:30खबर क्या ? ब्लाग पोस्ट क्या ? इन दिनों तय करना मुश...खबर क्या ? ब्लाग पोस्ट क्या ? इन दिनों तय करना मुश्किल हो गया है ! आपके विकल्पों पे मंथन के अलावा कुछ और ख़बरों के सोते फूट पड़े हैं ...<br /><br />(१)नशे में धुत ड्राइवर तेज रफ़्तार से गाड़ी निकाल ले गया, गाय की जान पे बनी रही !<br /><br />(२)इतनी संवेदनशील और गम्भीर दुर्घटना की आशंका के बावजूद रेल मंत्री कोलकाता में !<br /><br />(३)शासन की उपेक्षा से पीड़ित गायें जान देने पर उतारू !<br /><br />(४)गाय को बचाने के बजाए उसे फोटो लेने की पडी रही ! (विरोधी अखबार के लिए) <br /><br />(५)ब्लागरों ने पोस्ट लिख कर अपमानित किया,गाय जान देने पर आमादा !<br /><br />(६)सारा चारा नेता खा गए गाये भूख से बेहाल खुदकशी को तैयार !<br /><br />(७)पुलिस का निकम्मापन गाय पर आज तक मार्ग कायम नहीं किया !<br /><br />(८)दुग्ध ऊर्जा प्रयोग सफल रहा , ट्रेक के पास खड़ी गाय ज़्यादा दूध देने लगीं !<br /><br />पहली किश्त में इतनी ख़बरें काफी लग रही हैं ज़रूरत पड़े तो बताइयेगा :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-69835954744046821892010-12-07T13:25:24.711+05:302010-12-07T13:25:24.711+05:30पॉंचवा विकल्प भी होना चाहिए था - आजकल ब्लॉग पर ख...पॉंचवा विकल्प भी होना चाहिए था - आजकल ब्लॉग पर खबरों का और खबरों पर ब्लॉग का असर हो रहा है। अब इस दशा से बच पाना कठिन होता चला जाएगा।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-85922220438690917022010-12-07T09:14:44.273+05:302010-12-07T09:14:44.273+05:30दुष्यंत कुमार नें कहा है - एक पत्थर तो तबीयत से उछ...दुष्यंत कुमार नें कहा है - एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। फिर दस मिनट तक साँसें नहीं थमेंगी :)राजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-50785617303469994902010-12-07T09:13:14.910+05:302010-12-07T09:13:14.910+05:30सही में ये खबर कम ब्लॉग पोस्ट ज्यादा है..सही में ये खबर कम ब्लॉग पोस्ट ज्यादा है..abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-40333412805111537662010-12-07T08:16:21.026+05:302010-12-07T08:16:21.026+05:30@ मो सम...
एक समय था जब अखबारों के मुखपृष्ठ पर स्...@ मो सम...<br />एक समय था जब अखबारों के मुखपृष्ठ पर स्तंभ होता था, 'छपते-छपते', यह जगह खाली भी छूटी रह जाती थी.<br />@ राजेश उत्साही जी<br />लेकिन खबर पर किसका असर और खबर का असर किस पर कितना.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-50589067697203438532010-12-07T08:03:08.108+05:302010-12-07T08:03:08.108+05:30@ संजीव तिवारी जी
गउ माता मने मन कहत रिस होही- त...@ संजीव तिवारी जी <br />गउ माता मने मन कहत रिस होही- तू मन का देखत ह ग, तमासा बना लेथ कोई भी चीज के, कोई बूता धंधा नइये का, रेंग अपन-अपन रस्ता.<br />@ रश्मि रवीजा जी<br />जी, अखबार भी क्या करें, 24 घंटे में एक बार छपना है, यहां चैनल चौबीसों घंटे हैं और कुछ बाकी रहा तो वह हमारी मुट्ठी में है, मोबाइल फोन पर.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-41768796759242100292010-12-07T06:39:52.118+05:302010-12-07T06:39:52.118+05:30बेहतरीन लेखन
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी
आपकी प...<i><b> <br />बेहतरीन लेखन <br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/12/blog-post_07.html" rel="nofollow">मीरा रानी दीवानी कहाने लगी</a> <br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/12/blog-post_07.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर</a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-89322151959947553972010-12-07T00:54:41.013+05:302010-12-07T00:54:41.013+05:30हम्म, दर-असल जो यह आपको एक ब्लॉगर की किसी पोस्ट क...हम्म, दर-असल जो यह आपको एक ब्लॉगर की किसी पोस्ट की तरह लग रहा है, उसके पीछे बात यह है कि, अख़बार का फोटोग्राफर इस मौके से गुजर रहा था तो उसने फोटो ले ली. चूँकि मौके पर था ही, इसलिए उसे सारी जानकारी थी. अब वह फोटो लेकर आया अख़बार के दफ्तर में, किस्सा सुनाया, तो फिर प्रमुख नगर संवाददाता ने किसी संवाददाता को आदेश दिया कि फोटोग्राफर कि बात सुनकर इस मुद्दे पर आँखों देखी रपट तैयार करे. और उस संवाददाता ने फोटोग्राफर से सारी बातें सुन-समझकर जो रपट तैयार की, वही अख़बार में समाचार के रूप में छपा और और आपने यहाँ उसका उल्लेख किया... तो ये है सारी हकीकत, जब यह रपट छपी थी, इसे पढ़ते हुए ही सारा खेल समझ में आ गया था १०-१५ दिन पहले....ये फोटो या तो दीपक पाण्डेय ने ली होगी या फिर योगेश यदु ने, ऐसा मेरा अनुमान हैSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-64618546282014329502010-12-06T23:49:22.643+05:302010-12-06T23:49:22.643+05:30अच्छी रही ये खबरों कि खबर और सच तो यही है कि..ब्लॉ...अच्छी रही ये खबरों कि खबर और सच तो यही है कि..ब्लॉग पोस्ट और खबर के बीच का फर्क कम हो रहा है।rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-34060370632179642742010-12-06T23:36:01.346+05:302010-12-06T23:36:01.346+05:30very interesting news !very interesting news !surjithttps://www.blogger.com/profile/08665583467852567928noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-83433624289794182282010-12-06T22:54:25.936+05:302010-12-06T22:54:25.936+05:30खबरीय तत्व, कितना है।खबरीय तत्व, कितना है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-507716335902670702010-12-06T22:45:44.883+05:302010-12-06T22:45:44.883+05:30खबर तो खबर है ।खबर तो खबर है ।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-60300825453878518662010-12-06T21:45:54.100+05:302010-12-06T21:45:54.100+05:30ईनाम-इकराम नहीं है, इसीलिये हिम्मत जुटा रहे हैं जी...ईनाम-इकराम नहीं है, इसीलिये हिम्मत जुटा रहे हैं जी कुछ कहने की। चौथा खंभा लोकतंत्र का इसी मीडिया को ही कहते हैं शायद। रिलेटिड मामला है इसलिये बताता हूँ कि अप्रैल में ऐसी ही एक खबर पर मैंने एक पोस्ट लिखी थी ’बाल बाल बचे’, लेकिन मैं शायद ठीक से एक्सप्रैस नहीं कर पाया था खुद को। <br />वैसे हमारे दिल्ली में एक पुराना किस्सा मशहूर है कि संपादक महोदय के पास खबर पहुंची की अखबार छपने को तैयार है लेकिन कुछ स्पेस खाली छूट रहा है। आदेश हुआ कि लिख दो, "यमुना नदी में एक तांगा गिरने से चार व्यकित्यों की मौत हो गई।" पुन: खबर आई कि एक लाईन की जगह और खाली है तो इधर से भी पुन: निर्देश दिये गये कि लिख दो, "बाद में मालूम चला कि खबर झूठी थी।"संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com