tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post6539981467697346518..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: शेष स्मृतिRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-60660994752890778532013-08-26T13:15:49.544+05:302013-08-26T13:15:49.544+05:30कुमार साहब,
आपके शोधपरक लेखों को पढ़कर समझ में आता...कुमार साहब, <br />आपके शोधपरक लेखों को पढ़कर समझ में आता है कि किसी लेख को तैयार करने में आप कितना श्रम और बुद्धि विनियोजित करते हैं. रेलवे परिसर, मनोहर टाकीज, नाटकों और यहाँ की हस्तियों का ज़िक्र उनकी मेहनत को शाबासी देने जैसा है. बधाई के साथ आभार भी। Dwarika Prasad Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05225890890447891876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-15210840692496929102013-08-26T13:06:20.616+05:302013-08-26T13:06:20.616+05:30ईश्वर जी,
बिलासपुर के गोलबाजार के प्रवेशद्वार में ...ईश्वर जी,<br />बिलासपुर के गोलबाजार के प्रवेशद्वार में स्थित 'मौर्य पुस्तक सदन' एवं बिहारी टाकीज के सामने 'श्री बुक माल' में श्रीकांत वर्मा की रचनाएं उपलब्ध हैं. Dwarika Prasad Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05225890890447891876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-12995619898818366812013-08-26T13:04:24.601+05:302013-08-26T13:04:24.601+05:30ईश्वर जी,
बिलासपुर के गोलबाजार के प्रवेशद्वार में ...ईश्वर जी,<br />बिलासपुर के गोलबाजार के प्रवेशद्वार में स्थित 'मौर्य पुस्तक सदन' एवं बिहारी टाकीज के सामने 'श्री बुक माल' में श्रीकांत वर्मा की रचनाएं उपलब्ध हैं. Dwarika Prasad Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05225890890447891876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-3943688574384306832013-08-26T12:58:37.056+05:302013-08-26T12:58:37.056+05:30बहरहाल तीन एस के शहर में सालो से रंगमंच (काफी हॉउस...बहरहाल तीन एस के शहर में सालो से रंगमंच (काफी हॉउस के बगल में ) बन रहा है . पर सांकृतिक जरूरते सबसे आखिर में क्योकि अभी शहर के मरघट सजाये जा रहे है . दोषियों में मै भी हू की दही जमा के बैठे है ...... पहले सीवरेज व्यवस्था करके सड़को के भीतर से मल बहाया जाना है, उसी सड़क के ऊपर विजेता के जुलुस में संकृति कर्मी मांदल नगाडा ले नाचेंगे . हम फिर नेपथ्य में तैयार परदा खुलने का सिर्फ इंतजार ही करते रहेंगे . सिर्फ एस ही नहीं आओ सभी (ए टु जेड ) उनके कान में फिर फुसफुसा आये , रोड, मरघट, और पेड़ कटाई के बाद हम भी लाइन में है . .. राहुल भैय्या माफ़ कीजियेगा यदि लाइने ज्यादा लिखा गई हो तो , दूसरो की लाइन से अपनी लाइन बढ़ा ले ने की खुजली मुझ में भी है. ........पढ़कर अच्छा लगा Dwarika Prasad Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05225890890447891876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-44985340717828816962012-10-17T21:06:34.326+05:302012-10-17T21:06:34.326+05:30डॉक्टर शंकर शेष जी के बारे में इतना तो जानता था कि...डॉक्टर शंकर शेष जी के बारे में इतना तो जानता था कि वे अपने बिलासपुर के ही है लेकिन इतनी विस्तृत जानकारी नहीं थी आपका यह लेख तो बिलासपुर के अख़बारों में छापना ही चाहिए ताकि बिलास्पुरिओं की वर्तमान पीढ़ी अपने इस इतिहास को जान सके और गर्व कर सके . श्रीकांत वर्मा जी का साहित्य आज की दुकानों में उपलब्ध नहीं होता इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है.<br />अत्यंत ही जानकारी परक लेख के लिए धन्यवाद् ishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-80173723181331265782012-10-17T20:52:12.026+05:302012-10-17T20:52:12.026+05:30ई-मेल से प्राप्त पत्र-
बिलासपुर, दिनांक 12.10.20...ई-मेल से प्राप्त पत्र-<br /><br />बिलासपुर, दिनांक 12.10.2012<br /><br />प्रिय डॉ. राहुल सिंह जी<br /><br />डॉ. शंकर शेष, श्री नागोराव शेष, श्रीमती भागीरथी देवी की सारगर्भित जानकारी आपने इन्टरनेट में दी है। आपने इनके फोटो भी जोगाड़ लिये जो काफी मशक्कत के बाद भी मुझे नहीं मिले थे।<br /><br />नवभारत में मैंने शेष परिवार द्वारा प्रदत्त जमीन का कई संदर्भों में उल्लेख किया था पर उसका सही विवरण कहीं नहीं प्रकाशित किया जा सका। सच्चाई तो यह है कि शेष परिवार का बिलासपुर को कस्बा से बढ़कर विकसित शहर बनाने में, महत्वपूर्ण योगदान सर्वथा स्वीकृत है। बिलासपुर में रेल्वे के पास, शेष परिवार द्वारा प्रदत्त जमीन के कारण काफी बड़ा क्षेत्र हो गया। इसमें 1888 में जंक्शन बना और इस बड़े भूभाग में रेल्वे की बड़ी सी कालोनी बन गई, जहां अभी 5000 परिवार रहते हैं।<br /><br />समूचे भारत में रेल्वे द्वारा बीना, इटारसी, मुगलसराय, खड़गपुर जैसे कई सामान्य कस्बों को शहर का स्वरूप दिया गया। बिलासपुर रेल्वे जंक्शन बनने के बाद बिलासपुर के चौमुखी विकास को पंख लग गए। यह तो आज की सूरत है कि पूरे भारत में बिलासपुर जोन सर्वाधिक कमाई देने वाला विकसित रेल्वे जोन माना जाता है। इस स्तर तक बिलासपुर को पहुंचाने में शेष परिवार की महती भूमिका को सर्वत्र रेखांकित किया जाता है।<br /><br />महान नाटककार डॉ. शंकर शेष स्टेट बैंक के हिन्दी अधिकारी के सर्वोच्च पद पर शोभित होते हुए भी नाटक लेखन में अग्रणी रहे। नाट्य तो कई नाटककार करते हैं पर डॉ. शंकर शेष के रचित नाटक हिन्दी भाषी क्षेत्र में सर्वाधिक मंचित किए गए। हाईस्कूल, कालेज, एमेच्योर ग्रुप डॉ. शेष के नाटकों को पूरी लगन से मंचित करते थे जबकि जयशंकर प्रसाद जैसे साहित्यकार नाटककार के नाटकों का मंचन शायद कहीं हुआ होगा। बिलासपुर में कुशल नाट्य निर्देशक सुनील मुकर्जी ने डॉ. शेष के कई नाटकों का सफल मंचन किया। आपने डॉ. शंकर शेष और उनके परिवार के विषय में तथ्यपरक जानकारी देकर महती कार्य किया है।<br /><br />बजरंग केड़िया<br />Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-41564303786978233122012-10-14T10:56:36.105+05:302012-10-14T10:56:36.105+05:30रोचक जानकारी व अति प्रभावशाली प्रस्तुति।रोचक जानकारी व अति प्रभावशाली प्रस्तुति।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-53596207844918307382012-10-14T09:19:13.997+05:302012-10-14T09:19:13.997+05:30 itne sundar lekh ke baad ab shrikant verma par sa... itne sundar lekh ke baad ab shrikant verma par samagri ka intzaar rahegasourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-47222671488483162312012-10-12T18:20:56.302+05:302012-10-12T18:20:56.302+05:30परम श्रद्धेय डॉ. शंकर शेष के विषय में जानकारी दे क...परम श्रद्धेय डॉ. शंकर शेष के विषय में जानकारी दे कर आपने हम सब पर उपकार किया है। आपके पोस्ट की यही तो बहुत बड़ी खासियत है कि आप विषय-वस्तु की तह तक जाते हैं और मोतियाँ बीन लाते हैं। आपका तो जवाब ही नहीं। Harihar Vaishnavhttps://www.blogger.com/profile/13169075818494539448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-89276140553039220022012-10-12T12:44:03.737+05:302012-10-12T12:44:03.737+05:30Thankyou for the enlightening information..Thankyou for the enlightening information..Gourav Ghoshnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-55192924892425734932012-10-12T03:22:15.973+05:302012-10-12T03:22:15.973+05:30बिलासपुर सहर के महान विभूतियों का इतिहास पता लगा ।...बिलासपुर सहर के महान विभूतियों का इतिहास पता लगा । आपका दन्यवाद ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-89153705610554958032012-10-11T21:26:33.741+05:302012-10-11T21:26:33.741+05:30Shankar Shesh ji to apne kaamon ke kaaran mahatvap...Shankar Shesh ji to apne kaamon ke kaaran mahatvapoorn shakhsiyat they hee, aapne jis dhang se rochak itihas ke saath packaging kar prastuti kee use baad kee peedhi ke anek paathak bhi pasand karenge. Dr. Parivesh Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08614334918882920380noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-68635261504387386942012-10-11T09:12:00.289+05:302012-10-11T09:12:00.289+05:30अच्छी जानकारी शेष जी के बारे में ! आपकी मेहनत प्रस...अच्छी जानकारी शेष जी के बारे में ! आपकी मेहनत प्रसंशनीय है भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-77742306175448282982012-10-10T21:47:33.478+05:302012-10-10T21:47:33.478+05:30शेष जी के पारिवारिक पृष्ठभूमि की इस विस्तृत जानकार...शेष जी के पारिवारिक पृष्ठभूमि की इस विस्तृत जानकारी से लाभान्वित हुआ. शेष जी से व्यक्तिगत संपर्क रहा जिसके लिए मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूँ. P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-68780349255204827882012-10-10T09:11:12.384+05:302012-10-10T09:11:12.384+05:30यह सब पढ़ कर आनन्द मिलता है ,पर मनुष्य लोग जीव-धार...यह सब पढ़ कर आनन्द मिलता है ,पर मनुष्य लोग जीव-धारियों की सुविधा का ध्यान रखें तो कितना अच्चछा रहे १प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-78113529446549568512012-10-09T22:23:24.819+05:302012-10-09T22:23:24.819+05:30shesh ji ke vishay me jankari mili...........dhany...shesh ji ke vishay me jankari mili...........dhanywad bhaiya........Rakesh Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/01961346362476055583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-83641157339531981482012-10-09T14:53:16.596+05:302012-10-09T14:53:16.596+05:30डॉक्टर शंकर शेष जी के बारे में इतना तो जानता था कि...डॉक्टर शंकर शेष जी के बारे में इतना तो जानता था कि वे अपने बिलासपुर के ही है लेकिन इतनी विस्तृत जानकारी नहीं थी आपका यह लेख तो बिलासपुर के अख़बारों में छापना ही चाहिए ताकि बिलास्पुरिओं की वर्तमान पीढ़ी अपने इस इतिहास को जान सके और गर्व कर सके . श्रीकांत वर्मा जी का साहित्य आज की दुकानों में उपलब्ध नहीं होता इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है.<br />अत्यंत ही जानकारी परक लेख के लिए धन्यवाद् ishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-73906405577470146212012-10-09T11:21:32.516+05:302012-10-09T11:21:32.516+05:30रोचक और जरूरी जानकारी. श्रीमती सुधा शेष आतकल कहां ...रोचक और जरूरी जानकारी. श्रीमती सुधा शेष आतकल कहां हैं, को्ई खबर है?Anup sethihttps://www.blogger.com/profile/13784545311653629571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1893986255196519342012-10-09T10:07:19.890+05:302012-10-09T10:07:19.890+05:30मछलियों के नींद का समय -डॉ शंकर शेष के स्मृति -श...मछलियों के नींद का समय -डॉ शंकर शेष के स्मृति -शेष को नमन !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-52950949862300609682012-10-09T09:31:48.550+05:302012-10-09T09:31:48.550+05:30जबलपुर में नाटक सीखते और करते समय शेष जी के नाटक प...जबलपुर में नाटक सीखते और करते समय शेष जी के नाटक पढ़ते करते तो दोस्तों के संग कह पड़ता था की हमारे बिलासपुर के है . <br />इत्तेफाक है की मै भी एस (सुनील ) हू और २ अक्टूबर मेरे जन्म से भी जुड़ा है, नाटक करते रहने की कोशिश में रहता हू , ...... खैर ..<br />अभी तक मेरे उनके इत्तेफाको की बाते ही स्वयभू की तरह पाता थी ....... पोस्ट ने मुझे उनको जानने ,पढ़ने और करने की इच्छा जगा दी है <br />. डॉ शेष का नाटक (एकांकी) "फंदी" इसमें छूट गया है , मैंने किया है सिर्फ इसलिए पाता है . <br />बहरहाल तीन एस के शहर में सालो से रंगमंच (काफी हॉउस के बगल में ) बन रहा है . पर सांकृतिक जरूरते सबसे आखिर में क्योकि अभी शहर के मरघट सजाये जा रहे है . दोषियों में मै भी हू की दही जमा के बैठे है ...... पहले सीवरेज व्यवस्था करके सड़को के भीतर से मल बहाया जाना है, उसी सड़क के ऊपर विजेता के जुलुस में संकृति कर्मी मांदल नगाडा ले नाचेंगे . हम फिर नेपथ्य में तैयार परदा खुलने का सिर्फ इंतजार ही करते रहेंगे . सिर्फ एस ही नहीं आओ सभी (ए टु जेड ) उनके कान में फिर फुसफुसा आये , रोड, मरघट, और पेड़ कटाई के बाद हम भी लाइन में है . .. राहुल भैय्या माफ़ कीजियेगा यदि लाइने ज्यादा लिखा गई हो तो , दूसरो की लाइन से अपनी लाइन बढ़ा ले ने की खुजली मुझ में भी है.SUNIL CHIPDE ,BILASPURhttps://www.blogger.com/profile/18048254530398607494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1729594346809727982012-10-09T08:54:48.765+05:302012-10-09T08:54:48.765+05:30रेलवे के अन्दर इतना इतिहास छिपा है, ज्ञात नहीं था।...रेलवे के अन्दर इतना इतिहास छिपा है, ज्ञात नहीं था। श्रीशंकर शेषजी के बारे में विस्तृत जानकारी दे आपने सबको लाभान्वित किया है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-27919743771834282732012-10-09T08:12:26.336+05:302012-10-09T08:12:26.336+05:30डॉक्टर शंकर शेष को आमने-सामने देखने के दो-एक अवसर...डॉक्टर शंकर शेष को आमने-सामने देखने के दो-एक अवसर मिले थे। बोलने/बात करने की उनकी शैली और भव-भंगिमाऍं, सब कुछ ऑखों के सामने नाचने लगा आपका यह आलेख पढकर।<br />मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा है। यहॉं, घर पर कुछ भी काम-धाम नहीं कर रहा हूँ। तो फिर आपको देखने, छूने रायपुर के लिए क्यों नहीं निकल रहा हूँ? विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-81696582780993370612012-10-09T06:25:11.580+05:302012-10-09T06:25:11.580+05:30शंकर शेष जी के बारे में पढ़कर अच्छा लगा शंकर शेष जी के बारे में पढ़कर अच्छा लगा babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-67596536899666171942012-10-08T23:24:02.631+05:302012-10-08T23:24:02.631+05:30बढि़या पोस्ट है सर... मेरे लिए कुछ नया... बधाई बढि़या पोस्ट है सर... मेरे लिए कुछ नया... बधाई Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14822859926166183696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-14623994693014694692012-10-08T22:09:18.043+05:302012-10-08T22:09:18.043+05:30बिलासपुर में रहकर भी इन महान हस्तियों का सानिध्य...बिलासपुर में रहकर भी इन महान हस्तियों का सानिध्य न मिला तो उसे साहित्य और समाज से जुड़ा माना जाये इसमे मुझे संदेह होगा . आपने जिन स्तंभों का जिक्र किया है वे परम श्रद्धेय हैं उन्हें प्रणाम . अद्भुत जानकारी के लिए बिलासपुर जिला आपका आभार मानता है Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.com