tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post5356826153092695873..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: माधवराव सप्रेRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-73250061445817134902010-12-01T09:54:36.115+05:302010-12-01T09:54:36.115+05:30काफी ज्ञान वर्धन हुआ. माधव राव सप्रे जी के बारे मे...काफी ज्ञान वर्धन हुआ. माधव राव सप्रे जी के बारे में तो जानता था, एक्स्वतान्त्रता संग्राम सेनानी के रूप में. उनकी रचनाओं से अनभिग्य था. वैसे साहित्य में मेरी रूचि भी नहीं थी. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-15601224734822822062010-11-30T18:27:30.023+05:302010-11-30T18:27:30.023+05:30सप्रे जी पर केन्द्रित इस पुस्तक को हासिल कर जरूर प...सप्रे जी पर केन्द्रित इस पुस्तक को हासिल कर जरूर पढ़ना चाहूंगा। उनकी कहानी इस लिंक पर पढ़ी जा सकती है-<br />http://sarokaar.blogspot.com/2008/06/blog-post_17.htmlराजेश अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/03166713468895085704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-65666924328071004972010-11-26T00:33:39.550+05:302010-11-26T00:33:39.550+05:30छत्तीसगढ़ के धरोहर के बारे में आपने प्रेरणादायी जा...छत्तीसगढ़ के धरोहर के बारे में आपने प्रेरणादायी जानकारी दी . धन्यवाद !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-87426235030330505412010-11-25T21:39:52.438+05:302010-11-25T21:39:52.438+05:30एक महान साहित्यकार से परिचय कराने के लिए आभार।एक महान साहित्यकार से परिचय कराने के लिए आभार।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-41646844853394523512010-11-23T16:47:12.666+05:302010-11-23T16:47:12.666+05:30आप का ब्लॉग पड़ कर बहुत कुछ सीखने को मिला
धन्यवाद...आप का ब्लॉग पड़ कर बहुत कुछ सीखने को मिला<br /> धन्यवादbilaspur property markethttps://www.blogger.com/profile/15772656267596123443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-82184068516933596612010-11-23T12:19:29.531+05:302010-11-23T12:19:29.531+05:30पहली बार जाना इनके बारे में, आभार आपका !पहली बार जाना इनके बारे में, आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-15258715538685628362010-11-22T22:47:54.153+05:302010-11-22T22:47:54.153+05:30ऐतिहासिक महत्त्व की जानकारी दी है आपने .बधाई .ऐतिहासिक महत्त्व की जानकारी दी है आपने .बधाई .राजू रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/06383761662659426684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-21955668738015780272010-11-21T12:39:26.438+05:302010-11-21T12:39:26.438+05:30चना अऊ दांत दूनो हवय ,फेर खवईया मन के सुआद अऊ सुभ...चना अऊ दांत दूनो हवय ,फेर खवईया मन के सुआद अऊ सुभाव दूनो म बहुतेच फरक आगे हे. एला बदले के उदिम आप मन असन ज्ञानी-ध्यानी मन करहीं ,त कुछु न कुछु रद्दा मिलबे करही . सप्रे जी के सुरता म सुग्घर लिखे हव. बहुतेच बहुत बधाई. आपके लिखई ह टापो-टाप चलत हवय . खूब लिखव.Swarajya karunhttps://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-88329397086392335142010-11-20T16:13:18.765+05:302010-11-20T16:13:18.765+05:30Sapre saheb ke bare mein purn jankari mili.Well do...Sapre saheb ke bare mein purn jankari mili.Well done.प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-45969415077563631912010-11-20T02:30:30.017+05:302010-11-20T02:30:30.017+05:30सप्रे साहब के बारे में कभी दस बारह पंक्तियां पढ़ी थ...सप्रे साहब के बारे में कभी दस बारह पंक्तियां पढ़ी थीं.. आपने काफी जानकारी दी... धन्यवाद.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-63896621425840227282010-11-18T09:17:59.840+05:302010-11-18T09:17:59.840+05:30@ अली जी,
जी हां, आपने सही फरमाया. वैसे किसी किता...@ अली जी, <br />जी हां, आपने सही फरमाया. वैसे किसी किताब पर लिखते हुए समीक्षा के बजाय अपनी भंगिमा रसास्वाद book appreciation का रखना चाहता हूं, दो कारणों से, पहला यह कि समीक्षा लिखना आता नहीं और उसका तौर-तरीका कभी सीखना भी नहीं चाहा. दूसरा, प्रयास यह होता है कि कुछ महत्वपूर्ण उद्धरण दिए जाएं, जिससे पढ़ने वाला अगर कृति से परिचित नहीं तो नमूने सहित खुद उसके बारे में जान कर अपनी राय बना सके. इसीलिए मेरी टिप्पणी या धारणा किस आधार पर है, यथासंभव संक्षेप में, स्पष्ट उल्लेख करना चाहता हूं. अंततः अकेले-अकेले रसास्वाद भोग लेने के अपराध-बोध से उबरने के लिए यह दूसरों पर जाहिर कर देना ही मेरे इन प्रयासों का मकसद होता है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-12863199146409845542010-11-17T00:07:03.162+05:302010-11-17T00:07:03.162+05:30सुनो कहानी:पंडित माधवराव सप्रे की "एक टोकरी भ...सुनो कहानी:पंडित माधवराव सप्रे की "एक टोकरी भर मिट्टी"<br />http://podcast.hindyugm.com/2010/01/listen-tokri-bhar-mitti-by-madhavrao.html<br /><br />यहाँ से आप कहानी का mp3 डाउनलोड कर सकते हैं <br />http://www.archive.org/download/EkTokriBharMitti/sapre-mitti.mp3Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-34510046595534175952010-11-16T23:11:14.674+05:302010-11-16T23:11:14.674+05:30rahul bhai, khoob mehanat karate hain aap. chhatti...rahul bhai, khoob mehanat karate hain aap. chhattisgarh ke mahan logon ke baare men mahan paramparaon k baare mey duniya bhar ko batane ke liye yah achchha madhyam hai.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-91039793550157980122010-11-16T23:07:03.076+05:302010-11-16T23:07:03.076+05:30मेरे लिए तो यह सर्वथा नया और अब तक अज्ञात-अनजान वि...मेरे लिए तो यह सर्वथा नया और अब तक अज्ञात-अनजान विश्व ही है। सप्रेजी के बारे में अब तक केवल यही तालूम रहा है कि वे पत्रकारिता से जुडे हुए थे। <br />आपकी यह पोस्ट तो न केवल संग्रहणीय हक् अपितु अपने आप में एक सन्दर्भ है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-81846262489400984242010-11-16T21:56:17.519+05:302010-11-16T21:56:17.519+05:30राहुल जी, सच कहूँ तो सप्रे जी के बारे में नहीं जान...राहुल जी, सच कहूँ तो सप्रे जी के बारे में नहीं जानता था। उस दिन आपसे बातचीत के दौरान इनकी इसी पंक्ति ’मुझे मोक्ष....’ का जिक्र किया तो सप्रे साहब के बारे में जानने की उत्कंठा भी हुई और अपने अज्ञान पर क्षोभ भी।<br />सही में ऐसी विभूतियाँ नित्य-स्मरणीय होती हैं, हमारा नमन पहुंचे।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-91816552286405961672010-11-16T21:15:29.216+05:302010-11-16T21:15:29.216+05:30बहुत ही उपयोगी जानकारी। अभी तक मैं भी माधवराव सर्प...बहुत ही उपयोगी जानकारी। अभी तक मैं भी माधवराव सर्पे जी को केवल हिंदी का पहला कहानीकार समझता था। लेकिन वे उससे भी कहीं आगे बढ़कर साहित्य के साथ साथ हिंदी जगत के मील के पत्थर है। इस सारगर्भित व संग्रह योग्य जानकारी के लिए बधाई।अखिलेश शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/15550022760896923056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-76733363893092891062010-11-16T21:00:23.303+05:302010-11-16T21:00:23.303+05:30‘मुझे मोक्ष प्यारा नहीं, मैं फिर से जन्म लूंगा‘- स...‘मुझे मोक्ष प्यारा नहीं, मैं फिर से जन्म लूंगा‘- सप्रे जी का यह कथन एक साहित्यकार के रूप में समाज सेवा के प्रति उनकी निष्ठा और ललक को दर्शाता है। उनके साहित्य के प्रकाशन से वर्तमान की तीनों पीढ़ियों को लाभ होगा, ऐसी आशा करता हूं। ...आपके माध्यम से बहुत कुछ जानने का अवसर मिल रहा है...शुभकामनाएं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-7785912997562572262010-11-16T20:09:56.630+05:302010-11-16T20:09:56.630+05:30achha aagis he bhaiya.achha aagis he bhaiya.suhai-bilasahttps://www.blogger.com/profile/07435747640568139115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-53341312121389656772010-11-16T17:04:32.962+05:302010-11-16T17:04:32.962+05:30सप्रे जी के नाम से समझ पाता हूँ
" लगभग सौ स...सप्रे जी के नाम से समझ पाता हूँ<br />" लगभग सौ साल पहले का युग,समाज और उसका सुर.एक तरह से जड़ों की तरफ लौटना" .<br />सुधि पाठकों के लिए आनंद की बात.<br />रोमांच होता है जान कर कि पेंड्रा <br />जैसी छोटी जगह से पत्रिका निकली जा रही थीDr. Braj Kishorhttps://www.blogger.com/profile/06982842671013664280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-31839931506236244602010-11-16T13:25:26.507+05:302010-11-16T13:25:26.507+05:30आदरणीय सप्रे जी के विराट व्यक्तित्व की झलक को सम...आदरणीय सप्रे जी के विराट व्यक्तित्व की झलक को समेटे इस कृति से परिचय कराने के लिये धन्यवाद भईया।<br />पं. माधवराव सप्रे साहित्य-शोध केन्द्र, रायपुर से इस पुस्तक को प्राप्त कर समय रहते ही, हम भी बायकाट के संबंध में सप्रे जी की दृष्टि में स्वतंत्रता आन्दोलन को देखना चाहेंगें। ... नहीं तो हमें भी कहना पड़ेगा ''दांत हे त चना नइ, चना हे त दांत नइ।''36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-53961066658519145582010-11-16T10:33:39.001+05:302010-11-16T10:33:39.001+05:30... behatreen post ... aabhaar !!!... behatreen post ... aabhaar !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-20199465956174808022010-11-16T10:23:08.048+05:302010-11-16T10:23:08.048+05:30अक्सर, पहले से ना पढी हुई पुस्तक की समालोचना पढकर ...अक्सर, पहले से ना पढी हुई पुस्तक की समालोचना पढकर टिपियाते हुए झिझक सी होती है ! समालोचक की अपनी नज़र अपना मंतव्य होता है तो फिर हम क्या कहें , का धर्म संकट ? <br /><br />हमारे दिलों में सप्रे जी की छवि और ख्याति पहले ही एक खास मकाम रखती है ! तो शेष केवल इतना रह जाता है कि सद्य प्रकाशित पुस्तक उनके जीवन और रचना कर्म के अनछुए पहलुओं को प्रकाशित कर पाये !<br /><br />फिलहाल इस पुस्तक का एक महत्व ये भी नज़र आ रहा है कि 'यश' की छुई अनछुई स्मृतियों को सहेज लेना भी ऐतिहासिक कार्य साबित हो सकता है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-33871181010850584712010-11-16T10:21:01.467+05:302010-11-16T10:21:01.467+05:30This comment has been removed by the author.उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-36847453792313147182010-11-16T09:24:02.070+05:302010-11-16T09:24:02.070+05:30परिचय का आभार। पुनः जन्म लेने की जीवटता से ही जीवन...परिचय का आभार। पुनः जन्म लेने की जीवटता से ही जीवन सिद्ध है। मा पलायनम्।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-2087569137075893382010-11-16T09:06:34.473+05:302010-11-16T09:06:34.473+05:30भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति संग्रहालय एवं पुस्...भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति संग्रहालय एवं पुस्तकालय में लगातार आना जाना होता रहा था। पर पहली बार उनकी किसी कृति से परिचय हुआ। शुक्रिया।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com