tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post1765104609200602323..comments2024-03-26T11:26:04.832+05:30Comments on सिंहावलोकन: 36 खसमRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger68125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-28095104306694198952012-02-26T10:43:56.356+05:302012-02-26T10:43:56.356+05:30कुछ साल पहले हंस में ’मेरे विश्वासघात’ सीरीज से एक...कुछ साल पहले हंस में ’मेरे विश्वासघात’ सीरीज से एक लेखमाला छपी थी। उसमें पत्रकार जोशीजी ने छत्तीसगढ़/बस्तर की महिलाओं के बारे में सस्ते संस्मरण लिखे थे। बाद में उनका बहुत विरोध हुआ और उनको अपना पद छोड़ना पड़ा।<br /><br />किसी अंचल के बारे में तमाम कहावतें/प्रचलित होती हैं। अतिशयोक्तियां भी। अब यह लिखने वाले की समझ पर है कि वह उनको किस रूप में समझकर लिखता है। यहां लेखिका को अंदाज ही नहीं होगा शायद कि उसके लिखे का क्या प्रभाव/मतलब होगा। <br /><br />हड़बड़/सस्ता लेखन!अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-41184956026873780592012-02-25T12:55:16.022+05:302012-02-25T12:55:16.022+05:30ऐसे लेख केवल और केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ...ऐसे लेख केवल और केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ही लिखे जाते हैं...<br /><br />ऐसे लेख तथा लेखकों की केवल भ्रत्सना से ही काम चलने वाला नहीं है... ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त क़ानूनी कार्यवाही होनी चाहिए...Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-11451885868138915432012-02-24T21:43:38.001+05:302012-02-24T21:43:38.001+05:30इसे कहते हैं ब्लागिंग.....
सैल्यूटइसे कहते हैं ब्लागिंग..... <br />सैल्यूटबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-57977853782618268612012-02-24T11:18:33.912+05:302012-02-24T11:18:33.912+05:30राहुल जी,
इस लिंक को भी एक बार देखने का कष्ट करें....राहुल जी,<br />इस लिंक को भी एक बार देखने का कष्ट करें...ये भी किसी के यात्रा का विवरण ही है।<br />http://mohallalive.com/2012/02/22/wah-bhi-koi-desh-hai-maharaj/Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-64976618133295519532012-02-24T09:22:38.407+05:302012-02-24T09:22:38.407+05:30राह चलती सुनी बातों में उल्लेखनीय का चयन आप (अपनी ...राह चलती सुनी बातों में उल्लेखनीय का चयन आप (अपनी रुचि/आवश्यकता/प्राथमिकता के अनुरूप) करते हैं, बस और क्या कहूं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-64805343657107417912012-02-24T00:52:49.991+05:302012-02-24T00:52:49.991+05:30हम आहत बहुत जल्दी हो जाते हैं।
द हिन्दू के Life a...हम आहत बहुत जल्दी हो जाते हैं। <br />द हिन्दू के Life and Style के Travel सेक्शन में जाकर जब पूरे लेख को पढा तो बुरा नहीं लगा। लेखिका ने कहीं नहीं कहा कि ये उनकी राय है अथवा जो कुछ उन्होने सुना वो उसको अनुमोदित करती हैं। उन्होने तो केवल दो लोगों के बीच हुयी बातचीत को बिना किसी सम्पादन के सामने रख दिया। <br />मैं छत्तीसगढ से नहीं हूँ लेकिन भारत के अनेको क्षेत्रो में अलग अलग प्रकार की किवदंतियां चलती रहती हैं, जिनका सम्भवत: कोई आधार नहीं होता।<br />"झांसी गले की फ़ांसी, दतिया गले का हार, ललितपुर न छोडिये जब तक मिले उधार।" अब झांसी वाले आन्दोलन करने लगे तो कैसे चलेगा।<br /><br />निश्चित ही दोनो बात करने वाले लोग अपने prejudice के चलते ऐसी बात कर रहे थे लेकिन यात्रा में आपको अनेकों ऐसे लोग मिलते हैं जिनके अच्छे/बुरे विचार कभी कभी सोचने को मजबूर करते हैं कि क्या सच में लोग ऐसा सोचते हैं और ऐसी बातों में विश्वास करते हैं? <br /><br />एक लेख जो कि मूलत: यात्रावरी जैसा है पर इतना बवाल मुझे तो उचित नहीं लगता।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1232496201996487332012-02-23T14:32:36.306+05:302012-02-23T14:32:36.306+05:30if dont like it dont agree write a article against...if dont like it dont agree write a article against it or ignore it.smhttp://realityviews.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-85405183801291292262012-02-23T08:57:06.880+05:302012-02-23T08:57:06.880+05:30लक्ष्मी शरत जैसे लोगों को पता ही नहीं होगा कि वे क...लक्ष्मी शरत जैसे लोगों को पता ही नहीं होगा कि वे क्या कह रहें है खैर हम लोगों को तो शायद सभी कुछ सहने की आदत हो गयी है क्या कहा जाये हम तो इतना भी साहस नहीं दिखाते कि हिन्दू को पत्र लिखकर अपनी भावनाओं से अवगत कराएँ मैंने तो आज ही पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई हैishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-83866826449988062672012-02-23T08:52:01.007+05:302012-02-23T08:52:01.007+05:30लक्ष्मी शरत जैसे लोगों को पता ही नहीं होगा कि वे क...लक्ष्मी शरत जैसे लोगों को पता ही नहीं होगा कि वे क्या कह रहें है खैर हम लोगों को तो शायद सभी कुछ सहने की आदत हो गयी हैishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-10159365517273770932012-02-23T06:55:07.110+05:302012-02-23T06:55:07.110+05:30घटिया हरकत !घटिया हरकत !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-34880228850421975572012-02-23T06:39:28.809+05:302012-02-23T06:39:28.809+05:30लक्ष्मी शरथ जी के पालन-पोषण मे ही कही दोष रह गया ह...लक्ष्मी शरथ जी के पालन-पोषण मे ही कही दोष रह गया होगा,सम्भत: पाश्चात्य माहौल मे पली-बढ़ी अधिकांश भारतीय महिलायें अलग किस्म की महिला हो जातीं हैं और ठेठ देशज महिलाओं के प्रति उनका दृष्टिकोण दुर्भावनापूर्ण ही रहता है।अपनी जड़ों से कट कर हम ऐसे ही वक्तव्य परोसेंगे ।Dr.Praveen Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/16697030653921596365noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-58146063056139321932012-02-22T09:55:30.986+05:302012-02-22T09:55:30.986+05:30माननीया लक्ष्मी शरथ से बात करने का मन हो रहा है.....माननीया लक्ष्मी शरथ से बात करने का मन हो रहा है.....संयमित मर्यादित भाषा में..Rakesh Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/01961346362476055583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-28930737118554566132012-02-22T08:50:49.611+05:302012-02-22T08:50:49.611+05:30यह छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ समस्त महिला वर्ग और ...यह छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ समस्त महिला वर्ग और जगत जननी माता सीता का भी अपमान है... जिन्हें ऐसे वचन कहते चित्रित किया गया है.... जब छद्मबुद्धिजीवियों की सोच का दायरा और रचनात्मकता समाप्त हो जाती है तो वो उलजलूल और अनर्गल प्रलाप के सहारे अपने बुद्धिजीवी होने के ढोंग को दुनिया के सामने बचाए रखने का कुत्सित प्रयास करते हैं... और यह निंदनीय कृत्य ऐसा ही उदाहरण है... क्षमा मांगना इस अपराध का शमन नहीं हो सकता... संकुचित वैचारिक धरातल पर बैठ कर भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले रचनाकार पूर्ण बहिष्कार और प्रतिबन्ध से ही ठिकाने आ सकते हैं....S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-46988913209253981182012-02-22T07:09:13.923+05:302012-02-22T07:09:13.923+05:30टॉईम्स ऑफ़ इंडिया से टक्कर लेने के चक्कर में तो अभ...टॉईम्स ऑफ़ इंडिया से टक्कर लेने के चक्कर में तो अभी पता नहीं क्या क्या होगाविवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-5801058281057410922012-02-22T00:37:35.857+05:302012-02-22T00:37:35.857+05:30यह महज धार्मिक चिंता का मसला नहीं है कि सीता और छत...यह महज धार्मिक चिंता का मसला नहीं है कि सीता और छत्तीसगढ़ के बारे में टिप्पणी है। दरअसल, यह हिंदू धर्म को सॉफ्ट टारगेट मानने का मसला भी है..विरोध होते ही इन महाशया को माइलेज मिल जाएगा।Manjit Thakurhttps://www.blogger.com/profile/09765421125256479319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-55469583428832380922012-02-21T20:34:58.981+05:302012-02-21T20:34:58.981+05:30'द हिन्दू जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने ऐसे ...'द हिन्दू जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने ऐसे अमर्यादित, स्तरहीन आलेख के प्रकाशन से अपनी प्रतिष्ठा गिराई है. इस के लिए 'द हिन्दू' और तथाकथित लेखिका दोनों को माफ़ी मांगनी चाहिए.shraddhanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-12591078506738220392012-02-21T13:38:16.999+05:302012-02-21T13:38:16.999+05:30लक्ष्मी शरत को पता ही नहीं होगा कि उन्होंने क्य...लक्ष्मी शरत को पता ही नहीं होगा कि उन्होंने क्या किया है। अत्यधिक आहत करनेवाला दुष्कर्म है यह उनका। मैं आपके साथ हूँ। आप यदि कोई अभियान चलाऍं तो अधिकारपूर्वक सूचित कीजिएगा कि मुझे क्या करना है। मैं तो वह पत्थर हूँ जिसे आप फेंकेंगे तो निशाने पर लग जाऊँगा।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-50445996639197952882012-02-21T13:34:02.238+05:302012-02-21T13:34:02.238+05:30नहीं। पहली ही नजर मे अनुभव हो रहा है कि उन पत्रकार...नहीं। पहली ही नजर मे अनुभव हो रहा है कि उन पत्रकार महोदया के लिए नहीं कहा गया है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-23602831212894159202012-02-21T12:26:47.027+05:302012-02-21T12:26:47.027+05:30आपने इस पर पोस्ट लिख इसे और प्रसिद्ध ही किया है। ऐ...आपने इस पर पोस्ट लिख इसे और प्रसिद्ध ही किया है। ऐसे लेखको का काम ही भड़काउ लेख लिख विवाद जनित शोहरत पाना होता है। इन पर चर्चा इनका ही मनोर पूरा करती है सो इन पर चर्चा न करना ही हितकारी है।Arunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-45305587304411857382012-02-21T08:03:57.790+05:302012-02-21T08:03:57.790+05:30Reading this article early morning, not at all goo...Reading this article early morning, not at all good feeling. I am wondering what Lakshmi Sarath wants to prove...on her writing skill, on her venture to Chitrakote falls. Her concluding line ..." I realise journeys are not just about sightseeing. They are about people, conversations and stories". She realized this only after seeing the Chitrakote Falls...that means this is her first venture to Chhattisgarh and first writing about her trip. <br />Even if this was a piece of travelogue... it neither tells anything about the place, people nor anything about her experience. The source quoted is rather the so called "halka fulka" (not using the word 'cheap'" conversation between any two people which you can hear even when you commute in city for that matter anywhere. Aise raah chalte kahaniyaan banane lage tab to chinta ki baat hai hi.Sarita Thakorehttps://www.blogger.com/profile/14189387318962630884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-7211920683659628442012-02-20T17:30:23.115+05:302012-02-20T17:30:23.115+05:30राहुल भाई, पूर्णतः औचित्यहीन एवं बकवास है इस तरह ...राहुल भाई, पूर्णतः औचित्यहीन एवं बकवास है इस तरह के लेख.छत्तीसगढ़ पर ऐसी बेहूदगी पहले भी कुछ मुद्दों पर की गयी है. दरअसल बहार के पत्रकार , लेखक खुद को सुपीरियर बताने पोलिटिक्स आफ इंटर प्रिटेशन के तहत बेबुनियाद लिखा करते हैं. दंतकथाएं और कहावते तथ्यों से परे होती हैं . छत्तीस गढ़ के संस्कृति विभाग को चाहिए की ऐसे लेखो पर फौरी आपत्ति दर्ज कर उन्हें भी वस्तुस्थिति से अवगत करायेKISHORE DIWASEhttps://www.blogger.com/profile/13371603626311177906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-74685924214119097732012-02-20T17:29:10.086+05:302012-02-20T17:29:10.086+05:30राहुल भाई, पूर्णतः औचित्यहीन एवं बकवास है इस तरह ...राहुल भाई, पूर्णतः औचित्यहीन एवं बकवास है इस तरह के लेख.छत्तीसगढ़ पर ऐसी बेहूदगी पहले भी कुछ मुद्दों पर की गयी है. दरअसल बहार के पत्रकार , लेखक खुद को सुपीरियर बताने पोलिटिक्स आफ इंटर प्रिटेशन के तहत बेबुनियाद लिखा करते हैं. दंतकथाएं और कहावते तथ्यों से परे होती हैं . छत्तीस गढ़ के संस्कृति विभाग को चाहिए की ऐसे लेखो पर फौरी आपत्ति दर्ज कर उन्हें भी वस्तुस्थिति से अवगत करायेKISHORE DIWASEhttps://www.blogger.com/profile/13371603626311177906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-54792413104937121602012-02-20T16:41:23.628+05:302012-02-20T16:41:23.628+05:30कहावतों के अंदर की बात को बिना समझे ऐसी मूर्खताएं ...कहावतों के अंदर की बात को बिना समझे ऐसी मूर्खताएं कर बैठते हैं कुछ लोग !<br />भाव के बजाय शब्द पर उनका फोकस रहता है,बिना सन्दर्भ जाने !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-10187323487955094042012-02-20T14:50:24.616+05:302012-02-20T14:50:24.616+05:30कई बार बिना तथ्य की पुष्टि किये मात्र विषय को सनसन...कई बार बिना तथ्य की पुष्टि किये मात्र विषय को सनसनीखेज बनाने के लिये ही ऐसी मनगढ़ंत बातें लिखी और कही जाती हैं, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-86203011185705220402012-02-20T13:35:04.476+05:302012-02-20T13:35:04.476+05:30कथा कहावतों का कोई माई-बाप नहीं होता सो, कई लोग है...कथा कहावतों का कोई माई-बाप नहीं होता सो, कई लोग हैं जो कुछ भी गढ़ कर कहावतों के जिम्मे सौंप देते हैं...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com