tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post784856288648035522..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: हिन्दीRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger53125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-55381877885380566732011-09-24T22:05:31.668+05:302011-09-24T22:05:31.668+05:30Rahul bhai ,aapne to puraney beete din yaad dila d...Rahul bhai ,aapne to puraney beete din yaad dila diye/wo din bhi kitney sunder they/apney jamaney me lugdi sahiya kah kar nakari jane wali in kitabon ne kitna romanchak maya jaal racha tha wo to koi pathak hi bayan kar sakta hai/aaj bhi unki maang hai ye unke reprint se sabit hai/mai bhi usdaur se guzra hoon aur jiya hai un durlabh palon aur sahitya ko bho/aapne yaden taza kar hum sabhi ko punarjeevit kar dioya/aabhaar bandhu,dhanyavaad bhi/sader,<br />dr.bhoopendra<br />rewa<br />mpडॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07345306084462566690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-75861552978467781482011-09-23T08:09:23.566+05:302011-09-23T08:09:23.566+05:30बहुत ही तथ्य परक आलेख आपनें लिखा है| बधाई और आभार|...बहुत ही तथ्य परक आलेख आपनें लिखा है| बधाई और आभार|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-87001601008863809432011-09-22T03:44:03.449+05:302011-09-22T03:44:03.449+05:30फादर कामिल बुल्के से हिंदी फिल्मों तक इतिहास गिनवा...फादर कामिल बुल्के से हिंदी फिल्मों तक इतिहास गिनवा दिया कुछ सालों बाद इसमें हिंदी ब्लॉगिंग भी शामिल हो जायेगी । हिंदी दिवस का ये फायदा तो हुआ ही कि आपका सुंदर आलेख पढने को मिला ।<br /> कवियों में गोपाल दास नीरज जी और लेखकों(लेखिकाओं ) में शिवानी जी की भाषा बहुत अच्छी लगती है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-92190145579069156192011-09-21T09:02:43.552+05:302011-09-21T09:02:43.552+05:30बहुत ही अच्छा लिखा है आपने,
बधाई,
विवेक जैन vivj...बहुत ही अच्छा लिखा है आपने,<br />बधाई,<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-19603562884104117422011-09-21T06:07:38.619+05:302011-09-21T06:07:38.619+05:30हिंदी अब सरकारी-आयोजन के ज़रिये एक कमाऊ साधन बन गई...हिंदी अब सरकारी-आयोजन के ज़रिये एक कमाऊ साधन बन गई है ! एकदिनी,साप्ताहिक या पखवाड़ा आयोजित करने के नाम पर आज केवल पाखंड हो रहे हैं,फिर भी ,अन्य स्तरों पर हिंदी अपने आप समृद्ध हो रही है !पहले तो जो विकास हुआ ,सो हुआ ही, अब हम सब अपने-अपने स्तर से प्रयासरत हैं !<br />आपने इस बहाने योगदान करने वालों को याद किया,आभार !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-46214982650282569592011-09-20T09:56:05.426+05:302011-09-20T09:56:05.426+05:30हिंदी दिवस पर कुछ महत्वपूर्ण नामों का सार्थक स्मरण...हिंदी दिवस पर कुछ महत्वपूर्ण नामों का सार्थक स्मरण कराया है आपने. हिंदी सिनेमा में नीरज जी का योगदान भी महत्वपूर्ण है, जो आज भी सक्रीय हैं.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-40011877547528045112011-09-20T08:07:38.410+05:302011-09-20T08:07:38.410+05:30हिंदी फिल्मों और जासूसी उपन्यासों के दौर के पहले क...हिंदी फिल्मों और जासूसी उपन्यासों के दौर के पहले के काल पर विचार करें तो यह स्पष्ट होता है कि हिंदी के विकास में उत्तर भारतीय संतों की लोकभाषा, वेंकटेश्वर प्रेस मुंबई से प्रकाशित हिंदी पुस्तकें, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान रचे गए देशभक्ति के गीत और गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित धार्मिक साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।<br /><br />पी.एच.डी. उपाधि के लिए फादर कामिल बुल्के द्वारा प्रस्तुत किया गया शोधग्रंथ हिंदी का पहला शोधग्रंथ था। इसके पहले हिंदी में पी.एच.डी. करने वाले भी अंग्रेजी में शोधग्रंथ लिखते थे, ऐसा नियम ही था। <br />कामिल बुल्के को हिंदी प्रेमी कमल बुलाकी भी कहते हैं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-86988805280781542712011-09-19T22:01:26.783+05:302011-09-19T22:01:26.783+05:30सवाल होता है, हिन्दी दिवस मनाने से क्या होगा? पत...सवाल होता है, हिन्दी दिवस मनाने से क्या होगा? पता नहीं, लेकिन जवाब मैं इस सवाल से मिला कर ढूंढने का प्रयास करता हूं, क्या जन्म दिन मनाने से आयु बढ़ जाती है? <br /><br /><br />बहुत कांटे की बात लिखी है आपने.आपसे पूर्णतया सहमत हूं. पता नहीं क्यों हम सच से मुंह फेर कर बैठे रहते हैं.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-77533755970987496192011-09-19T12:11:46.383+05:302011-09-19T12:11:46.383+05:30मुझे भी काम के सिलसिले में अंग्रेजी बोलना पड़ता है...मुझे भी काम के सिलसिले में अंग्रेजी बोलना पड़ता है लेकिन अभी तक मैं सहज रूप से अंग्रेजी नहीं बोल पता..खुद को अच्छे से व्यक्त नहीं कर पाता अंग्रेजी में..<br /><br />एक बार की बात याद आती है, मेरे ऑफिस में एक प्रेजेंटेसन था जिसे मुझे ही देना था..मेरे टीम मैनेजर ने मुझसे कहा की एक दो बार प्रैक्टिस कर लो..उनके सामने दो बार डेमो दिया भी लेकिन उनको कुछ सही नहीं लग रहा था..उन्होंने मुझे कहा, तुम शायद इस इन्वेस्टमेंट के कांसेप्ट को समझे नहीं अब तक..क्यूंकि तुम समझा नहीं पा रहे हो सही से..<br />बात थी ये की मैं बहुत अच्छे से समझ चूका था जो भी कांस्पेट था..लेकिन शायद अंग्रेजी में सही से व्यक्त नहीं कर पा रहा था..मैंने मैनेजर को कहा की एक बार आप मुझे इजाजत दें, मैं हिन्दी में ये डेमो आपको देकर दिखाता हूँ..आपको यकीन हो जाएगा की मैं कांसेप्ट समझ गया हूँ...वो मान गए..<br />प्रेजेंटेसन जब खत्म हुआ तो वो बस यही कह पायें - इट्स परफेक्ट.. :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-49422692607901889582011-09-19T08:35:28.072+05:302011-09-19T08:35:28.072+05:30This comment has been removed by the author.महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-21042605719932849592011-09-18T22:08:05.136+05:302011-09-18T22:08:05.136+05:30@ कहा जाता है कि खत्री जी की इन किताबों को पढ़ने क...@ कहा जाता है कि खत्री जी की इन किताबों को पढ़ने के लिए लोगों ने हिन्दी सीखी। उन्होंने शायद कभी हिन्दी सेवा का दंभ नहीं भरा....<br /><br />---------------<br /><br /> यही सच्चाई है। जो लोग असल हिन्दी सेवक होते हैं वह कहीं भी हिन्दी सेवा वाला नगाड़ा टनटनाते नहीं चलते, वह केवल अपना काम किये जाते हैं और लोग खुद ब खुद प्रेरित हो जुड़ते चले जाते हैं। हिन्दी फिल्में भी उसी श्रेणी में हैं। वे लोगों को आकर्षित करती हैं और गैर हिन्दी भाषी सहज ही खिंच जाता है।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-76581700123801994712011-09-17T21:07:46.519+05:302011-09-17T21:07:46.519+05:30लाजवाब ..
बधाई ..
- डा. जेएसबी नायडू (रायपुर)लाजवाब ..<br />बधाई ..<br />- डा. जेएसबी नायडू (रायपुर)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-74229381542967705642011-09-16T21:23:27.022+05:302011-09-16T21:23:27.022+05:30विचारोत्तेजक लेख ...किन्तु बहुत सी बातों से सहमत न...विचारोत्तेजक लेख ...किन्तु बहुत सी बातों से सहमत नहीं हो पाया मैं यहाँ .....परन्तु बहुत सोधोप्रांत लेख लिखा है आपने ...बहुत बहुत बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-54162119253514201192011-09-15T22:03:08.203+05:302011-09-15T22:03:08.203+05:30कामिल बुल्के जी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता....कामिल बुल्के जी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. उस फादर को नमन. जासूसी ओउस्तकों में तिलस्मी किस्म की भी हुआ करती थी. "ऐय्यारी" शब्द से उन्हीं के माध्यम से परिचित हुआ था. सुन्दर आलेख.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-78313542656087933982011-09-15T01:00:51.556+05:302011-09-15T01:00:51.556+05:30हिन्दी के सन्दर्भ में आपकी यह पोस्ट तो अपने आप ...हिन्दी के सन्दर्भ में आपकी यह पोस्ट तो अपने आप में एक सन्दर्भ सागर है। मजा आ गया। वाह-वाह। साधुवाद।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-22629650743455961042011-09-14T22:25:28.295+05:302011-09-14T22:25:28.295+05:30ये ब्लॉग जगत का बहुत बड़ा लाभ है कि समान विचारों व...ये ब्लॉग जगत का बहुत बड़ा लाभ है कि समान विचारों वाले लोगों से परिचय हो जाता है जो वास्तविक जिन्दगी में शायद ही संभव होता। हिन्दी और हिन्दी दिवस के बारे में कमोबेश यही विचार अपने रहे हैं और अपने दायरे में ऐसे विचार रखने वाला मैं अकेला ही होता था।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-33425192706241949032011-09-14T20:40:05.637+05:302011-09-14T20:40:05.637+05:30बहुत ही अच्छी पोस्ट....कई बातों की जानकारी मिली......बहुत ही अच्छी पोस्ट....कई बातों की जानकारी मिली...<br /><br />फादर कामिल बुल्के के शब्दकोष जैसा तो कोई शब्दकोष नहीं...खुद को भाग्यशाली मानती हूँ कि बुल्के जी के साक्षात दर्शन का अवसर भी मिलाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-84932844887746315792011-09-14T14:03:30.625+05:302011-09-14T14:03:30.625+05:30रविकर जी के लिए टिप्पणी करना आसान है। एक बार लिखकर...रविकर जी के लिए टिप्पणी करना आसान है। एक बार लिखकर लगाते जा रहे हैं। अच्छा ही है।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-69763785709894086652011-09-14T13:13:04.895+05:302011-09-14T13:13:04.895+05:30आपका जवाब नहीं | बहत शोध किया है आपने इस लेख के लि...आपका जवाब नहीं | बहत शोध किया है आपने इस लेख के लिए |<br />धन्यवाद इतनी सारी जानकारी के लिए |<br /><br />मेरी भी रचना देखें |<br /><a href="http://pradip13m.blogspot.com/2011/09/blog-post_13.html" rel="nofollow"><b>**मेरी कविता:राष्ट्रभाषा हिंदी**</b></a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-9647516776044476372011-09-14T12:09:38.730+05:302011-09-14T12:09:38.730+05:30हिन्दी के बारे में बहुत जानकारी मिली है
हिंदी दिवस...हिन्दी के बारे में बहुत जानकारी मिली है<br />हिंदी दिवस पर<br />बहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट<br />हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।<br />*************************<br />जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-19238819349859484042011-09-14T11:16:06.440+05:302011-09-14T11:16:06.440+05:30बस एक सवाल कि साहित्य की कमी का रोना रोनेवाले लोग ...बस एक सवाल कि साहित्य की कमी का रोना रोनेवाले लोग यह बताएँगे कि वे कितनी किताबों के नाम जानते हैं या इसका क्या आधार पाते हैं कि रोचक साहित्य नहीं है। हाँ, कुछ क्षेत्रों में अगर साहित्य नहीं है, तो उसमें लेखक का कोई दोष नहीं। क्यों लिखे वह? जब न पढ़ने वाले हैं, न सम्मान करने वाले। और उन्हें पूछता कौन है?चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-2210684860385194082011-09-14T10:11:26.460+05:302011-09-14T10:11:26.460+05:30बहुत ही सहजता से आपने हिंदी का आधुनिक इतिहास लिखा ...बहुत ही सहजता से आपने हिंदी का आधुनिक इतिहास लिखा है। मेरी समझ से हिंदी का उत्थान करने के लिये अच्छे लेखकों की उत्क्रृष्ट रचनाओं की आवश्यकता सबसे ज्यादा है कोई भी भाषा थोपी नही जा सकती जब तक उसमे रोचक सामग्री उपल्ब्ध न हो ।Arunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-9123590415876863522011-09-14T09:21:00.751+05:302011-09-14T09:21:00.751+05:30बहुत सुन्दर और विचारोत्तेजक आलेख ...तैरने का आनंद ...बहुत सुन्दर और विचारोत्तेजक आलेख ...तैरने का आनंद तो अपनी मातृभाषा में ही ..<br />आपने कई प्रशस्त अवदानों की याद दिला दी ,ऋषि तुल्य बाबा बुल्के की भी -आभार !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-11372907424506321832011-09-14T09:03:32.673+05:302011-09-14T09:03:32.673+05:30हम में से अधिकतर, बच्चों के सिर्फ अंगरेजी ज्ञान स...हम में से अधिकतर, बच्चों के सिर्फ अंगरेजी ज्ञान से संतुष्ट नहीं होते बल्कि उसकी फर्राटा अंगरेजी पर पहले चमत्कृत फिर गौरवान्वित होते हैं। चैत-बैसाख की कौन कहे हफ्ते के सात दिनों के हिन्दी नाम और 1 से 100 तक की क्या 20 तक की गिनती पूछने पर बच्चा कहता है, क्या पापा..., पत्नी कहती है आप भी तो... और हम अपनी 'दकियानूसी' पर झेंप जाते हैं। आगे क्या कहूं आप सब खुद समझदार हैं।<br /><br />बहुत ही सटीक लगी...<br />सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई..मधुर गुंजनhttps://www.blogger.com/profile/03032837846474530804noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-45284187668768325122011-09-14T08:16:33.895+05:302011-09-14T08:16:33.895+05:30लेखक इब्ने सफी बीए और हिन्दी अनुवादक प्रेमप्रकाश...लेखक इब्ने सफी बीए और हिन्दी अनुवादक प्रेमप्रकाश बीए। जासूसी दुनिया प्रेमियों को खबर जरूर होगी कि ये किताबें आजकल मद्रास से रीप्रिंट हो कर एएचव्हीलर पर 60 रु. में मिल जा रही हैं। दूसरा महत्वपूर्ण नाम याद आता है कुसुम प्रकाशन, जिसमें भयंकर जासूस सीरीज के लेखक नकाबपोश 'भेदी' और प्रमुख पात्र इंस्पेक्टर वर्मा-सार्जेन्ट रमेश होते। इसी तरह भयंकर भेदिया सीरीज के लेखक सुरागरसां होते और जासूस जोड़ी बैरिस्टर सुरेश-सहकारी कमल कहलाती।<br /><br />हिन्दीसेवी बुल्के जी, फादर बुल्के के बजाय बाबा बुल्के कहलाने लगे थे। उन्होंने शायद हिन्दी सेवा का कोई घोषित किस्म का व्रत नहीं लिया, लेकिन सहज भाव से जहां इस भाषा को आवश्यकता थी, ऐसे क्षेत्र की पहचान की, जिससे भाषा को मजबूत किया जा सके और वहां उनके प्रयास से जो संभव था, किया। उनके द्वारा तैयार शब्दकोश और रामकथा शोध, इसी का परिणाम और उदाहरण है।<br /><br /><br /><br />हिंदी की जय बोल |<br /><br />मन की गांठे खोल ||<br /><br /><br />विश्व-हाट में शीघ्र-<br /><br />बाजे बम-बम ढोल |<br /><br /><br />सरस-सरलतम-मधुरिम<br /><br />जैसे चाहे तोल |<br /><br /><br />जो भी सीखे हिंदी-<br /><br />घूमे वो भू-गोल |<br /><br /><br />उन्नति गर चाहे बन्दा-<br /><br />ले जाये बिन मोल ||<br /><br /><br />हिंदी की जय बोल |<br /><br />हिंदी की जय बोल |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com