tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post6992190831289365318..comments2024-03-26T11:26:04.832+05:30Comments on सिंहावलोकन: छत्तीसगढ़ वास्तु - IIRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-53412114147623800252013-06-12T19:53:51.787+05:302013-06-12T19:53:51.787+05:30" ॐ वास्तु देवताभ्यै नमः।" भाई रमाकान्त..." ॐ वास्तु देवताभ्यै नमः।" भाई रमाकान्त के अनुसार , यह सचमुच छत्तीसगढ परिक्रमा है। अनिवर्चनीय , संग्रहणीय , आस्था-पूर्ण , अनुपम- आलेख । शब्द-चित्र , सजीव लगते हैं । शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-51863893307298742872013-01-10T18:39:00.893+05:302013-01-10T18:39:00.893+05:30छत्तीसगढ़ वास्तु पर इतना समृद्ध आलेख। बधाई और आभार...छत्तीसगढ़ वास्तु पर इतना समृद्ध आलेख। बधाई और आभार। यह आपने "अच्छा" लिखा कि तस्वीर एक भी नहीं। देखना हो तो मौके पर जा कर देखें। ऐसा अन्याय मुझ जैसे व्यक्ति पर तो न करें, जिसके लिये दिल्ली अभी दूर है। अच्छा चलिये, ब्लॉग पर तस्वीरें न तो नहीं सही किन्तु जब आपके सभी पोस्ट को पुस्तकाकार प्रकाशन दें तब तो तस्वीरें दीजियेगा, न? किन्तु इसमें भी विलम्ब असहनीय है। शीघ्रता करें। <br />अनंत मंगलकामनाएँ। Harihar Vaishnavhttps://www.blogger.com/profile/13169075818494539448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-80582415540035328092013-01-10T18:37:07.673+05:302013-01-10T18:37:07.673+05:30छत्तीसगढ़ वास्तु पर इतना समृद्ध आलेख। बधाई और आभार...छत्तीसगढ़ वास्तु पर इतना समृद्ध आलेख। बधाई और आभार। यह आपने "अच्छा" लिखा कि तस्वीर एक भी नहीं। देखना हो तो मौके पर जा कर देखें। ऐसा अन्याय मुझ जैसे व्यक्ति पर तो न करें, जिसके लिये दिल्ली अभी दूर है। अच्छा चलिये, ब्लॉग पर तस्वीरें न तो नहीं सही किन्तु जब आपके सभी पोस्ट को पुस्तकाकार प्रकाशन दें तब तो तस्वीरें दीजियेगा, न? किन्तु इसमें भी विलम्ब असहनीय है। शीघ्रता करें। <br />अनंत मंगलकामनाएँ। Harihar Vaishnavhttps://www.blogger.com/profile/13169075818494539448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-78172206906606882692013-01-06T12:13:42.522+05:302013-01-06T12:13:42.522+05:30वाकई ये सब तो साक्षात दर्शन के योग्य है।वाकई ये सब तो साक्षात दर्शन के योग्य है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-3191598236155497132013-01-02T11:48:39.331+05:302013-01-02T11:48:39.331+05:30वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्...वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.<br /><br />मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार<br />जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार<br />ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार<br />इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-19783837763149699682012-12-31T17:35:08.032+05:302012-12-31T17:35:08.032+05:30आलेख कम्प्यूटर स्क्रीन पर नहीं, अपितु मुद्रिताव...आलेख कम्प्यूटर स्क्रीन पर नहीं, अपितु मुद्रितावस्था में पढ़नेयोग्य हैं। अत: तद्नुसार अध्ययनोपरान्त विषयक् टिप्पणी कर सकूंगा। तब तक प्रणाम एवं शुभकामनाएं।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-60451127699325232472012-12-31T12:27:10.823+05:302012-12-31T12:27:10.823+05:30 दिलचस्प आलेख। छत्तीसगढ़ के मंदिरों का एनसाइक्लोप... दिलचस्प आलेख। छत्तीसगढ़ के मंदिरों का एनसाइक्लोपीडिया दे दिया आपने। आपने वाकाटक वंश के प्रभावों पर प्रकाश डाला, अन्य बड़े राजवंशों की कला के पड़े प्रभावों पर जानकारी दी जाती तो पाठकों को और सुख मिलता।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-42984587619506665972012-12-30T22:05:38.827+05:302012-12-30T22:05:38.827+05:30पढ़ते समय तो ठीक लेकिन पढ़ने के बात कुछ भी याद रख ...पढ़ते समय तो ठीक लेकिन पढ़ने के बात कुछ भी याद रख पाना बहुत कठिन है मेरे लिए।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-42555787497226594562012-12-30T21:40:03.820+05:302012-12-30T21:40:03.820+05:30आपके यह लेख संग्रहणीय हैं ...
बधाई और आभार !आपके यह लेख संग्रहणीय हैं ...<br />बधाई और आभार !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-48739189146729407692012-12-30T21:35:47.093+05:302012-12-30T21:35:47.093+05:30इतना विस्तृत विवरण पढने के बाद भी मन की ऑंखों में...इतना विस्तृत विवरण पढने के बाद भी मन की ऑंखों में कुछ नहीं आ पाया। निश्चय ही यह मेरी असफलता है किन्तु चित्र न देकर आपने भी कम अत्याचार नहीं किया।<br /> <br />आप तो ऐसे कभी नहीं थे!विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-64196051248851968762012-12-30T20:25:35.270+05:302012-12-30T20:25:35.270+05:30ज्ञानवर्धक लेख.
वास्तुकला को समझना थोडा सा जटिल अव...ज्ञानवर्धक लेख.<br />वास्तुकला को समझना थोडा सा जटिल अवश्य लगा .<br />प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर इस सुन्दर स्थल को देखने की इच्छा है परंतु न जाने कब वहाँ जा कर देखना संभव होगा.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-63721595879726868652012-12-30T20:23:57.438+05:302012-12-30T20:23:57.438+05:30विद्वतापूर्ण !विद्वतापूर्ण !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-46751488653729400322012-12-30T20:06:52.645+05:302012-12-30T20:06:52.645+05:30♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगबल...<b> </b> <br /><b> </b> <br />♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow">♥नव वर्ष मंगबलमय हो !♥</a></b><br />♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥<br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> </b> <br />दो भागों में प्रस्तुत आलेख <b>छत्तीसगढ़ वास्तु </b> के लिए आभार ! साधुवाद !<br /><b> आदरणीय राहुल सिंह जी </b><br /><b> </b> सादर प्रणाम !<br /><b> </b> <br /><b> </b>आपका पूरा ब्लॉग गहन गंभीर लेखों के ख़ज़ाने से सम्पन्न है ... <br /><b> </b> <b> </b> विषय विशेष पर प्रामाणिक जानकारी तलाश करने वालों को आपके ब्लॉग पर पहुंच कर अवश्य ही राहत मिलती है ... <br />आप स्वस्थ रहें और अपनी लेखनी द्वारा सदैव सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन का सारस्वत प्रसाद बांटते रहें …<br /><br /><b>नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित… </b> <br />राजेन्द्र स्वर्णकार <br />◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►<br /><b> </b> <br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-41011384739262437532012-12-30T19:49:34.287+05:302012-12-30T19:49:34.287+05:30पूज्य राहुल सिंह जी सर्व प्रथम प्रणाम स्वीकारें आप...पूज्य राहुल सिंह जी सर्व प्रथम प्रणाम स्वीकारें आपकी छत्तीसगढ़ परिक्रमा को पढ़कर मन प्रफुल्लित हो गया .आपने ****छत्तीसगढ़ में वास्तु कला का स्पष्ट और नियमित इतिहास भव्य कलात्मक देवालयों में****का उल्लेख जिस प्रकार नैसर्गिक ढंग से राजाओं के कालक्रम में बतलाया है . नमन योग्य . आपके सानिध्य में बिताये क्षण जीवित हो उठे .दंतेवाडा , कवर्धा, रायपुर , बिलासपुर , सरगुजा , रायगढ़, दुर्ग, संभाग के दूरस्थ गाँव में स्थित देवालयों के निर्माण में प्रयुक्त वास्तुकला का सांगोपांग वर्णन आपको बरसों बरस याद करता रहेगा .एक बार फिर आपके छत्तीसगढ़ के इस अगाध प्रेम के लिए प्रणाम.Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.com