tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post6005236492135705902..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: अपोस्टRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger60125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-74660525173791939842011-08-22T22:28:26.547+05:302011-08-22T22:28:26.547+05:30आपकी अपोस्ट और अनुराग जी की कुपोस्ट मोबाईल पर देख ...आपकी अपोस्ट और अनुराग जी की कुपोस्ट मोबाईल पर देख ली थीं, लेकिन मोबाईल से अटीप की अव्यवस्था/कुव्यवस्था नहीं थी।<br />चिट्ठाजगत के दिनों में ऐसी दो लाईना सुपोस्ट्स भी देखीं थीं जिनमें लेखक ने लिखा था कि एक घंटे से कई ब्लॉग्स पढ़े हैं, अब चाय पीकर फ़िर आयेंगे।<br />अभी एक पुस्तक पढ़कर हटा हूँ जिसमें एक फ़ौजी अफ़सर पर कुछ आरोप लगाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी। सक्षम अधिकारी ने नोट लिखा कि ’फ़ौज जब मुझ जैसे बंदर को बर्दाश्त कर सकती है तो एक और सही।’ मामला खत्म। राहुल जी, आज अपना भी यही कहने का मन है, जब ब्लॉगिंग में ’मो सम’ जैसे खप सकते हैं तो इसका मतलब है कि हर किसी के लिये गुंजाईश है।<br />पोस्ट पढ़कर हमेशा की तरह सत्चित आनंद की प्राप्ति हुई।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-75979587515211519192011-08-14T23:48:36.090+05:302011-08-14T23:48:36.090+05:30सत्य को भी मीठा बना दिया आपने...सत्य को भी मीठा बना दिया आपने...induravisinghjhttp://www.hridyanubhuti.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-43421543306833150922011-08-13T10:35:10.715+05:302011-08-13T10:35:10.715+05:30रक्षाबंधन की आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !...रक्षाबंधन की आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-81639167911041665962011-08-12T18:42:32.694+05:302011-08-12T18:42:32.694+05:30विषय की बाध्यता .. आपको नहीं .. ।
बधाई ..
- डा....विषय की बाध्यता .. आपको नहीं .. । <br />बधाई .. <br />- डा.जेएसबी नायडू (रायपुर)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-43468855611738165182011-08-12T16:06:25.946+05:302011-08-12T16:06:25.946+05:30वाह क्या बात है , मन के भावो को शब्दों में बाँध द...वाह क्या बात है , मन के भावो को शब्दों में बाँध दिया है आपने ,<br />अब इसे कहू क्या बस इसी दुविधा में हूँ करारा व्यंग्य कहू या सच्ची बात कहू पर जो भी है लाजवाब है <br />वैसे मै आपके पीछे पीछे ही आ रहा हूँ ,amrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-54656566965147616252011-08-12T08:39:56.260+05:302011-08-12T08:39:56.260+05:30जाकिर जी की बात सुनकर मजा आया। कुपोस्ट। अच्छा है, ...जाकिर जी की बात सुनकर मजा आया। कुपोस्ट। अच्छा है, किसी का लिखा पसन्द नहीं आए तो कुपोस्ट है, कहकर निकल सकते हैं।<br /><br />मंधाता जी ने लिखा है कि बहस चलाने के लिए धन्यवाद। पता नहीं इसमें बहस कहाँ हैं। <br /><br />प्रतुल जी,<br /><br />नया नहीं है काम। लाठीचार्ज, जिलाधिकारी, कम्पयूटरीकृत जैसे शब्द पहले से हैं।<br /><br />वैसे मैंने भी एक जगह कु-चिट्ठेकार लोगों के लिए एक नया शब्द चोट्टेकार गढ़ा था।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-8363717545478789512011-08-12T07:36:21.632+05:302011-08-12T07:36:21.632+05:30मजेदार है जी। भौत मजेदार!मजेदार है जी। भौत मजेदार!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-17586607623970345492011-08-11T13:34:56.140+05:302011-08-11T13:34:56.140+05:30बढ़िया अंदाज़ में ...एकदम अलग सा आलेख
सच को बेहत...बढ़िया अंदाज़ में ...एकदम अलग सा आलेख <br /> सच को बेहतरीन लिखा है आपने....राहुल जीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-63985935143008853282011-08-11T12:50:33.551+05:302011-08-11T12:50:33.551+05:30वाह भई वाह ,ब्लॉग -शब्दावली /चिठ्ठा -शब्द कोष में ...वाह भई वाह ,ब्लॉग -शब्दावली /चिठ्ठा -शब्द कोष में एक शब्द जुडा-"अ -पोस्ट " .कृपया "अ-चिठ्ठा" कहने का लोभ संवरण न करें ,चिठ्ठा आखिर चिठ्ठा है ,अभी दिमाग में एक शब्द आया -चिठ्ठु बा -तर्ज़ मिठ्ठू .भाई साहब कुछ लोगों को जैसे हम यह सब करना आता भी नहीं हैं ,लिखने के बाद वह मुक्त हो जाता है विरेचन हो जाता है ,हमारे ब्लॉग पे काउंटर हमारे भांजे ने लगाया था ,ब्लॉग भतीजे ने लगाया था ,फोटो वगैरा सब हमारी बेटी ने लगाया था .पहले वह पोस्ट के साथ चित्र भी चस्पा कर देती थी .२००८ के बाद २०११ में वह अलग किस्म की जिम्मेवारी में मुब्तिला है ,हमारी प्रकाशित पोस्ट अकेले "राम राम भाई "पर हमारी-४०७२ पोस्ट हैं काउंटर का पाठ है - ७०,८५० (सत्तर हज़ार आठ सौ पचास केवल ).लिखना और पढ़ना पढ़ते रहना ज़िन्दगी से लगातार रिश्ते तनाव से बचाए रहने की कोशिश में खासा असरकारी सिद्ध हुआ है .इति "आपकी "दो टूक "/खरी -खोटी ,प्रभु -चायवाला की तरह आक्रामक नहीं थी .शालीन थी . .http://veerubhai1947.blogspot.com/ <br />बुधवार, १० अगस्त २०११<br />सरकारी चिंता<br />http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/ <br />Thursday, August 11, 2011<br />Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स "virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-7409023990585639752011-08-11T12:20:15.650+05:302011-08-11T12:20:15.650+05:30@ प्रतुल वशिष्ठ जी-
इंग्लिश, हिंदी-संस्कृत के साथ...@ प्रतुल वशिष्ठ जी-<br />इंग्लिश, हिंदी-संस्कृत के साथ इस पोस्ट को ''तवज्जो''(उर्दू) देने का आपका यह ''मेल'' (अंगरेजी) अनूठा है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-65206585662233998132011-08-11T10:38:58.005+05:302011-08-11T10:38:58.005+05:30सुधार :
'अनमेल को अंतरजातीय लिखना चाहता था'...सुधार :<br />'अनमेल को अंतरजातीय लिखना चाहता था' <br />पर दोनों ही से मतलब सही लगता है.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-75635646205566712232011-08-11T10:36:03.706+05:302011-08-11T10:36:03.706+05:30जहाँ कुछ नकारात्मक रुख अपनाया नहीं कि 'अ' ...जहाँ कुछ नकारात्मक रुख अपनाया नहीं कि 'अ' जोड़ दिया...<br />जहाँ परिपाटी से कुछ हटकर क्या चले कि 'अ' जोड़ दिया...<br />अरे Sir जी, 'अ' का उपसर्ग जोड़ कभी-कभी सामान्य को अ-सामान्य बना देता है. साधारण को अ-साधारण कर देता है.<br />इंग्लिश शब्द 'पोस्ट' को हिंदी-संस्कृत परिवार के उपसर्ग 'अ' का साथ दिलाकर आपने अनजाने में 'अनमेल विवाह' को तवज्जो दी है. <br />:)प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-80266976828508654002011-08-10T21:22:38.183+05:302011-08-10T21:22:38.183+05:30राहुलजी शुक्रिया इतनी अच्छी बहस चलाने के लिए। सिर्...राहुलजी शुक्रिया इतनी अच्छी बहस चलाने के लिए। सिर्फ टिप्पणियों या फिर सर्वाधिक पोस्ट के लिए अंधाधुंध ब्लागिंग ने हिंदी ब्लागर की मंशा पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सर्वाधिक सूचनाएं देने की भी होड़ मची हुई है। इन सब के बीच टिप्पणियों की चाह ने कई विकार भी पैदा किए हैं। हालांकि ब्लागिंग जैसी मीडिया की खासियत भी है कि आप पाठक से सीधे टकराते हैं। बीच में कोई रोक नहीं होती। बाकी मीडिया में पाठक सीधे आपसे रूबरू नहीं होता। तो टिप्पणियां इस मायने में पाठक से आपको सीधे जोड़ती हैं। मगर इन टिप्पणियों की माया पर कई मित्रों को एतराज भी है। हिंदी ब्लागिंग एसोलिएशन चला रहे डा. अनवर जमाल साहब ने तो इस संदर्भ में कुछ और ही कह डाला है। इस लिंक में हैं उनके विचार-- http://mankiduniya.blogspot.com/2011/08/frogs-online.html । शुरुआत कुछ ऐसी है।---<br /> <br /> Frogs online<br />पाताल को जाती हुई हिंदी ब्लॉगिंग का गुज़र दिल्ली के एक कुएँ से हुआ तो उसे कुछ मेंढकों ने लपक लिया और ब्लॉगिंग शुरू करते ही उस पर एक छत्र राज्य की स्कीम भी बना ली । वे चाहते थे कि तमाम हिंदी ब्लॉगर्स की नकेल उनके हाथ में रहे ताकि ब्लॉगिंग में वही टिके जिसे वे टिकाना चाहें और जो उनकी चापलूसी न करे , उसे वे उखाड़ फेंके चाहे वह एक सच्चा आदमी ही क्यों न हो। ------<br /> <br /> मैंने भी अपनी टिप्पणी दी जो यह है------<br />Dr. Mandhata Singh said...<br />अनवर भाई यह सही है कि अच्छा और सामयिक लेखन किसी कमेंट का मोहताज नही लेकिन माहौल ही हिंदी ब्लागिंग का कुछ ऐसा बना कि मैंने कई ब्लाग लेखकों को अपने लेख पर कमेंट नहीं होने से हताश व निराश होते देखा है। शायद आपके विचारोत्तेजक लेख से तसल्ली मिले। अगर आपके विचार थोड़े भी लोगों तक पहुंचते हैं तो इसे ही उपलब्धि माननी चाहिए। कमेंट देने वाले की भी जय और बिना कमेंट वाले पाठकों की भी जय।<br />August 7, 2011 8:57 PM Dr Mandhata Singhhttps://www.blogger.com/profile/05562848365103091157noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-63707295127204014342011-08-10T21:14:52.534+05:302011-08-10T21:14:52.534+05:30अटीप ,
ब्लॉग जगत के तेंदुलकर साहेबान पे ऐसी छींटा...अटीप , <br />ब्लॉग जगत के तेंदुलकर साहेबान पे ऐसी छींटाकशी ना कभी देखी ना सुनी :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-89112249721815338922011-08-10T20:04:45.783+05:302011-08-10T20:04:45.783+05:30राहुल भाई इसे पोस्ट कहें या अपोस्ट क्या फरक पड़ेगा ...राहुल भाई इसे पोस्ट कहें या अपोस्ट क्या फरक पड़ेगा आपकी तो हर बात ही इतनी उम्दा रहती है कि जब भी समय मिले पढने को जी चाहता है मुझे तो लगता है कि आपका ब्लॉग पढने वाले हर व्यक्ति को आपकी यह पोस्ट तो अन्दर तक छू ही लेगीishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1442493492399125562011-08-10T17:52:27.158+05:302011-08-10T17:52:27.158+05:30(अ)टिपण्णी ........के लिए हाजरी(अ)टिपण्णी ........के लिए हाजरीदीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-74020169456574505912011-08-10T11:30:42.694+05:302011-08-10T11:30:42.694+05:30सात्विक मनोरंजन हुआ. दो दिनों से अंतरजाल सुप्त है....सात्विक मनोरंजन हुआ. दो दिनों से अंतरजाल सुप्त है. अभी अभी ही चालू हुआ.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-14301566680914824452011-08-10T10:43:53.972+05:302011-08-10T10:43:53.972+05:30वाह कुछ नहीं बहुत बड़ी बात है इस अपोस्ट में जो सर ...वाह कुछ नहीं बहुत बड़ी बात है इस अपोस्ट में जो सर खुजलाने नहीं बल्कि दिल थामकर बैठ जाने को मजबूर कर रही हैचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-46202591602281248152011-08-10T07:38:53.584+05:302011-08-10T07:38:53.584+05:30बढ़िया है , सच भी तो !बढ़िया है , सच भी तो !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-17118274475745967472011-08-10T06:03:13.386+05:302011-08-10T06:03:13.386+05:30@ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी-
सुपोस्ट की सोचें, कंपोस्...@ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी-<br />सुपोस्ट की सोचें, कंपोस्ट की सोचें और कुपोस्ट की आशंका घटाते चलें. वैसे 'अ', 'कु', 'सु' तो पोस्ट के साथ आरंभ से ही अस्तित्व में हैं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-72017017871627148072011-08-09T23:28:02.594+05:302011-08-09T23:28:02.594+05:30आज तो अलग अन्दाज़ में लिखा है आपने :)आज तो अलग अन्दाज़ में लिखा है आपने :)वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-71932698634223559962011-08-09T22:27:28.843+05:302011-08-09T22:27:28.843+05:30पोस्ट से अपोस्ट, अब तो डर है कि कहीं मामला कुपोस...पोस्ट से अपोस्ट, अब तो डर है कि कहीं मामला कुपोस्ट तक न पहुंच जाए।<br /><br />------<br /><a href="http://bm.samwaad.com/" rel="nofollow">बारात गई उड़ !</a><br /><b><a href="http://za.samwaad.com/2011/08/blogs-essential.html" rel="nofollow">ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-36504239651610278512011-08-09T18:58:27.984+05:302011-08-09T18:58:27.984+05:30ismaliye........a....tippani...
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pranam.ismaliye........a....tippani...<br /><br />:):):)<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-40215631369986103052011-08-09T18:47:34.926+05:302011-08-09T18:47:34.926+05:30आपकी इस अपोस्ट मेँ सफल ब्लागिँग के कई नये गुण भी ह...आपकी इस अपोस्ट मेँ सफल ब्लागिँग के कई नये गुण भी हैँ अगर ब्लागर चाहे तो पोस्टोँ का टोटा समाप्त कर सकता है। व्यंगात्मक लहजे मेँ आपने अच्छी क्लास लगाई है।उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-49674612393909686732011-08-09T17:59:16.711+05:302011-08-09T17:59:16.711+05:30बहुत खूब कहा है आपने ....अंदाज पसंद आया ...आभारबहुत खूब कहा है आपने ....अंदाज पसंद आया ...आभाररेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.com