tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post3858409625363682407..comments2024-03-26T11:26:04.832+05:30Comments on सिंहावलोकन: वीर नारायण सिंह - क्रांति और भ्रांतिRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-21253811999895263492023-07-19T14:09:18.362+05:302023-07-19T14:09:18.362+05:30माखन साव नही कसडोल के मिश्र परिवार से अनाज धान उधा...माखन साव नही कसडोल के मिश्र परिवार से अनाज धान उधार लिये थे।अकाल होने पर अपने सैनिको की रसद पूर्ति हेतु लेकिन लगातार अकालके कारण दसरा अंग्रेजो से संघर्ष केकारण समय बीतनेसे भी होसकता ह।एकबारसोनाखान सेएक आदमी कसडोल अपने रिस्तेदार केयहाकसडोल आया शाम केसमय रिस्तेदार उसे कसडोल मिश्र परिवार मालगुजार के यहा घुमाने ले गया ।मिश्र परिवार के उस समय चौरासी गावबताये जाते है ।वहा देखा कि एक पतले को जूते से पीटाजा रहै यह कहकर कि बहुय सय बीत जाने के बादभी धानवपस नही कर रहा।येसब देखकर जब वापस सोनाखान जाकर जमीदार से ये बात कही तो अपमान से क्रोधित होकर सेना लेकर कसडोल आकर उसघर के सभी सदस्यो की हत्या कर दी।लेकिन एक बालक को लेकर नौकरानी घर से निकलने पर पछा गया तो नौकरानी ने उसे अपना पुत्र बताया तो जाने दिये। वह महिला उसे लेकर केरा आ गयी उस बालक को केरा मे छोडकर वापस चली गयी।अंति मिश्र कुलदीपक मामा घर केरा मे रह रहाहै।गुप्तचरो केद्वारा यह जानकर सेना के साथ केरा आ धमका केरा मे इसकी जानकारी समय रहते मिल जाने के कारण अंकोल पेड के नीचे स्थापित चंडीदेवी की मूरति के पीछे बालक को छिपा दिये।सेना से कहा गया कि वह बालक यहा नही आया चाहो कही भी गावघर मे खोज सकते हो।य सेना केसाथ ढुढने सेभी नही मिला ब वहसेना लेकर वापस चला गया ।जाते समय उसे कहा गया कि इस तरह बिना सूचना के आगये भलेही कोई शुक्लपरिवार को कोई नुकसान नही पहुचाया था।फिर भी कहागया कि जबभी इस तरह आक्मणके लिये आना चाहोगेतो पहले सूचनादेना।हममेभी साहस होतोसामनाकरेगे ।कुछ दिनबाद गुप्तचरो से पता चला कि बालक वही है यो केरामेफिर से सूचना भेजी कि अमुक दिनयैयार रहना हम सेना लेकर आ ते है। यहा केरा मे मालगुजार ने भीसभी आसपास के किसानो को इकट्ठा करके सबको शस्त्रो केसाथ जिनके पास हथियार नही थे वे कृषि औजार कुल्हाडी रापा आदि शस्त्रके रूपमे और मशाल के साथ चंण्डीदेवी का स्मरण करके देवरीसंगम से लेकर सिघुलयट तक शाम के समय डट गये।महानदी के उस पार सोनाखान की सेना थी उनके साथ बैगा पहले अपने देव कुर्रूपाठ का सौमिरनपूजन कर जमीदार से कहा कि सेना नदी मे मत उतारिये केरा की देवी हमारे देवसेबडी है उस पार बहुय लबी सेना नदी किनारे दिख रहहै ।बैगा के कहने के बादभी सोनाखान राजा सेना नदी मे उतरने का आलेश कर दिया जैसे ही सेना नदी मे उतरी सबके पाव फूलगये और सेना वापस हो गयी।<br />बाद मे यहखबर अंग्रेज सरकार ने सुनी तो केरा मे जितने भी हथियार वंदूक बरेला तलवारभाला बरछी जप्त कर ले गये।<br />परिवार और गावके बुजुर्गो से सुनी हुयी लिखीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-20317853051935025392022-12-13T12:14:31.120+05:302022-12-13T12:14:31.120+05:30Thank you Thank you Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-70440089032927150972022-12-13T12:13:30.604+05:302022-12-13T12:13:30.604+05:30Thank you Thank you Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-12616957172755217222022-12-13T12:10:15.984+05:302022-12-13T12:10:15.984+05:30Thank you.Thank you.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-33065759174508214472022-12-11T15:00:21.979+05:302022-12-11T15:00:21.979+05:30" नारायण सिंह बिंझवार " छत्तीसगढ़ के आदिव..." नारायण सिंह बिंझवार " छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोही नेता पर केंद्रित अपने पीएच.डी. का सारांश दिनांक 07.12.1990 को दैनिक नवभारत समाचार पत्र में वक्तब्य जारी कर जनमानस को अपनी भावनाओं से मैंने अवगत कराया था ! <br /> कभी उन्हें तोप से उड़ाते हुए "19 दिसम्बर 1987 को डाक टिकिट जारी कर 19 दिसम्बर1857 को उनकी शहादत तिथि घोषित कर दी गई थी! जबकि उन्हें फाँसी की सजा दी गई थी ! जिसे साक्ष्य प्रस्तुत कर "10 दिसम्बर 1857"का मूल आदेश पोस्ट किया हूँ ! जिसमें उन्हें फांसी देने का उल्लेख है ! आज उनके शहादत दिवस पर उन्हें नमन करता हूँ !<br /> यद्यपि मेरे प्रयत्नपूर्वक किये गए शोध पर छत्तीसगढ़ सरकार ने आज तक मुझे विस्मृत ही कर रखा है ! इसका मुझे दुख जरूर है ! मैंने अपनी पीढ़ी को साहस पूर्वक अपने पुरखों के गौरव का स्मरण समय समय पर कराया है और आगे भी अपना प्रयास जारी रखूँगा !<br /> मेरे अनुसार उन्हें वर्तमान मोतीबाग चौक में फाँसी दी गई थी ! चूँकि उस समय जेल वहीं पर था ! वर्तमान का जेल 1857 के बाद बनाया गया था ! जयस्तम्भ चौक पर उनकी शहादत की बातें ऐतिहासिक तथ्य के साथ मजाक है !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-82941983316203588112022-12-11T05:28:44.955+05:302022-12-11T05:28:44.955+05:30जय होजय होAjay verma3112https://www.blogger.com/profile/15028818587600299015noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-49308059658050583962022-12-09T20:39:33.482+05:302022-12-09T20:39:33.482+05:30सादर प्रणाम आपको --- सादर प्रणाम आपको --- संजीव चंदेलhttps://www.blogger.com/profile/02389158243861120030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-86968619251469473282022-08-14T15:39:05.690+05:302022-08-14T15:39:05.690+05:30राहुल भैया से शत-प्रतिशत सहमतराहुल भैया से शत-प्रतिशत सहमतAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-32603568346268526882022-08-14T14:21:39.917+05:302022-08-14T14:21:39.917+05:30निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के इतिहास खासकर वीर नारायण...निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के इतिहास खासकर वीर नारायण सिंह से संबंधित तथ्यों को जो संभवतया एक पक्षीय है उसे सही विश्लेषण के साथ पेश किया जाना चाहिए। माखन कौन है जिसे सूदखोर बताया गया है, वास्तव में उनकी क्या स्थिति है, उसे लिखा जाना चाहिए।Ashwini Kesharwanihttps://www.blogger.com/profile/04291947276851549603noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-3984660826074998532022-08-14T11:27:33.242+05:302022-08-14T11:27:33.242+05:30साथ ही सोनाखान जमीदारी के समय के देवरी ,कटगी लवन ब...साथ ही सोनाखान जमीदारी के समय के देवरी ,कटगी लवन बिलाईगढ़ आदि जमीदारी के भी शायद पर्याप्त जानकारी नही मिलती ! Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-91968147790139038252022-08-14T10:40:25.292+05:302022-08-14T10:40:25.292+05:30sir.sir.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-83607563827897041052022-08-14T10:00:11.768+05:302022-08-14T10:00:11.768+05:30Seems to be a truly big task demanding comprehensi...Seems to be a truly big task demanding comprehensive coordination of different segments of prevalent technical skills... Dr. Braj Kishorhttps://www.blogger.com/profile/06982842671013664280noreply@blogger.com