tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post2987133738935644857..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: भूल-गलतीRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-59976923474207575792012-05-12T23:55:42.304+05:302012-05-12T23:55:42.304+05:30सर ! आप मन के अउ बहुत झन के पीरा ल ...सर ! आप मन के अउ बहुत झन के पीरा ल श्री विश्वनाथ जी के आघू रखिहौं ;श्री विश्वनाथ जी सत्य अउ विद्वान मन के सम्मान करे म तुरंत जुटे बर तैयार रहिथें ;<br /> रामसुमेर शास्त्री <br /> [शिक्षक ]<br /> कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल,delhi-52RAM SUMERhttps://www.blogger.com/profile/09777066769837319900noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-63117656941970898212012-05-05T09:20:13.836+05:302012-05-05T09:20:13.836+05:30न जाने कितनी इस तरह से भूल गलती और भी अनेक पुस्तक...न जाने कितनी इस तरह से भूल गलती और भी अनेक पुस्तकों में होगी............सुधार आवष्यक है...............आने वाली पीढ़ी के लिऐ............Rakesh Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/01961346362476055583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-11573618695079436212012-04-08T09:17:17.531+05:302012-04-08T09:17:17.531+05:30bahut accha laga aapka vishleshan padhkar ....bahu...bahut accha laga aapka vishleshan padhkar ....bahut acchi prastuti.....Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-47439057210430269982012-04-07T12:54:42.587+05:302012-04-07T12:54:42.587+05:30सहमत हूँ।
गलतियाँ होना बहुत बड़ी बात नहीं है, लेनी...सहमत हूँ।<br />गलतियाँ होना बहुत बड़ी बात नहीं है, लेनी उसका सुधार नहीं करना, स्पष्टीकरण नहीं देना बहुत बड़ी चूक है खासकर तब जबकि आप एक बड़े वर्ग द्वारा मानक स्वरुप देखे जाते हैं।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-69144907680485340712012-04-06T12:02:06.436+05:302012-04-06T12:02:06.436+05:30महत्वपूर्ण विषयों पर अपरिपक्व लेखन से समाज का बहुत...महत्वपूर्ण विषयों पर अपरिपक्व लेखन से समाज का बहुत नुकसान हुआ है समय के साथ विभिन्न हाथों से गुजर कर ऐसे लेख जनमानस के मन में क्या स्थान बनायेंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है !<br />आपकी तीक्ष्ण निगाहों का आभार !<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-25928667115351703062012-04-05T21:11:01.945+05:302012-04-05T21:11:01.945+05:30SATEEK BAT UTHHAI HAI AAPNE IS POST KE MADHYAM SE ...SATEEK BAT UTHHAI HAI AAPNE IS POST KE MADHYAM SE .AABHAR <br /><br /><br /><a href="http://www.facebook.com/INDIAGOLD" rel="nofollow">LIKE THIS PAGE ON FACEBOOK AND WISH OUR INDIAN HOCKEY TEAM ALL THE BEST FOR LONDON OLYMPIC ...DO IT !</a>Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-83497668238430240622012-04-05T20:21:25.035+05:302012-04-05T20:21:25.035+05:30राहुल भाई प्रकाशन की गलतियाँ तो अब आम सी लगने लगी ...राहुल भाई प्रकाशन की गलतियाँ तो अब आम सी लगने लगी है कुछ स्थानीय समाचार पत्रों में संवाददाताओं द्वारा भेजे गए समाचारों की भाषा सोचने पर विवश कर देती है कि क्या इन्हें भाषा का ज्ञान भी है आपके द्वारा प्रस्तावित फोरम का विचार निसंदेह उत्तम है बहुत ही उम्दा पोस्टishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-72689525327494700402012-04-03T02:06:27.946+05:302012-04-03T02:06:27.946+05:30ये गलतियाँ छोटी-मोटी नहीं हैं -इनमें सीघ्र से शीघ्...ये गलतियाँ छोटी-मोटी नहीं हैं -इनमें सीघ्र से शीघ्र सुधार होना चाहिये !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-86812219663591985192012-03-31T20:40:11.454+05:302012-03-31T20:40:11.454+05:30आपकी पोस्ट से फिर एक बार आपके नीर-क्षीर विवेक का प...आपकी पोस्ट से फिर एक बार आपके नीर-क्षीर विवेक का पता चला। अच्छी समालोचना।dinesh gautamhttps://www.blogger.com/profile/12703343426381963314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-78688316087787364022012-03-31T20:28:26.118+05:302012-03-31T20:28:26.118+05:30ब्लॉग बुलेटिन पर जानिये ब्लॉगर पर गायब होती टिप्पण...<b><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/03/blog-post_31.html" rel="nofollow">ब्लॉग बुलेटिन पर जानिये ब्लॉगर पर गायब होती टिप्पणियों का राज़ और साथ ही साथ आपकी इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है आज के बुलेटिन में.</a></b>Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-57933467672497302682012-03-31T08:59:58.799+05:302012-03-31T08:59:58.799+05:30तथ्यपरख समीक्षा.तथ्यपरख समीक्षा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-61439806985041471952012-03-30T07:48:30.546+05:302012-03-30T07:48:30.546+05:30वैसे तो यह ठेके पर, थोक भाव में और सप्लाई प्रेरित...वैसे तो यह ठेके पर, थोक भाव में और सप्लाई प्रेरित कार्य का परिणाम जान पड़ता है, लेकिन यहां घटित के कारण के बजाय निदान पर बात केन्द्रित करने का प्रयास किया है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-43498264696694468762012-03-29T23:56:24.810+05:302012-03-29T23:56:24.810+05:30भाषा-वर्तनीगत अशुद्धियों का निवारण तो किसी अन्य वि...भाषा-वर्तनीगत अशुद्धियों का निवारण तो किसी अन्य विद्वान से पढ़वाकर कराया जा सकता है. लेकिन तथ्यों की त्रुटियाँ तो स्वयं लेखक पर ही निर्भर है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-69396245435609952532012-03-29T20:47:25.017+05:302012-03-29T20:47:25.017+05:30पुस्तक प्रेत लेखन का परिणाम तो नहीं है !पुस्तक प्रेत लेखन का परिणाम तो नहीं है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-8394768495940751592012-03-29T17:58:46.896+05:302012-03-29T17:58:46.896+05:30इरादे नेक लगते हैं !इरादे नेक लगते हैं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-9348551630976446642012-03-29T15:06:39.273+05:302012-03-29T15:06:39.273+05:30ऐसे फोरम का विचार अच्छा है। अगर वह बनता है तो मैं...ऐसे फोरम का विचार अच्छा है। अगर वह बनता है तो मैं उसमें शामिल होना चाहूंगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-22888365870778323222012-03-29T13:49:30.229+05:302012-03-29T13:49:30.229+05:30ऐसा फ़ोरम हो तो अच्छा ही है, यहाँ विद्वानों की कमी...ऐसा फ़ोरम हो तो अच्छा ही है, यहाँ विद्वानों की कमी नहीं है सो स्वेच्छा से आयेंगे। <br />शुभकामनायें।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-1075627882700197032012-03-29T08:58:19.756+05:302012-03-29T08:58:19.756+05:30आमतौर पर मैं ज्यादा किताबें नहीं पढ़ता क्योंकि आजकल...आमतौर पर मैं ज्यादा किताबें नहीं पढ़ता क्योंकि आजकल की किताबों में मौलिकता और शोधपरक तथ्यों का अभाव तथा अन्य किताबों से कापी पेस्ट कर लिखने की अजीब परम्परा दिखने लगी है ! यह किताब भी शायद श्रेय लेने और लेखक के रूप में स्थापित करने का प्रयास होकर उसी परम्परा का निर्वाह करती हो ! आपने जिन त्रुटियों पर ध्यान आकृष्ठ कराया है वे लेखन की प्राथमिक त्रुटियाँ हैं जो किसी भी स्थिति में कम से कम किताबों में नहीं होनी चाहिए !Sanjay Mahapatrahttps://www.blogger.com/profile/11720517167508994369noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-63466978357032625832012-03-28T21:10:40.643+05:302012-03-28T21:10:40.643+05:30ऐसी गलतियाँ स्वीकार कर बदलना बनता है।ऐसी गलतियाँ स्वीकार कर बदलना बनता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-65054573431466850872012-03-28T20:05:02.300+05:302012-03-28T20:05:02.300+05:30विद्वानों और विद्वत्ता का मामला है। इसमें हस्तक्...विद्वानों और विद्वत्ता का मामला है। इसमें हस्तक्षेप कर सकँ, यह पात्रता और क्षमता नहीं है मुझमें।<br /><br />ऐसा भी होता है कि स्थापित नाम का अपना प्रभाव हो जाता है जिसके चलते, पाण्डुलिपि के छिद्रावेषण का साहस नहीं हो पाता है। <br /><br />फोरम का आपका सुझाव अच्छा है। बन्द कमरे में बैठक कर किया जानेवाला कोई काम हो तो मुझे अवश्य बताइएगा। सहायक और उपयोगी होकर आत्मीय प्रसन्नता होगी।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-57485927735296808412012-03-28T19:51:43.364+05:302012-03-28T19:51:43.364+05:30" हिन्दी ब्लागिंग में जिम्मेदारी और गंभीरत..." हिन्दी ब्लागिंग में जिम्मेदारी और गंभीरता का सामूहिक भाव, उसे मजबूती देने में सहायक हो सकता है " sahmat hunDr. Braj Kishorhttps://www.blogger.com/profile/06982842671013664280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-65030420446037108802012-03-28T19:50:16.068+05:302012-03-28T19:50:16.068+05:30वैसे मैंने यह पोस्ट खिन्न मन से बनाई, मजे के लिए...वैसे मैंने यह पोस्ट खिन्न मन से बनाई, मजे के लिए कतई नहीं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-20052694842141164512012-03-28T19:38:40.645+05:302012-03-28T19:38:40.645+05:30वैसे चूक दिखाने में मजा भी आता है। फोरम या कोई ऐसी...वैसे चूक दिखाने में मजा भी आता है। फोरम या कोई ऐसी जगह हो तो बढिया होगा।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-22217600941229079852012-03-28T19:12:09.810+05:302012-03-28T19:12:09.810+05:30यह मेरा सौभाग्य रहा है की पेंड्रा में १९७५ में ट्र...यह मेरा सौभाग्य रहा है की पेंड्रा में १९७५ में ट्रेनिग काल में <br />इन जगहों पर जाने का सौभाग्य मिला .साथ ही आपके पूर्व प्रकाशित ब्लॉग में भी अमरकंटक सहित नदी का मानवीय करण<br />का आनंद तथ्यगत मिला ऐसी स्थिति में एक बड़े प्रकाशक का और <br />स्थापित लेखक की जिम्मेदारी लेख और लेख के प्रकाशन में दिखनी ही चाहिए .और मान लो सजोगवश ऐसा हो गया तो भूल सुधार कर लेने में क्या हर्ज है . कम से कम हम अपनी जिम्मेदारी तो समझें .Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-70012376896783556912012-03-28T18:44:22.706+05:302012-03-28T18:44:22.706+05:30साधारण पाठक को तथ्य की जानकारी नहीं होती है. जिस त...साधारण पाठक को तथ्य की जानकारी नहीं होती है. जिस त्रुटि की ओर आपने ध्यान दिलाया है वह केवल आप जैसे लोग ही रेखांकित कर सकते हैं. ब्लॉग पर एक ऐसा फोरम बनाने का विचार अच्छा है लेकिन इसमें हम जैसे साधारण लोग कुछ खास योगदान नहीं कर सकते बस पढ़ सकते हैं.अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.com