tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post1656704074113917117..comments2024-03-15T12:16:49.606+05:30Comments on सिंहावलोकन: ब्लागरी का बाइ-प्रोडक्टRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-82396889135050464842013-01-11T14:01:50.241+05:302013-01-11T14:01:50.241+05:30अब लग रहा है ..वानप्रस्थ की मानसिकता बन गयी है। चि...अब लग रहा है ..वानप्रस्थ की मानसिकता बन गयी है। चिंतन की दिशा बता रही है कि कुछ ही दिन में आपको लिखना पड़ेगा "वानप्रस्थ से सन्यास की ओर" बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-22632378406874118202013-01-05T20:50:20.843+05:302013-01-05T20:50:20.843+05:30जाने भी दो यारो.....हिन्दी फ़िल्म याद आ गई!!!!जाने भी दो यारो.....हिन्दी फ़िल्म याद आ गई!!!!Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-65818897240731057902012-12-14T10:02:22.900+05:302012-12-14T10:02:22.900+05:30साहित्य से सीधा कोई रिश्ता नहीं, फिर भी एक नयी विध...साहित्य से सीधा कोई रिश्ता नहीं, फिर भी एक नयी विधा का जन्म हो गया ..<br />कमाल है !स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-7414947751914930162012-12-13T08:35:16.744+05:302012-12-13T08:35:16.744+05:30आपका यह पोस्ट अच्छा लगा। मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्र...आपका यह पोस्ट अच्छा लगा। मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रिया की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-17021758759830118402012-12-13T07:42:30.589+05:302012-12-13T07:42:30.589+05:30यह प्रयोग जैसा ही है, उबड़-खाबड़पन को दुरुस्त करन...यह प्रयोग जैसा ही है, उबड़-खाबड़पन को दुरुस्त करने का प्रयास भी नहीं किया है. भाषा की गड़मड़ (गड़बड़ या गड्ड-मड्ड) कुछ हद तक मंजूर, आभार.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-42005735959508299182012-12-12T21:07:59.611+05:302012-12-12T21:07:59.611+05:30भाषा गड़मड़ लगी शिरा पकड़ते ही छूट जाता है।भाषा गड़मड़ लगी शिरा पकड़ते ही छूट जाता है।गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-53933720841945991152012-12-11T20:04:05.156+05:302012-12-11T20:04:05.156+05:30रसूल हमजातोव की "मेरा दागिस्तान" याद आ ...रसूल हमजातोव की "मेरा दागिस्तान" याद आ गया.आशा है कि शैली और उत्कृष्ट होगी.रीतेशnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-58520391067351653302012-12-11T16:27:54.168+05:302012-12-11T16:27:54.168+05:30सच एक है। विप्र उसे विविध प्रकार से कहते हैं। सच एक है। विप्र उसे विविध प्रकार से कहते हैं। Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-21661792244217197872012-12-11T15:02:19.420+05:302012-12-11T15:02:19.420+05:30@ "कुछ चीजें जिनसे न लाभ न हानि, उनसे सहमति-अ...@ "कुछ चीजें जिनसे न लाभ न हानि, उनसे सहमति-असहमति से निरपेक्ष रह कर नकल निभा लेने में हर्ज नहीं, क्योंकि गांठ बांधकर विरोध भी तो एक तरह का आकर्षण है, आसक्ति है, वह सिर्फ विरोधी नहीं रह जाता। निरासक्त रहना ही सच्ची नास्तिकता है और तभी वह आस्तिकता जैसी पवित्र और सम्मानजनक है।"<br /><br /><b>स्वर्णिम सूक्त सम वाक्य!!</b> सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-17301559736544108362012-12-11T11:40:29.666+05:302012-12-11T11:40:29.666+05:30बहुत बेहतरीन पोस्ट है... बहुत बेहतरीन पोस्ट है... Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-27699197056465476372012-12-11T00:21:31.741+05:302012-12-11T00:21:31.741+05:30ये तो 'उध्दरणीय उध्दरण' बन गए - बाई-प्रा...ये तो 'उध्दरणीय उध्दरण' बन गए - बाई-प्राडक्ट से प्राडक्ट बन गए।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-44266463933621184662012-12-10T10:05:10.905+05:302012-12-10T10:05:10.905+05:30हम पोस्टों को आंकते नहीं , बांटते भर हैं , सो आज भ...<a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/12/blog-post.html" rel="nofollow">हम पोस्टों को आंकते नहीं , बांटते भर हैं , सो आज भी बांटी हैं कुछ पोस्टें , एक आपकी भी है , लिंक पर चटका लगा दें आप पहुंच जाएंगे , आज की बुलेटिन पोस्ट पर </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-49709421644863209742012-12-10T09:55:43.465+05:302012-12-10T09:55:43.465+05:30पहचान हुई, आगे बढ़ी, और प्रगाढ़ हो ... शुभकामनायें...पहचान हुई, आगे बढ़ी, और प्रगाढ़ हो ... शुभकामनायें! Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-64853729154017951102012-12-09T19:23:52.089+05:302012-12-09T19:23:52.089+05:30वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई....वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...<br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-73751242682859313852012-12-09T00:09:37.963+05:302012-12-09T00:09:37.963+05:30बेहतरीन सोचों को कम शब्दों में कह गए जनाब..
बहुत अ...बेहतरीन सोचों को कम शब्दों में कह गए जनाब..<br />बहुत अच्छा लगा यह प्रयोग.. और नए प्रयोगों की अपेक्षा है अब..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-34366838826415794912012-12-08T20:27:44.308+05:302012-12-08T20:27:44.308+05:30 आपकी सोच का फलक बहुत विस्तृत है लेकिन है बिल्कुल... आपकी सोच का फलक बहुत विस्तृत है लेकिन है बिल्कुल पारदर्शी, पोस्ट ने आपको जानने के बारे में पाठकों की जिज्ञासा का एक एक फलक तो खोल ही दिया है आभारsourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-27833176974571480942012-12-08T19:07:48.370+05:302012-12-08T19:07:48.370+05:30मन को जो भावे, वह शब्दों में भी आवे।मन को जो भावे, वह शब्दों में भी आवे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-23042222023705391682012-12-08T16:14:14.716+05:302012-12-08T16:14:14.716+05:30बढ़िया प्रयोग है..पढ़ा-पढ़ा सा, जाना-जाना सा।बढ़िया प्रयोग है..पढ़ा-पढ़ा सा, जाना-जाना सा।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-74136357478982125192012-12-08T11:09:34.772+05:302012-12-08T11:09:34.772+05:30ऐसा ही बहुत सा गड्डम होता रहता था तो हार कर लधुकथा...ऐसा ही बहुत सा गड्डम होता रहता था तो हार कर लधुकथाओं का ब्लॉग बनाया था मैंनेKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-88195308384707084892012-12-08T11:03:34.029+05:302012-12-08T11:03:34.029+05:30बहुत से नये टोपिक मिल गये हमें तो इस कोलाज में:)बहुत से नये टोपिक मिल गये हमें तो इस कोलाज में:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-21644444668256616152012-12-08T10:46:06.576+05:302012-12-08T10:46:06.576+05:30likhan ki shaili.....soch ko chal....rook...chal.....likhan ki shaili.....soch ko chal....rook...chal...rook lag raha hai...........swadhyay itna nahi ki kahan ke sar-sandarbh atmsat kar<br />sakoon........tip-pratitip.....se kuch adhik samajhne ki gunjayas <br />bane, aisa lag raha hai........<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-17973074025777110992012-12-08T10:36:20.423+05:302012-12-08T10:36:20.423+05:30यह बायप्रोडक्ट बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर रहा है ...यह बायप्रोडक्ट बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर रहा है ... अभिनव प्रयोग । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-9807733950307630282012-12-08T10:15:24.710+05:302012-12-08T10:15:24.710+05:30असम्बद्ध होकर भी अद्भुत सम्बद्धता..... प्रयोग के ग...असम्बद्ध होकर भी अद्भुत सम्बद्धता..... प्रयोग के गद्य कवि की पदवी पर हाथ फेर लिया आपने तो Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-2305548425112665682012-12-08T00:27:07.575+05:302012-12-08T00:27:07.575+05:30मौलिक प्रयोग है सर, सूरज का सातवां घोड़ा दौड़ सकता...मौलिक प्रयोग है सर, सूरज का सातवां घोड़ा दौड़ सकता है Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14822859926166183696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-5439120408685297242012-12-07T22:14:35.496+05:302012-12-07T22:14:35.496+05:30बड़ी गहरी और सच्ची बातें ...मुझे समझने में वक्त लग...बड़ी गहरी और सच्ची बातें ...मुझे समझने में वक्त लगेगा ..पर फिर भी कोशिश करता रहूँगा ..आप जो भी लिखते हैं ,,बहुत अच्छा लिखते हैं ..इतना तो समझ आता ही है |<br />स्वस्थ रहें!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.com