tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post1324401796435527315..comments2024-03-29T11:26:01.369+05:30Comments on सिंहावलोकन: भाषाRahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-29232833354248527762018-10-30T06:32:52.038+05:302018-10-30T06:32:52.038+05:30https://ci.nii.ac.jp/ncid/BA84457589?l=enhttps://ci.nii.ac.jp/ncid/BA84457589?l=enRahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-67835148042230587762013-03-20T20:06:00.567+05:302013-03-20T20:06:00.567+05:30chetan singh likes the above written article. chetan singh likes the above written article. Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05162868344251145819noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-41566526295681416362012-06-30T13:56:56.400+05:302012-06-30T13:56:56.400+05:30naya janane ko mila... dhanyawad!naya janane ko mila... dhanyawad!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-45696393597091545722012-05-10T16:49:07.062+05:302012-05-10T16:49:07.062+05:30post achchi likhi,
sochna padega ,post achchi likhi,<br />sochna padega ,शेखचिल्ली का बापhttps://www.blogger.com/profile/04849047189746971974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-45430184631548124312012-05-10T12:03:23.470+05:302012-05-10T12:03:23.470+05:30Azanmig ! ! !Azanmig ! ! !डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-71939179963626973442011-11-03T21:58:28.044+05:302011-11-03T21:58:28.044+05:30पोस्ट बहुत रोचक है, भाषा के बारे में बहुत कुछ नया ...पोस्ट बहुत रोचक है, भाषा के बारे में बहुत कुछ नया जानने को मिला. <br /><br />संस्कृत के ये वाक्य बहुत अच्छे लगे. ऐसी बहुत सी चीज़ें हमने भी पढ़ी थीं पर आज कुछ भी याद नहीं है. संस्कृत पढ़े वक्त भी बहुत बीत गया, हमारे स्कूल में सुविधा ही नहीं थी, ८वीं के बाद कंप्यूटर या इकोनोमिक्स में कुछ लेना अनिवार्य था. <br /><br />बिहार से होने के कारण दो तरह की हिंदी का इस्तेमाल करती हूँ...बोलचाल की भाषा में हमारी हिंदी ऐसी होती है जो खड़ी बोली के व्याकरण पर नहीं चलती. कई बार लोगों को कहते सुना है कि ये गलत हिंदी है. मगर ये गलत हिंदी नहीं होती...वहाँ ऐसे ही बोलते हैं...सभी. वहीं जब लिखने की बात आती है तो सभी मात्राएं भी सही होती हैं और व्याकरण भी. <br /><br />कमेन्ट थोड़ा ज्यादा लंबा हो गया. क्षमाप्रार्थी हूँ.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-19578521815114340372011-09-22T03:55:09.902+05:302011-09-22T03:55:09.902+05:30आपकी पोस्ट पढ कर बहुत आनंद आया । मैने आपका अंग्रेज...आपकी पोस्ट पढ कर बहुत आनंद आया । मैने आपका अंग्रेजी वाला पैरा अपनी दस वर्षीय पोती से पढवाया और पाया कि मुझ से जल्दी उसनेपढ लिया । संस्कृत के श्लेषकारक वाक्य पढने में बहुत अच्छे लगे ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-23924389389364365442011-09-15T00:33:20.622+05:302011-09-15T00:33:20.622+05:30बहुत आनन्द आया यह पोस्ट पढ कर। निश्चय ही गए जन्...बहुत आनन्द आया यह पोस्ट पढ कर। निश्चय ही गए जन्म में कोई पुण्य किया होगा कि इस जन्म में आपको पढ रहे हैं, आपसे बतिया रहे हैं।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-32571083330865312092011-09-14T02:58:23.056+05:302011-09-14T02:58:23.056+05:30संस्कृत भाषा के कमाल पसंद आये, धन्यवाद!संस्कृत भाषा के कमाल पसंद आये, धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-79999381017596699732011-09-12T15:59:38.436+05:302011-09-12T15:59:38.436+05:30सहमत पूरी तरह।सहमत पूरी तरह।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-39337323699526535572011-09-12T11:00:49.858+05:302011-09-12T11:00:49.858+05:30बहुत सटीक. अच्छा ज्ञानवर्धन हुआ.बहुत सटीक. अच्छा ज्ञानवर्धन हुआ.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-62236147507158019482011-09-12T07:50:11.183+05:302011-09-12T07:50:11.183+05:30ज्ञानवर्द्धक और उपयोगी आलेख … आभार !
शायद इसकी औ...ज्ञानवर्द्धक और उपयोगी आलेख … आभार !<br /><br />शायद इसकी और कड़ियां भी आएंगी…<br />देखते रहेंगे ।<br /><br /><b> *माता-गृहिणी का शब्द भंडार 4000 शब्दों का होता है* <br /> 'इतनी कम लागत और इतना बड़ा कारोबार'</b> :)Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-47357984176298337892011-09-11T18:41:37.223+05:302011-09-11T18:41:37.223+05:30बढ़िया पोस्ट,काम की जानकारी,आभार.बढ़िया पोस्ट,काम की जानकारी,आभार.Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-69412743055675933192011-09-10T11:27:12.271+05:302011-09-10T11:27:12.271+05:30भाषा पर विवेचना अच्छी रही, महिलाओं के पास शब्द भले...भाषा पर विवेचना अच्छी रही, महिलाओं के पास शब्द भले कम हों लेकिन वार बखूबी पड़ता है। शायन चयन की निपुणता उनके पास अधिक हो। हिंदी के पिछड़ने कारण भी यही रहा कि उसमे दूसरी भाषाओं को समाहित करने के बजाय विज्ञान आदि विषयों के क्लिष्ट शब्द जोड़ दिये गये। अब हिंदी में दूसरी भाषाओं के शब्द जोड़े जा रहे हैं तो इस प्रकार कि मौलिकता के लिये जगह ही नही बची। यथा सिटी भास्करArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-29704765776285358212011-09-10T09:21:21.640+05:302011-09-10T09:21:21.640+05:30बहुत रोचक बातें. हवाई की बात पढ़ते हुए सोचा कि शाय...बहुत रोचक बातें. हवाई की बात पढ़ते हुए सोचा कि शायद जब अचानक प्रवासी बन कर लोग नयी जगह पहुँचते हैं तो शायद ऐसा अक्सर होता हो कि बच्चे ही नयी भाषा का निर्माण करें. अफ्रीकी क्रियोल भी तो कुछ ऐसी ही है, हिन्दी, अरबी और अफ्रीकी शब्दों से बनी.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-24416179885894914362011-09-10T09:20:01.540+05:302011-09-10T09:20:01.540+05:30संस्कृत को हमारे राजनीतिबाजों ने मृत बना दिया और ह...संस्कृत को हमारे राजनीतिबाजों ने मृत बना दिया और हमने भी उसमें योगदान दिया.<br />अब अगर हिन्दी बची है तो उसका कारण है, फिल्में, टीवी और श्रमिक. <br />आपकी फोटो बहुत अच्छी लगती है, किसी बच्चे की मासूमियत उसमें से छलक रही है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-21274534356762528782011-09-09T19:21:21.065+05:302011-09-09T19:21:21.065+05:30इतनी बेहतरीन जानकारी...और इतना सारा क्षमायाचन?? :)...इतनी बेहतरीन जानकारी...और इतना सारा क्षमायाचन?? :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-33582096630513297042011-09-09T00:06:21.921+05:302011-09-09T00:06:21.921+05:30देर से आया यहाँ। बहुत संतुष्ट नहीं हो सका इस लेख स...देर से आया यहाँ। बहुत संतुष्ट नहीं हो सका इस लेख से। वैसे कोशिश करने की इच्छा कुछ दिनों से है कि हिन्दी में भी एक वाक्य या पद्यांश ऐसा हो जिसमें सब वर्ण आ जायँ। संस्कृत की जिस कविता की बात ब्रजकिशोर जी कर रहे हैं, उसे देखने की तीव्र इच्छा है। शायद और कुछ कहेंगे आप जल्द ही यानि 14 सितम्बर तक। अद्भुत पोस्ट नहीं कह सकता। लेकिन ठीक है। आगे का इन्तजार है।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-31775313717695123922011-09-08T23:47:13.954+05:302011-09-08T23:47:13.954+05:30अद्भूत पोस्ट. भाषा की यह विलक्षणताएं अचंभित करती ह...अद्भूत पोस्ट. भाषा की यह विलक्षणताएं अचंभित करती हैं.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-15012168361533658602011-09-08T21:55:27.030+05:302011-09-08T21:55:27.030+05:30अतिरोचक ज्ञानवर्धक व आनंददायी आलेख....
उदहारण जो ...अतिरोचक ज्ञानवर्धक व आनंददायी आलेख....<br /><br />उदहारण जो आपने दिए हैं...ओह...<br /><br />मुग्ध भाव से पढ़ा...<br /><br />आभार....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-44732180163426218492011-09-08T16:31:21.408+05:302011-09-08T16:31:21.408+05:30सभी भाषाओँ का विकास की प्रक्रिया एक जैसी ही रही है...सभी भाषाओँ का विकास की प्रक्रिया एक जैसी ही रही है.... ज्ञानवर्धक आलेख... हिंदी समृद्ध हो रही है.. भले संस्कृत की बलि देकर...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-78550209481153002892011-09-08T15:05:23.297+05:302011-09-08T15:05:23.297+05:30bahut hi gyanverdhak aur bahumulya psot ke liye aa...bahut hi gyanverdhak aur bahumulya psot ke liye aapko bahut bahut badhai...........jankari paker bahut accha laga......her baar ki tareh hi ya kahe ki aur bhi acchi prastuti ke liye dhanywaad........itna gyan aap kaha se samet late hai .samj nahi aata .......wakai aapke pass to gyan ka bhandar hai .......kosis karunga ki jab bhi mauka lage aapke paas aker kuch sikh saku.........aabharamrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-47307238316558538742011-09-07T22:05:54.413+05:302011-09-07T22:05:54.413+05:30सर , पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ और इस ब्लॉग मे...सर , पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ और इस ब्लॉग में बसा हुआ ज्ञान को देख कर चकित हूँ , कि मैं अब तक यहाँ क्यों नही आ पाया . आपके लेखन कौशल को प्रणाम करता हूँ और अब हमेशा ही आने की कोशिश करूँगा . <br /><br />बहुत बहुत धन्यवाद. <br /><br />आपको इस पोस्ट के लिये बधाई !!<br />आभार <br />विजय <br />-----------<br />कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.htmlvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-61237449738398252112011-09-07T20:58:09.460+05:302011-09-07T20:58:09.460+05:30राहुल भाई बहुत ही अच्छा विषय है १४ सितम्बर को हिंद...राहुल भाई बहुत ही अच्छा विषय है १४ सितम्बर को हिंदी दिवस मेरी नजर में तो मात्र रश्म अदायगी ही है मुझे याद है मै सी सी आई में सेवा में था तब हिंदी पखवारा मनाया जाता था अनेकों प्रतियोगिताएं होती थी लगभग हर साल ही मैं सर्वाधिक पुरस्कार जीता करता था किन्तु मन कहीं न कहीं तो कचोटता ही था कि क्या मात्र हिंदी पखवारा मनाकर ही हम हिंदी के विकास के लिए कुछ कर पाएंगे एक बार इन्ही प्रतियोगिता में भाग लेते समय मैंने प्रशिद्ध लेखिका शिवानी का एक लेख पढ़ा था हिंदी पर ही उन्होंने लिखा था कि हिंदी की स्थिति उसी तरह है कि ** मोर पिया मोरी बात न पूछे तौऊ सुहागन नाम ** <br />हर वर्ष की ही तरह क्या इस साल भी यह रश्म अदायगी नहीं होगीishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1560745184921178776.post-53854430077399338532011-09-07T17:54:04.855+05:302011-09-07T17:54:04.855+05:30रोचक और ज्ञानवर्धकरोचक और ज्ञानवर्धकAvinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.com